केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए कटिबद्ध है : अमित शाह

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 26 फरवरी को कर्नाटक के अपने सांगठनिक प्रवास के दूसरे दिन हुम्नाबाद स्थित वीरभद्रेश्वरा फंक्शन हॉल में गन्ना किसानों से विचार-विमर्श किया। श्री शाह ने राज्य की बदहाली के लिए कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार पर जमकर प्रहार किया। इसके बाद, श्री शाह ने यादगिरी जिले की सुरापुर स्थित सज्जन लेआउट में सुरापुर और यादगिरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के नवशक्ति समावेश को संबोधित किया और फिर सेदाम तालुका के श्री मनिकेश्वरी मठ में कोली समुदाय से संवाद किया। अपने व्यस्त कार्यक्रमों में भाजपा अध्यक्ष ने जहां गुलबर्गा के एनवी मैदान में अनुसूचित जाति सम्मलेन को संबोधित किया। वहीं पीडीए इंजीनियरिंग कॉलेज ऑडिटोरियम में व्यापारियों और उद्योगपतियों से भी संवाद स्थापित किया। इन सभी कार्यक्रमों से पूर्व उन्होंने बीदर के रेकुल्गी स्थित बुद्ध विहार में भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद, मंगाल्गी गांव में आत्महत्या करने वाले कृषक स्वर्गीय शिवराज बासालिंगप्पा अलरेड्डी के घर उनके शोक-संतप्त परिवारजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना भी दीं।

कर्नाटक के गन्ना किसान बहुल क्षेत्र हुम्नाबाद में किसानों से परिसंवाद स्थापित करने के दौरान भाजपा अध्यक्ष ने किसानों की समस्याएं सुनीं और केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा देश के किसान कल्याण के लिए उठाये गए महत्वपूर्ण क़दमों का विस्तार से उल्लेख भी किया. किसानों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार किसानों की भलाई व उनके जीवन के उत्थान के लिए कटिबद्ध है और पिछले चार सालों में मोदी सरकार ने इसे चरितार्थ करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि देश के गन्ना किसानों को उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने चीनी के रॉ मटेरियल के आयत पर प्रतिबन्ध लगाया। साथ ही, औद्योगिक उद्देश्य के लिए आयात होने वाली चीनी के रॉमटेरियल पर इम्पोर्ट ड्यूटी को बढाकर पहले साल में ही 40% किया और अब इसे बढ़ाकर 100 % कर दिया है।

गन्ना के सह-उत्पाद इथेनोल को पेट्रोल में 10 फीसदी मिलाना भी हमने अनिवार्य किया, ताकि किसानों का इथेनोल बिक सके और उन्हें इसकी उचित कीमत मिल सके। इसके अतिरिक्त, इथेनोल की जो कीमत पहले 11 रूपये के आसपास होती थी उसकी कीमत 48 रुपये तक लाने का काम भी हमारी सरकार ने किया ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो।

भाजपा शासित राज्यों में उप्र का जिक्र करते हुए श्री शाह ने कहा कि वहां के गन्ना किसानों को गन्ने का भुगतान गन्ने की बुवाई के 90 दिन के भीतर करने का क़ानून वहां की राज्य सरकार ने अमल में लाया और वर्तमान सीजन में किसानों के सभी पैसों का भुगतान हो गया है तथा पुराना बकाया भी काफी हद तक समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद सीधा किसानों के खातों में 6 हज़ार करोड़ का बकाया भी भेजने का काम भाजपा सरकार ने किया है।

श्री शाह ने उपस्थित किसानों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि यदि कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनी तो यहां बन्द पड़ी चीनी मिलों को अविलम्ब शुरू किया जाएगा और उप्र की तर्ज पर कर्नाटक के चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को 90 दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। केंद्र की पूर्व यूपीए सरकार पर तंज कसते हुए श्री शाह ने कहा कि यूपीए काल में दलहन का आयात कर कमीशन खाई जाती थी, जबकि केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद हमने दलहन की बुवाई बढ़ाई और उसे एमएसपी पर खरीदने की पद्धति की शुरुआत भी की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को उनकी लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का साहस आज से पहले किसी भी सरकार ने नहीं किया। कांग्रेस सरकारें किसानों के नाम पर वोट लेकर सत्ता में आती रही, लेकिन किसी ने किसानों के लिए डेढ़ गुना समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने बजट में किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया, जो किसानों की आय को दुगुना करने के लक्ष्य की दिशा में विशिष्ट कदम है। उन्होंने कहा कि कई ऐसी योजनाएं हैं जो राज्य सरकार के सहयोग के बिना किसानों तक नहीं पहुंचाई जा सकती, लेकिन केंद्र की किसान कल्याणकारी योजनाओं को कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार जनता तक पहुंचने ही नहीं देती।

श्री शाह ने कहा कि आजादी के बाद से ही देश के किसानों को यूरिया की कमी से जूझना पड़ता था लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने यूरिया को नीम कोटेड करने की पहल की जिससे इसकी कालाबाजारी रुकी और किसानी को राहत मिली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत देश के 16 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा पहुंचाने का प्रबंध है, लेकिन सिद्धारमैया सरकार द्वेषवश इसे जमीनी स्तर पर कार्यान्वित नहीं कर रही है। श्री शाह ने उपस्थित किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि यदि कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनती है तो प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के द्वारा राज्य के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में ढाई गुना सिंचाई सुविधा बढ़ाने की कार्ययोजना पर हमारी सरकार काम करेगी।

श्री शाह ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले पचास साल में पहली बार इस योजना को वैज्ञानिक तरीके से बनाने का प्रयास किया गया है और इसमें जो भी खामियां हंम उस पर सांसदों से राय मांगी गयी हैं। साथ ही, इसकी प्रक्रिया को सुधारने के लिए एक कमिटी भी गठित की गयी और संभवतः चार-पांच माह में यह योजना अपने नए स्वरूप में लागू हो जायेगी, जिसके अंतर्गत हर किसान को उनकी फसल का बीमा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ या सूखा के कारण पहले किसानों को जो राहत-राशि दी जाती थी उसे भाजपा की सरकार ने सत्ता में आने के पहले साल ही दो गुना किया और 1 हक्टेयर की जगह 4 हेक्टेयर भूमि तक मदद करने की व्यवस्था भी की।

श्री शाह ने कहा कि 27 फरवरी को कर्नाटक में किसान सम्मलेन होने वाला है जिसमें प्रधानमंत्री स्वयं मौजूद रहेंगे। इसके बाद भाजपा के कार्यकर्ता हर किसान के घर जाकर एक मुट्ठी चावल लेकर खिचड़ी बनाकर यह प्रतिज्ञा लेते हुए वो अन्न ग्रहण करेंगे कि कर्नाटक की जो अगली भारतीय जनता पार्टी की सरकार होगी वह किसानों को समर्पित और किसानों के लिए काम करने वाली सरकार होगी। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के झूठे आरोपों का करार जवाब देते हुए कहा कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद किसी भी उद्योगपति का कर्ज माफ़ नहीं किया गया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनके पास इससे सम्बंधित कोई रिकॉर्ड हो तो उसे सार्वजनिक करें, मैं उसका जवाब देने और कर्नाटक के किसानों से माफ़ी मांगने को तैयार हूं।