आत्मिक सुख की आवश्यकता
दीनदयाल उपाध्याय व्यक्ति को केवल शारीरिक सुख ही नहीं, मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक सुख की भी लालसा रहती...
दीनदयाल उपाध्याय व्यक्ति को केवल शारीरिक सुख ही नहीं, मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक सुख की भी लालसा रहती...
दीनदयाल उपाध्याय पिछले अंक का शेष… मान लीजिए, आपकी जेब में चार दुअन्नियां पड़ी हैं। उसमें तीन...
दीनदयाल उपाध्याय पिछले अंक का शेष… एक छोटा सा उदाहरण लें कि कोई बच्चा है। हम उसका शृंगार करना...
दीनदयाल उपाध्याय माननीय रज्जू भैया ने हमें यह बताया था कि एक ऐसी परंपरा हम देश में निर्माण करना चाहत...
-दीनदयाल उपाध्याय अधिकांश भारतीय जनता जनतांत्रिक जीवन की आकांक्षी है; किंतु इधर अनेक एशियाई देशों म...
दीनदयाल उपाध्याय यद्यपि भारत में समाजवादी विचार और समाजवादी पार्टियां उस समय से ही विद्यमान हैं, जब...
दीनदयाल उपाध्याय धर्म का मुख्य तत्त्व है उसका आचार। धर्म और अधर्म का विचार करने पर महाभारत का एक वाक...
दीनदयाल उपाध्याय जहां तक व्यक्ति स्वातंत्र्य की बात है, हमें यह मानकर चलना होगा कि व्यक्ति सामाजिक न...
दीनदयाल उपाध्याय हमें अपने जीवन के लिए परानुकरण की आवश्यकता नहीं है। हमें तो अपनी ही परंपरा का विचार...
दीनदयाल उपाध्याय काम करो और एक मत से विचार करके काम करो, यह अपनी बहुमत से विचार करके तय करो। विरोधी...
दीनदयाल उपाध्याय देश में जब तक अंग्रेज़ों का राज्य चलता था, तब तक सबके लिए राष्ट्रीय दृष्टि से एकत्र...
दीनदयाल उपाध्याय जब कोई व्यक्ति आजादी चाहता है तो वह सुरक्षा की मांग भी करता है। एक व्यक्ति को सुरक्...