‘भाजपा संगठन नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विजय हेतु कटिबद्ध होगा’

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भाजपा राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी एवं जल संसाधन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने राजनीतिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका अनुमोदन केंद्रीय वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली, केंद्रीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री श्री मुकुल रॉय, असम के स्वास्थ्य मंत्री श्री हेमंत विश्वशर्मा एवं उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत से 5 सालों में पार्टी की प्रचंड शक्ति बनी है और उसका प्रतिफल यह है कि मोदी सरकार के द्वारा हर क्षेत्र का विकास हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा भारत के गौरव का विस्तार एवं उनकी लोकप्रियता को जनसमर्थन में बदलने में भाजपा संगठन सफल हुआ है। देश की जनता 2019 के चुनावों में पुनः प्रधानमंत्री श्री मोदी को नेतृत्व सौपना चाहती है। भाजपा संगठन लोकतंत्र के इस उत्सव में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विजय हेतु कटिबद्ध है। भाजपा देश की जनता से 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की विजय के लिए आह्वान करती है।

हम यहां राजनीतिक प्रस्ताव का पूरा पाठ प्रकाशित कर रहे हैं:–

भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में अपने साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। इस कार्यकाल में भारत एक बड़ी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा है जिसकी बात अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सम्मान के साथ सुनी जाती है और हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक वैश्विक राजनेता के रूप में देखा जाता है। यह सब कुछ दृढ़ निश्चय, कड़ी मेहनत और एक अच्छे प्रशासन के बिना संभव नहीं था। आज समूचे विश्व में भारत तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इस तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में हर वर्ग के समावेशी विकास के मॉडल को एक विशेष पहचान भी मिली है। देश में एक अच्छे प्रशासन के लिए perform, reform और transform के द्वारा विकास की आधारशिला रखी गई है। वैश्विक संस्थाएं भी भारत की इस असाधारण सफलता की पुष्टि करती हैं। विकास की इस बहती गंगा में समाज का हर वर्ग अपना उत्थान और सशक्तीकरण महसूस कर रहा है, जो हमारी मौलिक सोच सबका साथ सबका विकास का परिणाम है।

आज से साढ़े चार वर्ष पहले जब श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था उस समय देश कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा था। भारत की अर्थव्यव्स्था उस समय महंगाई (मुद्रास्फीति दर 10.4% UPA-II के समय) और धीमी विकास दर (2013-14 में 6.4%), निवेशकों के भारतीय बाजार में अविश्वास से तो जूझ ही रही थी साथ ही अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की रेटिंग को डाउनग्रेड भी कर दिया गया था। भारत को विश्व की “फ्रेजाईल फाइव” अर्थव्यवस्था के तौर पर देखा जा रहा था। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण बैंकों द्वारा अंधाधुंध ऋण दिए गए, जिसके कारण बैंकों का नॉन परफार्मिंग असेट बहुत बढ़ गया। भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर था और देश पॉलिसी पैरालिसिस या नीतिगत पक्षाघात से जूझ रहा था। वैश्विक स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था की विश्वनीयता बहुत नीचे आ गई थी। सुरक्षा बलों का मनोबल भी टूट गया था और यू०पी०ए० सरकार के नेता भी वोट बैंक के लिए आतंक के आरोपियों से सहानुभूति दर्शाते थे और बड़ी बेशर्मी से भारत के भगवा धरोहर को भगवा आतंक का नाम देते थे। इस घनघोर निराशा के माहौल में, इसी राम लीला मैदान में लगभग पांच साल पहले भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था जहां हम सभी ने नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के उज्जवल भविष्य के निर्माण का प्रण लिया था।

विकास के केंद्र में गरीब:

ऐतिहासिक विजय के बाद, संसदीय दल के नेता चुने जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिल को छू लेने वाली घोषणा की थी और कहा था, “मेरी सरकार गरीबों के लिए काम करेगी और वो उनके भले के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।” पिछले साढ़े चार सालों में गरीबों के कल्याण हेतु बनाए गए कार्यक्रमों को समय पर लागू किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप आज हमारे गरीब भाइयों और बहनों के चेहरे पर मुस्कुराहट दिख रही है। जनधन कार्यक्रम की असाधारण सफलता, जिसने 33 करोड़ गरीब लोगों को सुव्यवस्थित बैंकिग नेटर्वक से जोड़ा और उनके खातों को आधार तथा मोबाइल से लिंक किया। इसी के साथ गरीब लाभार्थियों के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा कुल 5 लाख 50 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जिसकी वजह से 90,000 करोड़ रुपये बिचौलियों और फर्जी दावेदारों की जेबों में जाने से बचा लिए गए। ऐसा होना, समावेशी विकास के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। इन 33 करोड़ बैंक खातों में 53 प्रतिशत खाताधारी महिलाएं हैं और 59 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से हैं। विश्व बैंक की फिंडेक्स रिपोर्ट 2017 में भी भारत द्वारा विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय समावेषण कार्यक्रम लागू करने के लिए जन धन योजना की प्रशंसा की गयी है।

विकास की इस कहानी के कुछ निर्धारित लक्ष्य थे- सभी को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना; जरूरतमंद को पूंजी उपलब्ध कराना; सभी को समाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना और सभी को पेंशन प्रदान करना। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना के द्वारा कम कीमत पर दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा तथा पेंशन जैसे लाभों को 20 करोड़ से भी ज्यादा लोगों तक पहुंचाया गया है।

मुद्रा योजना की सफलता की असाधारण कहानी ये आंकड़े कहते हैं, जिसके अंतर्गत 15.33 करोड़ लोगों को 7.29 लाख करोड़ रुपये राशि के लोन दिए गए। जिसके कारण अब छोटे व्यवसायी और लघु उद्यमियों को भी अपने सपने साकार करने का मौका मिला है। इसमें एक बात जो कि बहुत ही आश्वस्त करने वाली है वो है कि मुद्रा लाभार्थियों में करीब 74 प्रतिशत महिलाएं, अनुसुचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लाभार्थी हैं।

6 करोड़ गरीबों को उज्जवला योजना के अंतर्गत एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए हैं। अब तक की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम, ‘आयुष्मान भारत’ के अंतर्गत 10 करोड़ गरीब परिवार किसी भी अस्पताल में जाकर किसी भी बीमारी के लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपए तक का इलाज़ मुफ्त में करा पाएंगे। आयुष्मान भारत के लांच होने के सिर्फ 100 दिनों के अंदर 7.03 लाख गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान जैसे कार्यक्रम जिसका लक्ष्य 6 करोड़ ग्रामीण वस्यकों को डिजिटली साक्षर करना है, डिजिटल क्षेत्र में सक्षम और वंचित की खाई को कम कर रहे हैं। 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर का लंबा-चौड़ा नेटवर्क जो 2 लाख से अधिक ग्राम पंचायत तक पहुंच चुका है। आज डिजिटल सेवाओं को नई ऊंचाइयां प्रदान कर रहे हैं और गरीबों, वंचितों और ग्रामीणों के सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रहा है।

ये गर्व की बात है कि एक मिशन मोड कार्यक्रम के अंतर्गत देश के 18,000 गांवों में जहां आजादी के बाद भी बिजली नहीं पहुंचाई गई थी, अब वहां बिजली के कनेक्शन उपलब्ध हैं। 1.5 करोड़ से अधिक घर गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए गए हैं।

ये सभी चीजें दर्शाती हैं कि गरीबों के सशक्तिकरण तथा उत्थान के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए गए सभी वादे पूरे किये जा रहे हैं।

स्वच्छ भारत- एक जन आंदोलन:

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चल रहा ‘स्वच्छ भारत अभियान’ एक बड़ी सफलता के रूप में हम सभी के सामने है। सरकार ने इस बात को भलीभांति पहचाना है कि गंदे शौचालय और खुले में शौच कई बड़ी समस्याओं के प्रमुख कारण हैं। सिर्फ आंकड़े ही इस परिवर्तन की गाथा को स्पष्ट कर सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में 1947 से लेकर 2014 तक 6.5 करोड़ शौचालय बनाए गए जबकि पिछले साढ़े चार सालों में 9.67 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। स्वच्छता का दायरा 2014 में जो 38% था, आज बढ़ कर 98.49% हो गया है।

महिलाओं का सशक्तिकरण:

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण वाले विकास मॉडल का सपना देखा है। सरकार के ऐतिहासिक बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पहल की पूरी दुनिया में प्रशंसा हुई है। इस जागरूकता की वजह से चिन्हित 104 जिलों में लिंग अनुपात बढ़ गया। सेकेंडरी विद्यालयों में भी लड़कियों के नामांकन की संख्या बढ़ गई। साथ ही शिशुओं के संस्थागत प्रसव में भी सुधार हुआ है। एक साल से भी कम समय में 49.88 लाख महिलाओं को 1678.33 लाख करोड़ रुपये के मातृत्व लाभों का भुगतान किया जा चुका है। मातृत्व अवकाश को 26 हफ्तों (6 महीने) तक बढ़ाने के फैसले ने काम-काजी महिलाओं को लाभ पहुंचाया है और भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन देशों के साथ लाकर खड़ा कर दिया है जो काम-काजी महिलाओं को सबसे लम्बा मातृत्व अवकाश देते हैं। एकल माताओं के लिए पासपोर्ट नियमों में भी ढील दी गई है।

देश भर में फैले 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) में से 60,000 से अधिक सेण्टर महिलाओं द्वारा चलाए जाते हैं। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को ऐतिहासिक वेतन वृद्धि दी गई है। देश में पहली बार वायु सेना में महिला पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाने की अनुमति भी दी गयी है।

महिलाओं को सुरक्षा और न्याय प्रदान करने के लिए, 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है और 16 साल से कम उम्र की युवती के साथ बलात्कार के मामले में न्यूनतम सजा को 10 साल के कारावास से बढ़ाकर 20 साल के कारावास की कर दी गई है। मुस्लिम महिलाएं कई कुरीतियों की बेड़ियों में जकड़ी हुई थीं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘ट्रिपल तलाक’ की बुराई को दंडनीय प्रावधानों के साथ एक आपराधिक कृत्य घोषित कर दिया है। राज्यसभा में वोट बैंक की राजनीति से उत्पन्न अवरोध के कारण पुनः अध्यादेश से इसे लागू किया गया है जिससे पीड़ित महिला को न्याय मिले। मुस्लिम महिलाएं अब बिना किसी पुरुष संरक्षक के हज के लिए जा सकती हैं।

सभी के लिए सामाजिक न्याय:

सामाजिक न्याय और न्यायसंगत विकास ‘सबका साथ सबका विकास’ के हमारे दर्शन में निहित है। बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत को उचित सम्मान दिया गया और उस विरासत को भारत के युवाओं के सामने पहुंचाया गया। दिल्ली में डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना और पंच तीर्थ के रूप में उनके जीवन से जुड़े स्थानों को विकसित किया गया। दिव्यांग व्यक्तियों को उचित सम्मान दिया गया। दिव्यांगों के लिए वातावरण सुगम्य बनाया गया और इस प्रकार सुगम्य भारत अभियान की शुरुआत की गई। दिव्यांगता के प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया। पहली बार बोली और भाषा की बाधा और सीखने की बाधा को दिव्यांगता की श्रेणी में रखा गया। एसिड हमले के पीड़ितों को दिव्यांग के रूप में मान्यता दी गई। उच्च शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सीटों का आरक्षण बढ़ाकर 4% कर दिया गया।

अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के सशक्तिकरण के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्ज़ा दिया गया।

अभी तक आरक्षण से वंचित समुदायों के गरीबों को, जिसमें उच्च जाति के लोग भी शामिल हैं, आरक्षण देने का ऐतिहासिक फैसला लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि ये सरकार समाज के हर गरीब की चिंता कर रही है और इस से भी बड़ी बात है कि ये आरक्षण वर्तमान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन -जाति एवम अन्य पिछड़े वर्गों को दिए जा रहे आरक्षण में कोई भी कमी लाये बिना दिया जा रहा है।

युवा शक्ति का विकास:

युवा भारत को विकसित करने के लिए, सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों की संख्या में इजाफा किया और 7 IITs, 7 IIMs, 14 IIITs, 1 NIT, 2 IISERs, 103 केंद्रीय विद्यालय और 62 नवोदय विद्यालय नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में स्थापित किए। परीक्षाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी भी बनाई गई।

स्किल इंडिया मिशन के तहत, भारत में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत 375 व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 13,000 प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं, जहां 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इस नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए, भारत के हर जिले में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

सरकार से मिले प्रोत्साहन के परिणामस्वरूप युवा भारत का खेलों में प्रदर्शन बेहतर हुआ है। ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के अंतर्गत पहली बार देश भर से 3507 खिलाड़ियों की भागीदारी देखी गई। प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रतिभा खोज पोर्टल शुरू किया गया।
पहली बार स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी पहलों के द्वारा सरकार ने भारत के युवाओं की उद्यमिता क्षमता में विश्वास दिखाया और इसका उपयोग आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए किया। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम बन गया है। भारत में अब 15,500 पंजीकृत स्टार्ट अप हैं। स्कूलों में बनाये गए अटल टिंकरिंग लैब्स शुरुआती दिनों से ही युवा मन में नए खोज करने की सोच को विकसित कर रहे हैं और प्रतिभाशाली युवा खोजकर्ताओं को बढ़ावा दे रहे हैं। इन प्रयासों ने भारत को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2015 में 81वीं रैंक से 2017 में 60वीं रैंक पर ला दिया है।

रोजगार सजृन:

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उन कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया है जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करते हैं। मुद्रा योजना और स्टैंडअप इंडिया ने छोटे उद्यमियों के लिए अपने व्यवसायों के विस्तार के लिए ऋण लेना आसान बना दिया है। 15.26 करोड़ छोटे और बहुत छोटे व्यवसायों को रु 7.29 लाख करोड़ के ऋण में लगभग 50% ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार ऋण लिया है। इससे करोड़ों भारतीयों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।

2014 में सिर्फ 83,000 कॉमन सर्विस सेंटर थे जो आज बढ़कर 3 लाख सेंटर हो गए हैं जो 2.10 लाख ग्राम पंचायतों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिससे रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।

मेक इन इंडिया पहल के कारण, भारत तेजी से इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के निर्माण के केंद्र के रूप में उभर रहा है। पिछले चार वर्षों में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का उत्पादन दोगुना हो गया है। भारत में मई 2014 में केवल 2 मोबाइल फोन के कारखाने थे। आज भारत में 127 मोबाइल फोन बनाने के कारखाने चल रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फोन फैक्ट्री आज भारत में है। छोटे शहरों में आईoटीo उद्योग को बढ़ावा देने के लिए और युवाओं को इस क्षेत्र में नौकरियां देने के लिए भारत बीoपीoओo प्रोत्साहन योजना और उत्तर-पूर्व बीoपीoओo प्रोत्साहन योजना शुरू की गयी। आज गुवाहाटी, इम्फाल, कोहिमा, मुजफ्फरपुर, बरेली, बडगाम, श्रीनगर, सांगली, करीमनगर, गुंटूर आदि छोटे शहरों में 260 बीoपीoओo केंद्र चल रहे हैं। इस योजना ने युवाओं के लिए नौकरियां पैदा की हैं। भारत का आईoटीo उद्योग लाखों लोगों को रोजगार दे रहा है, जिसमें से लगभग एक तिहाई महिला कर्मचारी हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों से स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी सरकार में रोजगार सृजन को काफी बढ़ावा मिला है। रेलवे, एयरपोर्ट निर्माण एवं एयर सेवाओं के विस्तार, राष्ट्रीय राजमार्गों तथा ग्रामीण सड़कों और अन्य आधारभूत क्षेत्रों में तीव्र गति से व्यापक स्तर पर होने वाले कार्यों से बहुत बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं।

प्रौद्योगिकी आधारित सुशासन:

डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्किल इंडिया, स्मार्ट सिटी जैसे तमाम कार्यक्रम तकनीक आधारित हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा सुशासन और समावेशी विकास के प्रधानमन्त्री जी के मॉडल की दुनिया भर में तारीफ हो रही है। डिजिटल डिलीवरी से लेकर डिजिटल सशक्तिकरण तक, आम लोग खुद को सशक्त महसूस कर रहे हैं। 115 जिलों में, जो विभिन्न मापदंडों में पिछड़ रहे थे, विकासात्मक पहलों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इन आकांक्षी जिलों को आशा की एक नयी किरण दी है। इनमें से कई जिलों में अच्छे नतीजे तेजी से दिखने लगे हैं।

सोइल हेल्थ कार्ड, ई-वीसा, ई-स्कॉलर्शिप, ग्रामीण डिजिटल साक्षरता और जन धन अकाउंट, आधार और मोबाइल (JAM) के संगम से Direct Benefit Transfer करते हुए लगभग 90 करोड़ की बचत भारत में समावेशी विकास की नयी कहानी लिख रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार भारत को उभरती हुयी तकनीक का वैश्विक केंद्र बनाने में जुटी हुयी है। सरकार उभरती हुई तकनीकें जैसे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन और वर्चुअल रियलिटी आदि के अनुसन्धान और विकास केंद्रों की स्थापना कर रही है। इन प्रयासों से आज भारत एक प्रमुख डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है और उम्मीद है कि आने वाले पांच वर्षों में भारत एक ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास:

यूoपीoएo शासन के दौरान भ्रष्टाचार और नीतिगत विफलताओं के कारण हाशिये पर जा चुके बुनियादी ढांचे के विकास को नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में नयी गति मिली है। 2013-14 में ग्रामीण सड़क निर्माण की औसत गति 69 किलोमीटर प्रति दिन से बढ़कर 2017-18 में 134 किलोमीटर प्रति दिन हो गई है। सड़क निर्माण पर व्यय 2013-14 में रुपये 32,483 करोड़ से बढ़कर 2017-18 में रुपये 1,16,324 करोड़ हो गया। ग्रामीण सड़कों का प्रतिशत, जो 2014 में केवल 56% था, बढ़कर 91% हो गया है। असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाले भारत के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल- बोगीबील पुल का उद्घाटन किया गया।

भारत में सड़क मार्गों के साथ साथ विमान सेवा में व्यापक विस्तार, जल मार्ग यातायात में नयी संभावनाएं और रेल यातायात में व्यापक विस्तार आधारभूत सुविधाओं की नयी पहचान बने हैं। यह सारी सुविधाएं समाज के निचले वर्गों तक उपलब्ध हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी को ग्राम पंचायत तक पहुंचाने की दिशा में भारतनेट योजना के अंतर्गत 3 लाख किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाई गयी है, जो UPA के 3 साल में सिर्फ 358 किलोमीटर था।

“नाजुक पांच (फ्रेजाईल फाइव)” से निकलकर विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते कदम:

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार की आर्थिक नीतियों ने भारत को आज दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना दिया है। लगभग दो अंकों की मुद्रास्फीति दर, उच्च राजकोषीय घाटा और चालू खाता घाटा, निवेशकों का डगमगाता विश्वास और सुस्त सकल घरेलू उत्पाद (जी०डी०पी०) वृद्धि दर के साथ 2014 में, भारत को “नाजुक पांच” अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता था। आज 2018-19 की पहली छमाही में जीडीपी 7.6% की दर से बढ़ी है, राजकोषीय घाटा 3.3% के बजटीय लक्ष्य के भीतर है। मोदी सरकार के दौरान मुद्रास्फीति दर 5% से अधिक कभी नहीं रही है बल्कि 3% से 4% के आसपास बनी हुई है, 2017-18 में $ 61.96 बिलियन का उच्चतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है। वर्ल्ड बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स’ में, भारत 2014 के 142वें स्थान से 2018 में 77वें स्थान पर आ गया है।

नोटबंदी जैसे साहसिक कदमों ने सामानांतर अर्थव्यवस्था और घरेलू काले धन की सदियों पुरानी समस्या को प्रभावित किया है। इस के बाद से 3.26 लाख शेल कंपनियों को रद्द कर दिया है। 2013-14 में रिटर्न दाखिल करने वाले आयकरदाताओं की संख्या केवल 3.82 करोड़ थी जो 2017-18 में लगभग दोगुनी होकर 6.86 करोड़ हो गई है। आयकर संग्रह, जो 2013-14 में केवल 6.38 लाख करोड़ रुपये था 2017-18 में 10.02 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ गया। भारत ने जीएसटी के रूप में स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार देखा जो कई वर्षों से लंबित था। जुलाई 2018 में जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की कुल संख्या बढ़कर 1.13 करोड़ हो गई। इसने कर प्रणाली में 49.53 लाख नए करदाताओं को जोड़ा है। नागरिकों से मिले सुझावों के आधार पर जीएसटी की दरों को लगातार तर्कसंगत बनाया गया और आज 95% वस्तुएं 18% की दर से नीचे हैं। देश के आम एवं दूरदराज के छोटे व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के आशय से सरकार ने GST की छूट की सीमा को Rs 20 लाख से दुगना कर Rs 40 लाख कर दिया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार के प्रयासों से डिजिटल भुगतान में अभूतपूर्व वृद्धि हुई, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक औपचारिक, पारदर्शी और मजबूत हुई। भीम-यूपीआई, जो भारत का एक अनूठा फिन-टेक आविष्कार है, ने आम नागरिकों को मोबाइल आधारित डिजिटल भुगतान करने का आसान विकल्प दिया। भीम-यूपीआई लेन-देन जो अक्टूबर, 2016 में केवल 50 करोड़ रुपये था दिसंबर, 2018 में एक लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गया। अब आधार आधारित भुगतान प्रणाली के द्वारा पेंशन-धारक, मनरेगा के दैनिक मजदूर आदि बिना बैंक शाखा गए अपने बैंक खातों से पैसे निकालने में सक्षम हैं।

भ्रष्टाचार पर कसता शिकंजा:

पिछली सरकारों की तुलना में मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि भ्रष्टाचार पर नकेल कसना है। यूपीए सरकार ने घोटालों में नए कीर्तिमान स्थापित किए, लेकिन इसके विपरीत नरेंद्र मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदान किए गए स्वच्छ शासन पर कम से कम एक धब्बा लगाने की एक हताश कोशिश में, कांग्रेस पार्टी ने राफेल के बारे में मनगढंत कहानी बनायी। कांग्रेस द्वारा देश के हित को ताक में रख कर किये गए अप्रचार को फ्रांस की सरकार ने भी नकारा है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे के विभिन्न पहलुओं की जांच की और सरकार को क्लीन चिट दे दी और फैसला किया कि इस मामले में कोई वित्तीय लाभ किसी को नहीं पहुंचाया गया है और वायु सेना को अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इन विमानों की आवश्यकता है। ये बहुत दुखद बात है की कांग्रेस पार्टी जिसने दशकों तक देश पर शासन किया है आज वायु सेना के लिए आवश्यक विमानों की खरीद में रुकावट पैदा कर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। यू०पी०ए० सरकार ने अपने कार्यकाल में किसी न किसी बहाने से रक्षा खरीद को रोक कर रखा। वैसे रक्षा सौदों में कांग्रेस पार्टी का इतिहास भ्रष्टाचार से भरा हुआ रहा है और ये बात जग जाहिर है।

भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए मोदी सरकार की नेक नीयत का पता कैबिनेट की पहली बैठक में ही लग गया था, जिसमें काले धन पर एक SIT (विशेष जांच दल) गठित करने का फैसला किया गया था। ब्लैक मनी (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कराधान एक्ट, 2015 लाया गया। स्विट्जरलैंड के साथ रियल टाइम में वित्तीय जानकारी आदान प्रदान करने के समझौते को अंतिम रूप दिया गया। विदेशों में जमा काले धन के मूल्य के बराबर संपत्ति को जब्त करने में सक्षम बनाने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम में संशोधन किया गया। बेनामी संपत्ति अधिनियम, जो संसद द्वारा 1988 में पारित किया गया था, को 2016 में अधिसूचित किया गया। बेनामी संपत्ति के शीघ्र निपटान के लिए न्यायाधिकरण की स्थापना की गई थी। भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम सरकार को भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने के लिए सक्षम बनता है। भगोड़े आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के कूटनीतिक और कानूनी प्रयास अब अच्छे परिणाम दे रहे हैं।

टेलीकॉम स्पेक्ट्रम और कोयले के खदानों की नीलामी में पारदर्शिता के कारण राजस्व का रिकॉर्ड संग्रह हुआ। गैर-राजपत्रित पदों में साक्षात्कार समाप्त कर दिए गए। ऑनलाइन आवेदन सभी मंजूरी के लिए अनिवार्य कर दिया गया। पर्यावरण स्वीकृति के लिए जाने वाला समय 600 दिनों से 180 दिनों तक लाया गया।

यूoपीoएo सरकार के दौरान बैंकों द्वारा व्यवसायियों को दिए गए अंधाधुंध ऋण के कारण बैंकों में नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) बहुत अधिक हो गये थे। 1947 से 2008 के बीच बैंकों ने कुल 18 लाख करोड़ रुपयों के ऋण दिए गये थे लेकिन 2008 से 2014 के बीच बैंकों द्वारा दिए गये कुल ऋण बढ़कर 54 लाख करोड़ रुपये हो गए। यूoपीoएo के कार्यकाल में फोन बैंकिंग का प्रचलन बढ़ा और राजनीतिक दबाव के कारण बैंकों ने अनाप-शनाप ऋण दिए गये और यह यूoपीoएo का सबसे बड़ा घोटाला था। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को बैंक एनoपीoएo विरासत में मिला और इस सरकार ने बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के प्रयास किए। डिफॉल्टरों से पैसा वसूलने के लिए इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड बनाया गया। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लागू होने के बाद पिछले दो वर्षों में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये वसूल किए गए हैं।

विश्व में भारत की बढ़ती साख़:

भारत, जिसे यूपीए सरकार की भ्रष्टाचार और खराब नीतियों के कारण 2014 के आसपास दुनिया द्वारा निराशाजनक रूप से देखा जा रहा था, आज एक बड़ी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा है। दुनिया आज भारत को आशा और विश्वास के साथ देखती है। दुनिया को आज ये उम्मीद है कि भारत दुनिया को आर्थिक मंदी से उबारने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण 21 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। आज भारत की सांस्कृतिक धरोहर योग को दुनिया भर में बड़े उत्साह के साथ अपनाया जा रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्था के पीछे हटने के बाद भी भारत ने जलवायु परिवर्तन और पेरिस समझौते की सफलता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की को कायम रखा है। भारत ने दुनिया भर में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन बनाकर एक अनूठी पहल की और गुरुग्राम में इसका अंतरराष्ट्रीय कार्यालय बनाया।

एक साहसिक और आत्मविश्वास से भरे देश ने पाकिस्तान से आतंकवाद की घटनाओं को रोकने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का फैसला किया और दुनिया में पाकिस्तान को कूटनीतिक प्रयासों से अलग-थलग करने में सफल रहा। भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में भी शामिल हुआ, जो देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इसरो ने कई मील के पत्थर स्थापित किए। विश्व ने भारत की प्रशंसा की जब एक ही बार में 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने का रिकॉर्ड बनाया गया। मंगलयान को मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित कर भारत ये उपलब्धि हासिल करने वाला पहला एशियाई देश बना। आज दुनिया भर में भारतीय अधिक आत्मविश्वास से भरे और कहीं अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि भारत सरकार तब भी उनकी देखभाल कर रही है जबकि वे अपने देश से बहुत दूर हैं। कूटनीति में व्यक्तिगत गर्मजोशी भरे अंदाज़ के कारण न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया में एक अलग पहचान बनी है, बल्कि भारत की वैश्विक साख भी बढ़ी है।

स्थिरता बनाम अस्थिरता, एक ईमानदार और साहसिक नेता बनाम नेताविहीन अवसरवादी गठबंधन तथा एक मजबूत और एक मजबूर सरकार के बीच चुनाव:

कुछ ही दिनों पहले संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में मिले-जुले अनुभव सामने आये। राष्ट्रीय कार्यकारिणी भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को इन चुनावों में किये गए कठिन परिश्रम के लिए साधुवाद देती है। सभी राज्यों में भाजपा सरकारों ने सुशासन दिया है और उनका विकास का रिकॉर्ड उल्लेखनीय है। इन परिणामों से हम सीख तो लेंगे ही साथ ही इस के कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं में लोक सभा चुनाव के लिए और मेहनत व जोश से काम करने की प्रेरणा भी मिली है।

आज विरोधाभासी और अवसरवादी महागठबंधन का एक हास्यास्पद संयोजन प्रधानमंत्री, भाजपा और राजग से टक्कर लेने के लिए बनाया जा रहा है। उनका भारत के लिए या भारत के लोगों के लिए कोई कार्यक्रम या कार्यसूची नहीं है, लेकिन वे केवल नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत को आधार बनाकर आपस में जुड़ रहे हैं। ये प्रयास कई मायनों में इन अवसरवादी दलों की अपनी अपनी कमजोरियों को भी उजागर करता है। 2019 का भारत 1990 के दशक का भारत नहीं है, जब ये अवसरवादी दल मिलकर केंद्र सरकार को अपनी मर्ज़ी से चार महीने से एक साल तक चला पाते थे। आज लोगों को अस्थिरता और स्थिरता के बीच चुनाव करना आता है। प्रभावी सुशासन या हताश कुशासन- जनता जानती है कि किसे चुनना है। नरेंद्र मोदी जैसे एक प्रतिष्ठित नेता का विरोध ऐसे अवसरवादी गठबंधन द्वारा किया जा रहा जिसके नेता के बारे में भी अभी पता नहीं है। हमें यकीन है कि भारत के लोग नरेंद्र मोदी के प्रेरक नेतृत्व में भाजपा और राजग में अपना भरोसा बनाए रखेंगे।

2014 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी के पास 6 राज्य सरकारें थीं, आज हमारे पास केंद्र के साथ 16 राज्यों में हमारा सुशासन प्रभावी है। 2014 में हमारी सदस्यता 2 करोड़ 40 लाख थी, आज पार्टी के 11 करोड़ सदस्य हैं। इन साढ़े चार वर्षों में पार्टी ने देश के सुदूर कोनों तक मजबूत बूथ संगठन की ताकत का निर्माण किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत से 5 सालों में पार्टी की प्रचंड शक्ति बनी है और उसका प्रतिफल यह है कि मोदी सरकार के द्वारा हर क्षेत्र का विकास हुआ है। प्रधान मंत्री मोदी के द्वारा भारत के गौरव का विस्तार एवं उनकी लोकप्रियता को जनसमर्थन में बदलने में बीजेपी का संगठन सफल हुआ है। देश की जनता 2019 के चुनावों में पुनः प्रधान मंत्री श्री मोदी को नेतृत्व सौपना चाहती है। बीजेपी का संगठन लोकतंत्र के इस उत्सव में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विजय हेतु कटिबद्ध है। बीजेपी देश की जनता से 2019 के चुनाव में प्रधान मंत्री मोदी की विजय के लिए आह्वान करती है। पार्टी इस सदी के युवा मतदाता, जो Millennial वोटर्स के रूप में पहली बार मतदान कर रहे हैं, उनसे भी आह्वान करती है की वो शत प्रतिशत रूप से लोकतंत्र के इस पर्व में भाग लेकर मोदी जी को विजय बनायें, जिससे देश सशक्त ,समर्थ ,समग्र एवं समावेशी विकास के पथ पर आगे बढे।