केंद्र सरकार ने 2021-22 में खाद्य सब्सिडी के लिए जारी किए 2,94,718 करोड़ रुपये

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वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीद कार्यों और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (एनएफएसए) के अंतर्गत खाद्यान्न के निर्बाध वितरण के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 2,92,419.11 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के मुकाबले डीसीपी और गैर-डीसीपी दोनों गतिविधियों के तहत भारतीय खाद्य निगम तथा राज्य सरकारों को खाद्य सब्सिडी के लिए 2,94,718/- करोड़ रुपये जारी किए हैं।
खाद्य सब्सिडी हेतु दी गई यह राशि 2020-21 के दौरान जारी खाद्य सब्सिडी का लगभग 140% और 2019-20 के दौरान उपलब्ध कराई गई खाद्य सब्सिडी का करीब 267% है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने 3,04,879/- करोड़ रुपये के शुद्ध आवंटन के मुकाबले 3,04,361 करोड़ रुपये खर्च करके 99.83% व्यय हासिल किया है।

केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए तत्पर रहता है कि उसकी योजनाओं का लाभ समाज के विभिन्न कमजोर वर्गों तक पहुंचे। इस मद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने अनुसूचित जातियों के लिए लगभग 24,000/- करोड़ रुपये, अनुसूचित जनजातियों हेतु 12,000/- करोड़ रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र को 400/- करोड़ रुपये से अधिक धनराशि जारी की है।

खाद्य सब्सिडी हेतु दी गई यह राशि 2020-21 के दौरान जारी खाद्य सब्सिडी का लगभग 140% और 2019-20 के दौरान उपलब्ध कराई गई खाद्य सब्सिडी का करीब 267% है

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 80 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलो की दर से अतिरिक्त खाद्यान्न उनकी मासिक पात्रता के अलावा भी मुफ्त में जारी किया गया है। यह अतिरिक्त आवंटन अप्रैल, 2020 से मार्च, 2022 तक अब तक 5 चरणों में किया गया है।

इसकी शुरुआत के बाद से इस योजना के तहत 2.60 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित वित्तीय खर्च के साथ कुल 758 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया है। पीएमजीकेएवाई को अब सितंबर, 2022 तक बढ़ा दिया गया है, जिसमें लगभग 80,851/- करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय लागत के साथ 244 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का अधिक आवंटन शामिल होगा।

कुल 1175 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न, जिसमें रबी विपणन सत्र 2021-22 के दौरान गेहूं की खरीद और खरीफ विपणन सत्र 2021-22 में धान का क्रय शामिल है, उससे न्यूनतम समर्थन मूल्य के 2.31 लाख करोड़ रुपये के सीधे भुगतान के साथ 154 लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया है।
भारत सरकार ने चीनी उद्योग का सहयोग करने और चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाबद्ध हस्तक्षेप किए हैं, जिससे किसानों के गन्ना बकाया का भुगतान किया जा सके। इस दिशा में विभिन्न चीनी क्षेत्र की योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता दी गई— चीनी मिलों को चीनी सीजन 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए सहायता योजना (निर्यात योजनाएं); बफर स्टॉक की तैयारी एवं रखरखाव के लिए योजना (चीनी सीजन 2018-19 में 30 एलएमटी) व (चीनी सीजन 2019-20 में 40 एलएमटी), इथेनॉल उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी और वृद्धि हेतु चीनी मिलों को वित्तीय सहायता देने के लिए चीनी सब्सिडी की योजना तथा चीनी विकास कोष के तहत ऋण आदि।

उल्लेखनीय है कि एफसीआई और स्टेज एजेंसियों के साथ कुल केंद्रीय पूल भंडारण क्षमता 958.53 लाख मीट्रिक टन है। इसके अलावा, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग पूर्वोत्तर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए गोदामों के निर्माण के लिए केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना लागू कर रहा है।