देश के 60 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को मिल रहा है ‘नल से स्वच्छ पेयजल’

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अगस्त, 2019 में ‘जल जीवन मिशन’ की शुरुआत के समय 19.43 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (16.65 प्रतिशत) परिवारों के पास ही नल का पानी उपलब्ध था, जबकि अब 11.66 करोड़ घरों (60 प्रतिशत) और 58 करोड़ लोगों को घर में नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चार अप्रैल को जारी एक बयान के अनुसार इस समय देश के 60 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है। भारत में 1.55 लाख से अधिक गांवों (कुल गांवों की संख्या का 25 प्रतिशत) को अब ‘हर घर जल’ पहुंच रहा है यानी इन गांवों के प्रत्येक घर के अपने परिसर में नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध है। चालू वर्ष में जनवरी से मार्च, 2023 तक जल जीवन मिशन के तहत प्रति सेकंड एक नल कनेक्शन प्रदान किया गया है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जिसमें वर्ष 2023 के पहले तीन महीनों के दौरान प्रतिदिन औसत रूप से 86,894 नए नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य सभी ग्रामीण परिवारों को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में (55 एलपीसीडी) पर्याप्त दबाव के साथ निर्धारित गुणवत्ता का पानी उपलब्ध कराना है। ‘जल जीवन मिशन’ की समग्र वित्तीय प्रतिबद्धता 3600 बिलियन (43.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर) रुपये है, जो इसे विश्व का एक सबसे बड़ा कल्याणकारी कार्यक्रम बनाती है।

गौरतलब है कि अगस्त, 2019 में ‘जल जीवन मिशन’ की शुरुआत के समय 19.43 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (16.65 प्रतिशत) परिवारों के पास ही नल का पानी उपलब्ध था, जबकि इस समय 11.66 करोड़ (60 प्रतिशत) से अधिक ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में ‘नल से जल’ की आपूर्ति हो रही है। 5 राज्यों गुजरात, तेलंगाना, गोवा, हरियाणा और पंजाब और 3 केंद्रशासित प्रदेशों— अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दमन दीव एवं दादरा नगर हवेली और पुडुचेरी ने शत-प्रतिशत कवरेज हासिल कर ली है।

‘जल जीवन मिशन’ को लागू करने की गति और उसका पैमाना अभूतपूर्व रहा है। केवल 3 वर्षों में 40 करोड़ से अधिक लोगों के साथ 8.42 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवार (आईएमआईएस स्रोत के अनुसार 4.95 व्यक्ति प्रति ग्रामीण परिवार) कार्यक्रम के तहत लाभान्वित हुए हैं। यह संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका की 33.1 करोड़ जनसंख्या से अधिक है और यह ब्राजील की 21 करोड़ और नाइजीरिया की 20 करोड़ जनसंख्या से लगभग दोगुनी है और मेक्सिको की 12.8 करोड़ और जापान की 12.6 करोड़ जनसंख्या से तीन गुना से भी अधिक है।