देश के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को विजय चौक से ऐतिहासिक लाल किले तक देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया जहां भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, आधुनिक युग की उसकी उपलब्धियां और देश की सुरक्षा की गारंटी देने वाली फौज की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
इस साल गणतंत्र दिवस परेड पर मुख्य अतिथि के रूप में ब्राजील के राष्ट्रपति श्री जेयर मेसियस बोलसोनारो थे। उन्होंने राजपथ पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ भव्य परेड को देखा।
सलामी मंच पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया। अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों एवं जहाजों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपट सकने की देश की ताकत का अहसास कराया।
सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले युद्धक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देखा गया। इन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का अहसास हुआ।
परेड के 8 किलोमीटर के रास्ते में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और बुजर्गों के चेहरों की चमक और उत्साह देखते ही बनता था।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर साफा बांधने की अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए इस बार गणतंत्र दिवस पर केसरिया रंग का ‘बंधेज’ का साफा बांधा। पारंपरिक कुर्ता पाजामा और जैकेट पहने प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति के बजाय पहली बार यहां नवनिर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।