रामदास अग्रवाल नहीं रहे

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राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर के प्रतिष्ठित मंगोड़ीवाले परिवार में जन्मे प्रखर राजनीतिक व समाजसेवी श्री रामदास अग्रवाल 25-26 जनवरी की मध्यरात्रि में पंचतत्व में विलीन हो गए। वे पिछले एक वर्ष से अस्वस्थ थे। श्री रामदास अग्रवाल का जन्म 17 मार्च 1937 को जयपुर में हुआ था। वे श्री रामेश्वर दास अग्रवाल के छः पुत्रों में सबसे बड़े थे। श्री रामदास अग्रवाल के तीन पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। वे मात्र 8 वर्ष की आयु के बाल स्वयंसेवक बने और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय रहे। श्री रामदास दो बार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दो बार राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे। साथ ही कई राज्यों में पार्टी के प्रभारी भी रहे। वे अंतर्राष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन के संस्थापक अध्यक्ष और आल इंडिया वैश्य फेडरेशन के अध्यक्ष थे।
श्री अग्रवाल पहली बार 1990 में राज्य सभा के सांसद बने। इसके पश्चात् 1996 तथा 2006 में पुनः राज्य सभा के लिए चुने गए। वे 1990 में भाजपा राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष बने और अगले 7 वर्षों में भाजपा का अभूतपूर्व विस्तार किया। श्री अग्रवाल 24 दिसम्बर 1999 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर रहे। उनकी कार्यशैली और संगठनात्मक सक्रियता के फलस्वरूप 11 जुलाई 2002 और 29 जनवरी 2007 में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने आपातकाल के दौरान जेल में गए देशभक्तों के परिवारों की हर प्रकार से सहायता की।

उनके निधन पर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा कि रामदास अग्रवाल के निधन से भाजपा को क्षति हुई है। उन्होंने संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यही नहीं, भाजपा के राजनैतिक और रणनीतिकार के रूप में लोकप्रिय श्री अग्रवाल के विपक्षी दलों के साथ भी मधुर संबंध रहे। उनके निधन की जानकारी मिलते ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री अशोक परनामी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री सचिन पायलट सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पहुंच कर शोक व्यक्त किया।

वे प्रतिबद्ध एवं उत्कृष्ट राजनेता थे

-अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष

मुझे जानकार यह अत्यंत दुःख हुआ कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री रामदास अग्रवाल जी का निधन हो गया। वे एक समर्पित स्वयंसेवक, प्रतिबद्ध कार्यकर्ता एवं उत्कृष्ट राजनेता थे।

बहुआयामी प्रतिभा के धनी श्री अग्रवाल 18 वर्षों तक राज्यसभा सांसद तथा दो बार भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे। राजस्थान में पार्टी को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ वे साढ़े सात साल तक राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। इसके अलावे वे दो बार भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और कई राज्यों में पार्टी के प्रभारी भी रहे। वे सामाजिक कार्यों में भी निरंतर सक्रिय रहे और विभिन्न सामाजिक संगठनों के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।

सौम्य व्यक्तित्त्व, कुशल सांगठनिक क्षमता, ओजस्वी वक्ता और जनता से जुड़ी समस्याओं को उठाने वाले एक जुझारू नेता के रूप में श्री रामदास अग्रवाल सदैव याद किये जायेंगे। उनके निधन से देश ने राजनैतिक एवं सामाजिक जीवन के एक महत्त्वपूर्ण कार्यकर्ता एवं कुशल मार्गदर्शक को खो दिया है। श्री अग्रवाल का निधन भारतीय जनता पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

दुःख की इस घड़ी में मैं स्वयं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। साथ ही भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को धैर्य और साहस प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।