कांग्रेस का घोषणा-पत्र देश की सुरक्षा पर प्रहार : अमित शाह

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्येक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का लोक सभा चुनाव 2019 के लिए जारी घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है और देश की जनता एवं जांबाज सिपाहियों का अपमान है। कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र के माध्यम से देश की सुरक्षा पर क्रूरतम प्रहार किया है।

श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने पर अफस्पा को कमजोर किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी स्पष्ट करे कि अफस्पा को कमजोर करके वह सेना के मनोबल को बढ़ाना चाहती है या गिराना चाहती है। अफस्पा को कमजोर बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष क्या संदेश देना चाहते हैं?

देश में जम्मू-कश्मीर समस्या की जनक कांग्रेस ही रही है। यह कांग्रेस पार्टी है जिसने जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देते हुए गैर संवैधानिक तरीके से धारा 35ए को देश पर थोपा। अब कांग्रेस पार्टी देशद्रोह के क़ानून को ख़त्म करके और अफस्पा को कमजोर करके आतंकवादियों और अलगाववादियों के चेहरे पर मुस्कान ला रही है। कांग्रेस पार्टी ने कश्मीरी पंडितों को अनदेखा करते हुए अपने पूरे घोषणापत्र में इस बारे में कोई जिक्र नहीं है। कश्मीरी पंडितों और उनके घाटी से पूरी तरह सफाये के बारे में घोषणा पत्र में पूरी तरह से चुप्पी है। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में देशद्रोह के कानून को खत्म करने का वादा किया है। इसका मतलब कांग्रेस राज में ‘भारत माता की जय’ के बदले देशद्रोही गैंग के ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगेंगे। अफस्पा हटाने का मतलब यह है कि सेना के पास से आतंकवादियों पर प्रहार करने का हथियार छीन लिए जायेंगे। इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी ने वादा किया है कि वह अलगाववादियों से बात करेगी। किसको खुश करने के लिए कांग्रेस पार्टी ऐसा कर रही है? क्या कारण है कि आतंकवादियों, अलगावादियों, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और कांग्रेस का घोषणापत्र एक ही भाषा का प्रयोग करता है?

कांग्रेस के साथी उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में अलग से प्रधानमंत्री की मांग की है। कांग्रेस जवाब दे कि एक देश में दो प्रधानमंत्री कैसे हो सकते हैं? क्या जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है? कांग्रेस पार्टी स्पष्ट करे कि वह उमर अब्दुल्ला के बयान के साथ है या नहीं? उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा, इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता।

कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि सबको बेल मिल जाना चाहिए चाहे कोई भी अपराध हो, शायद कार्ति चिदंबरम को जेल से बचाने के लिए ही कांग्रेस पार्टी ने इसे अपने मेनिफेस्टो में शामिल किया है।

कांग्रेस पार्टी ने केवल जनता को गुमराह कर वोट हड़पने के लिए अब तक के सबसे बड़े झूठे वादे ‘न्याय’ का प्रचार किया, लेकिन मेनिफेस्टो में राहुल गांधी के इस महाजुमले की भी हवा निकल गई है। कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में कहा है कि फिस्कल डेफिसिट को काबू में रखते हुए इसे लागू किया जाएगा। पहले एक कमिटी बनाई जायेगी फिर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना को शुरू किया जाएगा और फिर इसे कई चरणों में लागू किया जाएगा। इतना ही नहीं, इस योजना के लिए धन कहां से आयेगा, इस पर कांग्रेस पार्टी कह रही है कि अर्थव्यवस्था के विस्तार से और नए राजस्व स्रोतों से पैसा आयेगा। कांग्रेस अब यह भी कह रही है कि इस योजना को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लागू करेंगे। कई राज्य सरकारें यह दावा कर सकती हैं कि उनकी योजनाओं में कांग्रेस पार्टी के वादे से ज्यादा पैसा राज्य की जनता को दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में इसका भी उल्लेख किया है कि वर्तमान में चल रही जिन योजनाओं में मेरिट होगा, वही योजनायें चलती रहेंगी अर्थात् यह कि कांग्रेस कुछ योजनाओं को ख़त्म कर सकती है। इसका अर्थ ये है कि कांग्रेस पार्टी एक हवा-हवाई योजना के जरिये फिर एक बार जनता के साथ विश्वासघात करने वाली है। देश की जनता को इससे सतर्क रहने की जरूरत है।

कांग्रेस ने कोई पहली बार झूठे वादे नहीं किये हैं। कांग्रेस पार्टी का झूठे वादे करने का एक लंबा इतिहास रहा है। आज तक कांग्रेस ने एक भी वादा अपने कार्यकाल में पूरा करके नहीं दिखाया।

कांग्रेस ने 2004 के घोषणापत्र में बिजली पहुंचाने का वादा किया था। 2009 और 2014 में भी यह कांग्रेस के घोषणापत्र का हिस्सा रहा, लेकिन इसे पूरा मोदी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में किया। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए फीजिबिलिटी को एक्जामिन करेगी। कांग्रेस ने इसी तरह के वादे 2004, 2009 और 2014 में भी किये थे और अब 2019 में भी कांग्रेस पार्टी भी यही कह रही है जबकि मोदी सरकार ने देश के 12 करोड़ से अधिक किसानों को 6000 रुपये देने की शुरुआत कर भी चुकी है। OROP 40 साल से पेंडिंग था। कांग्रेस ने 2004 के घोषणापत्र में इसे लागू करने का वादा किया था। वह 10 साल में इसे पूरा नहीं कर पाई, इसके लिए सरकार जाते समय कांग्रेस पार्टी ने केवल 500 करोड़ रुपये आवंटित किये थे। मोदी सरकार ने एक साल में ही OROP लागू किया और अब तक सैनिकों के खाते में लगभग 35,000 करोड़ रुपये की राशि पहुंचाई भी जा चुकी है। 2004 में कांग्रेस ने वादा किया था कि वह जनता के प्रति जवाबदेह है, इसलिए हर साल 2 अक्टूबर को पूरे किए गये वादों का लेखा जोखा जनता के सामने रखेगी। कांग्रेस ने यह भी वादा किया था कि सरकार बनने के 100 दिनों में वह एक्शन प्लान पेश करेगी। आज तक कांग्रेस की सरकार में यह हुआ ही नहीं। मोदी जी हर साल अपने कामकाज का लेखा-जोखा देश की जनता को देते हैं।

कांग्रेस पार्टी ने 2011 तक देश के हर नागरिक को आधार कार्ड देने का वादा किया था, सरकार जाने तक कांग्रेस पार्टी केवल 46 करोड़ लोगों को ही आधार कार्ड से जोड़ पाई थी। आज देश के लगभग हर नागरिक के पास आधार कार्ड है। कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह सुरक्षा जरूरतों के लिए हाइएस्ट लेवल के कदम उठायेगी। रहने दीजिये राहुल बाबा, आप 10 साल में एक लड़ाकू विमान का डील तो कर नहीं पाए। कांग्रेस ने वादा किया है कि वह सबको स्वास्थ्य सुरक्षा देगी। वास्तविकता यह है कि 2013-14 तक केवल ढाई करोड़ लोग ही इस योजना से कवर्ड हो पाए थे। मोदी जी ने देश के 50 करोड़ गरीबों को पांच लाख रुपये तक की वार्षिक स्वास्थ्य बीमा दे दी है। पिछले चार महीनों में ही 20 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो पाए हैं। कांग्रेस ने ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को लेकर कहा है कि तीन वर्षों में हम हर गांव को इससे जोड़ेंगे। सच्चाई यह है कि 2014 में देश के ढाई लाख ग्राम पंचायतों में से केवल 59 ग्राम पंचायत ही ब्रॉडबैंड से जुड़ पाए थे। आज मोदी सरकार के पांच वर्षों में 1.16 लाख ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर का जाल बिछा दिया गया है।