प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 1,07,059 करोड़ रुपये से अधिक के दावों का हुआ भुगतान

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यह योजना सबसे कमजोर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में सक्षम रही है,
क्योंकि इस योजना में नामांकित लगभग 85 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत 4 फरवरी, 2022 तक 1,07,059 करोड़ रुपये से अधिक के दावों का भुगतान किया जा चुका है। इस योजना के तहत 36 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 फरवरी, 2016 को मध्य प्रदेश के सीहोर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की घोषणा के 6 वर्ष पूरा होने के बाद इस योजना ने आगामी खरीफ 2022 सीज़न के साथ अपने कार्यान्वयन के 7वें वर्ष में सफलतापूर्वक प्रवेश किया है।

पीएमएफबीवाई भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल के नुकसान/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना 6 साल पहले शुरू की गई थी, जिसे 2020 में किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी को आसान बनाने के लिए नया रूप दिया गया था। इसके माध्यम से किसान फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के 72 घंटे के भीतर फसल के नुकसान की रिपोर्ट आसानी से कर सकते हैं। साथ ही, पात्र किसान के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से दावे की धनराशि भी अंतरित की गई।

पीएमएफबीवाई के राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एनसीआईपी) के साथ भूमि रिकॉर्ड का एकीकरण, किसानों के आसान नामांकन के लिए फसल बीमा मोबाइल ऐप, एनसीआईपी के माध्यम से किसान प्रीमियम का प्रेषण, सब्सिडी रिलीज मॉड्यूल और एनसीआईपी के माध्यम से दावा रिलीज मॉड्यूल इस योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।

यह योजना सबसे कमजोर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में सक्षम रही है, क्योंकि इस योजना में नामांकित लगभग 85 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं। भारत की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 2022-23 के बजट भाषण के दौरान फसल बीमा के लिए ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में हाल की घोषणा से धरातल पर योजना के सुचारू कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी का एकीकरण और भी अधिक मजबूत होगा।

गौरतलब है कि इस योजना के तहत कार्यान्वयन वाले सभी राज्यों में किसानों को ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ के लिए फसल बीमा पॉलिसी प्रदान करने के लिए डोर-टू-डोर वितरण अभियान शुरू किया जाएगा। अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी किसान पीएमएफबीवाई के तहत अपनी नीतियों, भूमि अभिलेखों, दावे की प्रक्रिया और शिकायत निवारण के बारे में संपूर्ण जानकारी से अच्छी तरह अवगत हैं।