शीर्ष पर भाजपा

| Published on:

कैलाश विजयवर्गीय

रत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद पर भारतीय जनता पार्टी के साधारण सदस्यों के विराजमान होने से हमारे लोकतंत्र की अद्भुत शक्ति का परिचय प्राप्त होता है। भारतीय संसदीय परम्परा में यह पहला अवसर है कि चार शीर्ष पदों पर भाजपा के कार्यकर्ता शोभा बढ़ा रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को मिली विजय के बाद श्री नरेंद्र भाई मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। देश ने संसद में 30 साल किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत दिया था। इस एेतिहासिक विजय के बाद भाजपा का विजय रथ लगातार अग्रसर हो रहा है। आज 13 राज्यों में भाजपा की सरकार हैं और पांच राज्यों में गठबंधन सरकारें जनहित के कार्यों को आगे बढ़ा रही हैं। लोकसभा में पहली बार ही भाजपा की माननीय सुमित्रा ताई अध्यक्ष बनीं। राजग के अन्य घटक दलों के सदस्य पहले लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं पर यह पहली बार हुआ कि भाजपा की किसी साधारण सदस्य को यह पद मिला। भाजपा के माननीय रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति बने। बहुत ही गरीब परिवार में जन्मे कोविंद जी का देश का राष्ट्रपति बनना कोई साधारण घटना नहीं है। दलित परिवार के कोविंद जी ने कहा भी कि ऐसा भाजपा में ही संभव था कि किसी गरीब परिवार को व्यक्ति को राष्ट्रपति बनने का मौका मिला। अब 11 अगस्त को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एम. वेकैंया नायडू शपथ लेंगे। किसान परिवार में जन्मे माननीय नायडू दक्षिण भारत से सातवें उपराष्ट्रपति हैं। हाजिर जवाबी नायडू जी अब उच्च सदन के सभापति होंगे। संसद में विपक्षी हमलों की धार को भौंथरा करने वाले नायडू ने उपराष्ट्रपति बनने से ही पहले कहा था कि वह निर्भय और निष्पक्ष होकर सदन का कामकाज संचालित करने की ईमानदार कोशिश करेंगे। सदन के कामकाज के नियमों और संकल्पों के अनुसार काम करने और सभी सदस्यों के सहयोग से सदन की मर्यादा को बनाए रखने का उन्होंने संदेश दिया है।

भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए यह गौरव की बात है कि उनके बीच काम करने वाले नेता आज देश का नेतृत्व कर रहे हैं। खासतौर पर यह भी महत्वपूर्ण हैं कि सभी साधारण घऱों से शीर्ष पदों तक पहुंचे हैं। भाजपा के सिपाही के नाते और व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे इन सभी के साथ काम करने का अवसर मिला है। लोकसभा अध्यक्ष माननीया सुमित्रा ताई तो मेरे शहर इंदौर की शान हैं। आठ बार लोकसभा की सदस्य रहीं सुमित्रा ताई को सबको साथ लेकर चलने का अनुभव है। लोकसभा अध्य़क्ष के तौर पर उन्होंने सभी दलों के नेताओं को साथ लेकर चलने की परम्परा को बहुत आगे बढ़ा दिया है। मोदी जी के बारे में तो देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि कैसे एक गरीब चाय वाले के परिवार में जन्मे मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने। गरीबों की भलाई में जुटे मोदी जी को देश के आर्थिक उत्थान में इस वर्ग का भरपूर समर्थन और प्यार मिला है। गरीबों के समर्थन के कारण ही हमने उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में लंबे समय से जात-पात की राजनीति करने वाले दलों को हाशिये पर पहुंचा दिया। हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी मोदी सरकार के उल्लेखनीय कार्यों के कारण भाजपा की सरकारें बनी। अब देश में भाजपायुक्त नारे का संकल्प पूरा हो रहा है। कांग्रेस मुक्त होते भारत में पहली बार ऐसा हुआ है कि शीर्ष चार पदों पर कांग्रेस का कोई व्यक्ति नहीं है। यहां यह उल्लेख करना भी जरूरी है कि उच्च सदन में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाने का श्रेय मध्य प्रदेश से उपचुनाव में जीती संपतिया उईके को मिला है। राज्यसभा में अगले साल भाजपा की ताकत और बढ़ जाएगी। भाजपा के विजय रथ के आगे बढ़ने के कारण अगले साल तक राज्यसभा में राजग को बहुमत मिल जाएगा। विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दलों को 11 करोड़ कार्यकर्ताओं की बदौलत उच्च सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनने का अवसर मिलेगा। भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह भी जल्दी ही राज्य सभा में दिखाई देंगे। मोदी और शाह की जोड़ी ने देश की राजनीति की दिशा और दशा पूरी तरह बदल दी है। भाजपा अध्यक्ष के हाल में विभिन्न राज्यों में दौरे के दौरान मिले जन समर्थन से दिखाई दे रहा है कि शीघ्र ही पूरे देश में भाजपा का परचम फहराने वाला है।

भाजपा में साधारण कार्यकर्ता से आगे बढ़े नायडू जी गंभीर बात को इस तरह कहते हैं कि बात सही तरीके से पहुंच जाती है। माननीय अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें उनकी मांग पर ही ग्रामीण विकास मंत्रालय दिया। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उनसे जब इस पद पर उनकी दावेदारी के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि उषापति बनकर ही खुश हूं। सरकार या पार्टी की गंभीर बैठकों में भी उनकी हाजिर जवाबी की प्रशंसा होती रही है। दक्षिण भारतीय होने के बावजूद नायडू जी हिन्दी में अलंकारिक भाषा का प्रयोग करके वाकचातुर्यता में कोई मुकाबला नहीं था। हिन्दी के प्रबल समर्थक नायडू जी संसद में हर विषय पर प्रभावी राय रखते हैं। मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्रालय मिलने पर भी उन्होंने कहा कि गांव से पलायन हो गया है। अटल सरकार में उन्होंने जिस मजबूती से गांवों में सड़क बनाने का काम किया और वो भी कई मंत्रियों के विरोध के बावजूद, वह उल्लेखनीय है। मोदी जी ने इसी आधार पर उनको देश के शहरों की सूरत बदलने का काम सौंपा, जो उन्होंने बखूवी निभाया। एक किसान परिवार में जन्म लेने वाले वेंकैया जी ने उपराष्ट्रपति बनने पर अभिभूत होकर कहा कि एक आम आदमी को यह सम्मान प्राप्त हुआ है, उनकी जड़ें एक सामान्य किसान परिवार से जुड़ी हुई हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में नायडू जी को मिले मत भी बतातें है कि राजग का कुनबा बढ़ने वाला है। राजग के अलावा उन्हें विपक्षी दलों के सांसदों का भी समर्थन मिला है। राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के वोट कम हुए हैं। नायडूजी को मिला समर्थन बताता है कि विपक्ष को भी अपने नए सभापति में पूरा भरोसा है।

(लेखक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं।)