‘राजनीतिक शुचिता के संकल्प के प्रति समर्पित है भाजपा’

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 11 फरवरी को नई दिल्ली स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में ‘एकात्म मानववाद’ के प्रणेता एवं ‘अंत्योदय’ के सिद्धांत के प्रतिपादक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के बलिदान दिवस पर आयोजित ‘समर्पण दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पूर्व, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने ‘समर्पण दिवस’ के अवसर पर “NaMo App” के माध्यम से पार्टी संगठन को अपना डोनेशन देते हुए भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से “NaMo App” के माध्यम से संगठन को 5 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक डोनेट करने की अपील भी की। ज्ञात हो कि 11 फरवरी को ही युगद्रष्टा एवं भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक अधिष्ठाता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की नृशंस हत्या मुगलसराय स्टेशन, जो वर्तमान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है, पर कर दी गई थी। पार्टी और विचारधारा के विस्तार के प्रति समर्पित पंडित दीनदयाल जी का बलिदान पार्टी के लिए सदैव प्रेरणा का अदम्य स्रोत रहा है।

श्री शाह ने कार्यक्रम में उपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल जी के बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी देशभर में हर बूथ पर ‘समर्पण दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी राजनीति में शुचिता के दीनदयाल जी के संकल्प के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक से लेकर जनसंघ के अध्यक्ष तक और जीवन के अंतिम क्षणों तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन में ‘स्व’ का कोई स्थान नहीं था, उनका पूरा जीवन देश की संस्कृति और देश के हित के लिए समर्पित रहा।

पंडित दीनदयाल जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने राजनीति में जिस विचारधारा का आरंभ किया था, उसी विचारधारा को हम सभी कार्यकर्ता आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद कई लोगों को लगता था कि यदि लोकतंत्र को सफल बनाना है तो पश्चिम के विचार से अलग, अपनी संस्कृति की लोकतांत्रिक भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करने वाली एक पार्टी होनी चाहिए जो इस देश की संस्कृति के आधार पर देश में लोकतंत्र के नए आयामों का सृजन कर सके। इसी आधार पर जन संघ की स्थापना हुई और पंडित जी संगठन महामंत्री और अध्यक्ष के तौर पर जन संघ की विचारधारा की नींव रखने वाले प्रज्ञापुरुष रहे।

श्री शाह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एक ऐसी पार्टी की कल्पना की जहां पार्टी के चलने के आधार नेताओं का आभामंडल नहीं, बल्कि पार्टी के कार्यकर्ता और संगठन हों। उन्होंने एक ऐसी पार्टी की कल्पना की जो चुनाव में ओछे हथकंडे अपनाकर चुनाव न जीते बल्कि विचारधारा की स्वीकृति और संगठन की शक्ति के आधार पर चुनाव जीते। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने जो बीज बोया था, वह आज बटवृक्ष के रूप में दुनिया के सामने खड़ा है। पंडित दीनदयाल जी के समय संगठन का न सिर्फ सुदृढ़ीकरण, विस्तार, सिद्धांतों का प्रतिपादन और विचारधारा की व्याख्या हुई, बल्कि अच्छी चुनावी सफलता भी मिली। स्वयं को प्रसिद्धि के मार्ग से दूर रखकर संगठन के माध्यम से चुनाव जिताने का जो मंत्र पंडित दीनदयाल जी ने दिया, वह आज भी हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरक है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पंडित दीनदयाल जी के सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए कहा कि जब तक ध्येय प्राप्त करने का साधन शुद्ध न हो तब तक ध्येय की प्राप्ति सही तरीके से नहीं हो सकती। श्री शाह ने ध्येय और और साधन को स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारा ध्येय है सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण के लिए अंत्योदय के सिद्धांतों को लेकर आगे बढ़ना और इसे प्राप्त करने का साधन है भारतीय जनता पार्टी का संगठन। उन्होंने कहा कि देश में कोई भूखा न हो, कोई बीमार न हो, कोई अनपढ़ न हो- इस आधार पर देश की रचना अंत्योदय के आधार से ही संभव है। देश का गौरव पताका पूरी दुनिया में चहुं ओर फहरे और हम विश्वगुरु के रूप में पुनः प्रतिष्ठित हों, यह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आधार पर ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि ये दो ध्येय हम तभी प्राप्त कर सकते हैं जब हमारा साधन अर्थात् पार्टी शुद्ध हो। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक काम सुचारू रूप से कार्यकर्ताओं के समर्पण से चले, इसकी व्यवस्था पंडित दीनदयाल जी ने निर्धारित की थी। इसी ध्येय को सामने रखकर आज का दिन ‘समर्पण दिवस’ के रूप में हम मनाते हैं।