‘डबल इंजन’ की भाजपा सरकार उत्तराखंड में विकास और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करेगी

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हाल ही में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की गयी है। चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार उत्तराखंड विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतदान 14 फरवरी, 2022 को एक चरण में होगा और परिणाम 10 मार्च, 2022 को घोषित किए जाएंगे। भाजपा के लिए उत्तराखंड बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी ने राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखंड को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता मिली, ऐसा माना जाता है कि अलग राज्य की मांग पहली बार 1938 में उठी थी। हालांकि, इस आंदोलन में गति उस वक्त आयी जब उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की स्थापना के बाद एक अलग राज्य के गठन की बात को उठाया गया। इसी दौरान भाजपा ने भी 1989 में उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिति का गठन कर एक अलग पहाड़ी राज्य की मांग को प्रशस्त किया।

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने यूपी सरकार को ‘उत्तरांचल विधेयक’ भेजा, जिसके बाद यूपी विधानसभा द्वारा 26 संशोधनों के साथ कानून पारित किया गया। इस विधेयक के संसद द्वारा पारित होने और भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित होने के बाद नया राज्य ‘उत्तराखंड’ 9 नवंबर, 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। भाजपा नेता श्री नित्यानंद स्वामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने।

2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 46 प्रतिशत से अधिक मत प्रतिशत प्राप्त करते हुए उत्तराखंड चुनाव जीता। पार्टी ने राज्य के चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन किया और 70 सदस्यीय विधानसभा में 57 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को केवल 11 सीटें मिलीं और अन्य पार्टियों को केवल दो सीटें मिलीं। भाजपा की इस आंधी में तत्कालीन कांग्रेस के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री हरीश रावत को हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दोनों विधानसभा सीटों से हार का मुंह देखना पड़ा था।

पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार अपने कार्यकाल के दौरान अंदरूनी कलह और भ्रष्टाचार में लिप्त थी, कांग्रेस के शासन के दौरान राज्य के विकास की अनदेखी की गई और पार्टी राज्य को एक स्थिर सरकार भी नहीं दे पायी। सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद रक्षा संबंधी कई जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया गया। कनेक्टिविटी के साथ-साथ, राज्य में कांग्रेस सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू की अनदेखी की गई। लेकिन पिछले पांच सालों में भाजपा की डबल इंजन सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मागदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के युवा नेतृत्व में विभिन्न केंद्रीय और राज्य नीतियों एवं योजनाओं को सफलतापूर्वक प्रदेश में लागू किया है, जिसका बड़ी संख्या में प्रदेश की जनता को लाभ हुआ है। प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में 2,671 कि.मी. नई सड़कों का निर्माण, 2,975 कि.मी. सड़कों का पुनर्निर्माण और 243 पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में 618 किमी नई सड़कों का निर्माण, 871 किमी पुनर्निर्माण और 68 पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है।

भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना—’उड़े देश का आम नागरिक’ (आरसीएस-उड़ान) के तहत राज्य को पहली बार देहरादून के सहस्त्रधारा से गौचर और चिन्यालीसौर तक हेलीकॉप्टर सेवाएं मिली हैं। इसके अलावा, विभाग द्वारा 9 हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है और 20 केंद्र के आरसीएस के तहत अनुमानित हैं। उड़ान योजना के तहत देहरादून और पंतनगर के बीच बहुप्रतीक्षित वाणिज्यिक उड़ान सेवा भी शुरू हुई।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ड्रीम परियोजना ‘ऑल-वेदर चार धाम रोड’ पूरी होने वाली है, जो गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ, चार पवित्र स्थलों को 12,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से जोड़ेगी। राज्य ने अक्टूबर, 2021 में 100% आबादी को टीके की पहली खुराक और 67.96 लाख से अधिक आबादी को दूसरी खुराक दी है। राज्य के स्कूलों में कोविड-19 महामारी के दौरान कुल 6.62 लाख बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता प्रदान किया गया। भारत सरकार की सौभाग्य योजना के तहत उत्तराखंड में 100% विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है। राज्य में सौर ऊर्जा नीति के माध्यम से 276 मेगावाट की एक परियोजना स्थापित की गई है। ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के तहत उत्तराखंड राज्य में कुल 3,57,696 गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के तहत राज्य के लगभग 9.03 लाख किसानों को 6000 रुपये प्रति वर्ष और अब तक 1212.09 करोड़ रुपये सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में 17500 करोड़ रुपये से अधिक की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने लखवार बहुउद्देशीय परियोजना की आधारशिला रखी, जिसकी कल्पना पहली बार 1976 में की गई थी और यह कई वर्षों से लंबित थी। उन्होंने 8700 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
ऐसा लगता है प्रदेश के मतदाता इस बार प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों में तेजी लाने और गरीबों के कल्याण के लिए भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार का हृदय तल से समर्थन कर रहे हैं।

    विपुल शर्मा