देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूती प्रदान करने और इसे व्यापक बनाने को मिली मंजूरी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 फरवरी को देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूती प्रदान करने और इसकी पहुंच को जमीनी स्तर तक व्यापक बनाने को मंजूरी दी।

केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के सक्षम मार्गदर्शन में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के समन्वय के माध्यम से ‘संपूर्ण-सरकार’ वाले दृष्टिकोण का लाभ उठाते हुए व्यवहार्य प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) से वंचित प्रत्येक पंचायत में उनकी स्थापना करने, व्यवहार्य डेयरी सहकारी समितियों से वंचित प्रत्येक पंचायत/गांव में उनकी स्थापना करने और प्रत्येक तटीय पंचायत/गांव के साथ-साथ विशाल जलाशयों वाली पंचायत/गांव में मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना करने और मौजूदा पीएसीएस/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों को मजबूती प्रदान करने की योजना तैयार की है।

प्रारंभ में अगले पांच वर्षों में 2 लाख पीएसीएस/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नाबार्ड, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) द्वारा कार्य योजना तैयार की जाएगी।

चालू योजना के अंतर्गत समन्वय के लिए निम्न योजनाओं की पहचान की गई है:

क. पशुपालन और डेयरी विभाग:

i. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) और
ii. डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास कोष (डीआईडीएफ)

ख. मत्स्य पालन विभाग:

i. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और
ii. मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ)

यह योजना देश भर में सदस्य किसानों को उनकी उपज का विपणन करने, उनकी आय बढ़ाने, ग्राम स्तर पर ही ऋण सुविधाएं और अन्य सेवाएं प्राप्त करने के लिए आवश्यक फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज प्रदान करेगी। पुनर्जीवित नहीं की जा सकने वाली प्राथमिक सहकारी समितियों को बंद करने के लिए चिन्हित किया जाएगा और उनके परिचालन के क्षेत्र में नई प्राथमिक सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी।