‘स्वच्छता ही सेवा’ की मुहिम चलायें: नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 27 अगस्त को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान कहा कि तीन वर्ष पूर्व जब स्वच्छता का अभियान प्रारंभ किया था, 2 अक्टूबर को उसको तीन साल हो जायेंगे और उसके सकारात्मक परिणाम नज़र आ रहे हैं। शौचालयों की कवरेज 39% से करीब-करीब 67% पहुंची हैं। 2 लाख 30 हज़ार से भी ज्यादा गांव, खुले में शौच से अपने आपको मुक्त घोषित कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि मैं आप सभी से एक आह्वान करता हूं कि एक बार फिर 2 अक्टूबर गांधी जयंती से 15-20 दिन पहले से ही ‘स्वच्छता ही सेवा’- जैसे पहले कहते थे ‘जल सेवा यही प्रभु सेवा, ‘स्वच्छता ही सेवा’ की एक मुहिम चलायें। पूरे देश में स्वच्छता के लिए माहौल बनाएं। जैसा अवसर मिले, जहां भी अवसर मिले, हम अवसर ढूंढें, लेकिन हम सभी जुड़ें। इसे एक प्रकार से दिवाली की तैयारी मान लें, इसे एक प्रकार से नवरात्र की तैयारी मान लें, दुर्गा पूजा की तैयारी मान लें। श्रमदान करें। छुट्टी के दिन या रविवार को इकट्ठा हो कर एक-साथ काम करें। आस-पड़ोस की बस्ती में जायें, नज़दीक के गांव में जायें, लेकिन एक आन्दोलन के रूप में करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी NGOs को, स्कूलों को, कॉलेज को, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक नेतृत्व को, सरकार के अफसरों को, कलेक्टरों को, सरपंचों को हर किसी से आग्रह करता हूं कि 2 अक्टूबर महात्मा गांधी की जन्म-जयंती के पहले ही, 15 दिन, हम एक ऐसी स्वच्छता का वातावरण बनाएं, ऐसा स्वच्छता खड़ी कर दें कि 2 अक्टूबर सचमुच में गांधी के सपनों वाला 2 अक्टूबर हो जाए। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, MyGov.in पर एक सेक्शन बनाया है जहां शौचालय निर्माण के बाद आप अपना नाम और उस परिवार का नाम प्रविष्ट कर सकते हैं, जिसकी आपने मदद की है।

उन्होंने कहा कि मेरे सोशल मीडिया के मित्र कुछ रचनात्मक अभियान चला सकते हैं और वर्चुअल वर्ल्ड का धरातल पर काम हो, उसकी प्रेरणा बना सकते हैं। स्वच्छ-संकल्प से स्वच्छ-सिद्धि प्रतियोगिता, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा ये अभियान जिसमें आप निबंध की स्पर्धा है, लघु-फिल्म बनाने की स्पर्धा है, चित्रकला-प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसमें आप विभिन्न भाषाओं में निबंध लिख सकते हैं और उसमें कोई उम्र की मर्यादा नहीं है, कोई उम्र सीमा नहीं है। आप लघु फिल्म बना सकते हैं, अपने मोबाइल से बना सकते हैं। 2-3 मिनट की फिल्म बना सकते हैं जो स्वच्छता के लिए प्रेरणा दे। वो किसी भी भाषा में हो सकती है, वो मूक भी हो सकती है। ये जो प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे उसमें से जो बेस्ट तीन लोग चुने जायेंगे, जिला स्तर पर तीन होंगे, राज्य स्तर पर तीन होंगे उनको पुरस्कार दिया जाएगा। तो मैं हर किसी को निमंत्रण देता हूं कि आइये, स्वच्छता के इस अभियान के इस रूप में भी आप जुड़ें।

श्री मोदी ने कहा कि मैं फिर एक बार कहना चाहता हूं कि इस बार 2 अक्टूबर गांधी जयंती को ‘स्वच्छ 2 अक्टूबर’ मनाने का संकल्प करें और इसके लिए 15 सितम्बर से ही ‘स्वच्छता ही सेवा’ इस मंत्र को घर-घर पहुंचायें। स्वच्छता के लिए कोई-न-कोई कदम उठाएं। स्वयं परिश्रम करके इसमें हिस्सेदार बनें। आप देखिए, गांधी जयंती की ये 2 अक्टूबर कैसी चमकेगी। आप कल्पना कर सकते हैं 15 दिन के सफ़ाई के इस अभियान के बाद, ‘स्वच्छता ही सेवा’ के बाद, 2 अक्टूबर को जब हम गांधी जयंती मनाएगें तो पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देने का हमारे भीतर कितना एक पवित्र आनंद होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों गुजरात में भयंकर बाढ़ आई। काफ़ी लोग अपनी जान गंवा बैठे, लेकिन बाढ़ के बाद जब पानी कम हुआ तो हर जगह इतनी गन्दगी फ़ैल गई थी। ऐसे समय में गुजरात के बनासकांठा ज़िले के धानेरा में, जमीयत उलेमा–ए–हिन्द के कार्यकर्ताओं ने बाढ़-प्रभावित 22 मंदिरों एवं 3 मस्जिदों की चरणबद्ध तरीक़े से साफ़-सफ़ाई की। ख़ुद का पसीना बहाया, सब लोग निकल पड़े। स्वच्छता के लिए एकता का उत्तम उदाहरण, हर किसी को प्रेरणा देने वाला ऐसा उदाहरण, जमीयत उलेमा–ए–हिन्द के सभी कार्यकर्ताओं ने दिया। स्वच्छता के लिए समर्पण भाव से किया गया प्रयास, ये अगर हमारा स्थायी स्वभाव बन जाए तो हमारा देश कहां से कहां पहुंच सकता है।