मोदी सरकार हर कदम पर किसानों के साथ है: भाजपा किसान मोर्चा

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भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद श्री राजकुमार चाहर जी और भाजपा सांसद श्री विजय पाल सिंह तोमर ने आज गुरुवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में मीडिया को संबोधित किया और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा गन्ने के फेयर एंड रिम्युरेटिव प्राइस (FRP) को बढ़ाकर अब तक के उच्चतम ₹290 प्रति क्विंटल किये जाने पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया और कहा कि मोदी सरकार हर कदम पर किसानों के साथ है।

श्री चाहर और श्री तोमर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि गन्ना सीजन 2021-22 के लिए चीनी मिलों द्वारा देय गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य निर्धारण को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कल ही अपनी स्वीकृति दी है। 10% की रिकवरी के आधार पर FRP 290 रुपये/क्विंटल निर्धारित किया गया है जो अब तक का उच्चतम समर्थन मूल्य है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के इस निर्णय से देश के लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों, उनके आश्रितों और इस क्षेत्र में काम कर रहे लगभग 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा। सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए यह भी निर्णय लिया है कि उन चीनी मिलों के मामले में कोई कटौती नहीं होगी जहां वसूली 9.5 प्रतिशत से कम है।

श्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार में जब से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार आई है, तब से लगातार गन्ना किसानों की चिंता की जा रही है। पिछले चीनी सीजन 2019-20 में लगभग 75,845 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया देय था, जिसमें से 75,703 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। वर्तमान चीनी सीजन 2020-21 में 90,959 करोड़ रुपये के गन्ना बकाया में से 23 अगस्त, 2021 तक किसानों को 86,238 करोड़ रुपये की गन्ना बकाया धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। गन्ने के निर्यात में वृद्धि और गन्ने से इथेनॉल बनाने की प्रक्रिया से किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी आई है। सरकार अपने किसान हितैषी उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि गन्ना किसानों को उनकी बकाया धनराशि समय पर मिले। गन्ने के रस से सीधा एथेनॉल बने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने चीनी मिलों को सॉफ्ट लोन के रूप में साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का एक पैकेज दिया है। अधिकतर चीनी मिलों ने एथेनॉल बनाने का काम शुरू कर दिया है। विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में ब्राजील से 40 लाख मीट्रिक टन चीनी आयात की गई थी। जबकि देश को इसकी आवश्यकता नहीं थी। इस चीनी को डेढ़ वर्ष तक देश में खपाने का काम किया गया।

श्री चाहर ने कहा कि चीनी सीजन 2021-22 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 155 रुपये प्रति क्विंटल है। 10 प्रतिशत की वसूली दर पर 290 रुपये प्रति क्विंटल की यह एफआरपी उत्पादन लागत से 87.1 प्रतिशत अधिक है, यह किसानों को उनकी लागत पर 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न देने के वादे को भी सुनिश्चित करती है।  माननीय प्रधानमंत्री जी का यह निर्णय न केवल किसानों को सशक्त बनाएगा बल्कि उनकी आमदनी को भी दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 7 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए इतना कुछ किया गया है, जो 70 वर्षों में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अब तक 9 किस्तें जारी कर दी गई हैं जिसमें किसानों के एकाउंट में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। लगभग 2 करोड़ से अधिक किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कृषि ऋण दिया गया और कृषि ऋण पर ब्याज दर में छूट का प्रावधान किया गया। साथ ही, DAP खाद के लिए सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला भी लिया गया। इस बार फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ रिकॉर्ड खरीद हुई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचा के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं। किसानों को फसल बेचने की आजादी दी गई है।