कानूनी प्रावधानों के साथ सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को अब तक कुल 42,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पाटने के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 7वीं साप्ताहिक किस्त जारी की। इसमें से कुल 5,516.60 करोड़ रुपये की राशि 23 राज्यों को जारी की गई है और 483.40 करोड़ रुपये की राशि विधानसभा वाले 3 केन्द्रशासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुदुचेरी), जो जीएसटी काउंसिल के सदस्य हैं, को जारी की गई है। शेष 5 राज्यों– अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम– में जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में कोई कमी नहीं हुई है।
वित्त मंत्रालय की 14 दिसंबर को जारी एक रपट के अनुसार भारत सरकार ने जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में पैदा हुई 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए अक्टूबर, 2020 में एक विशेष उधार खिड़की की व्यवस्था की थी।
भारत सरकार द्वारा राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की ओर से इस खिड़की के जरिए उधार लिया जा रहा है। ये उधारियां 7 चरणों में की गई हैं। अब तक उधार ली गई राशि क्रमशः 23 अक्टूबर, 2020, 2 नवंबर, 2020, 9 नवंबर, 2020, 23 नवंबर, 2020, 1 दिसंबर, 2020, 7 दिसंबर, 2020 और 14 दिसंबर, 2020 को राज्यों को जारी की गई हैं।
इस सप्ताह जारी की गई राशि राज्यों को प्रदान की गई ऐसी निधि की 7वीं किस्त थी। इस सप्ताह यह राशि 5.1348% की ब्याज दर पर उधार ली गई है। केन्द्र सरकार द्वारा अब तक 4.7712% की औसत ब्याज दर पर विशेष उधार खिड़की के जरिए कुल 42,000 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है।
जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में हुई कमी को पूरा करने के लिए विशेष उधार खिड़की के जरिए धन प्रदान करने के अलावा भारत सरकार ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पूरा करने के लिए विकल्प–1 का चुनाव करने वाले राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद करने के उद्देश्य से राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50% के बराबर की राशि अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति भी दी है।
सभी राज्यों ने विकल्प-1 के प्रति अपनी प्राथमिकता जतायी है। इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50%) की संपूर्ण अतिरिक्त राशि उधार लेने की अनुमति दी गई है।