केंद्र की भाजपानीत राजग सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सघन प्रयासों व राज्यों के सहयोग द्वारा अप्रैल 2014 से 1.37 करोड़ आवासों का निर्माण कार्य पूरा किया गया। आवासों के निर्माण कार्य पूरा होने का ब्यौरा निम्न है :
. (संख्या लाख में)
वर्ष ग्रामीण आवास पूरे हुए (आईएवाई+पीएमएवाई-जी)
.2014-15 11.91
.2015-16 18.22
.2016-17 32.23
.2017-18 44.54
.2018-19 30.45 (मार्च 31, 2019 तक 65 लाख होने की संभावना )
(अब तक )
.पूरे होने वाले आवासों की कुल संख्या 1.37 करोड़
गौरतलब है कि जहां 2014-15 में 12 लाख आवासों का निर्माण हुआ था, वहीं 2018-19 में यह संख्या पांच गुनी बढ़कर 65 लाख हो गई।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का शुभारंभ किया था। राज्यों के सहयोग से ग्रामीण विकास मंत्रालय को विश्वास है कि मार्च, 2019 तक एक करोड़ आवासों का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। पीएमएवाई-जी योजना के अंतर्गत निर्धनतम लोगों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है, जो अभी कच्चे घरों में रहते हैं। 4.75 लाख घरों के निर्माण की मंजूरी लंबित है, क्योंकि राज्य सरकारों द्वारा भूमिहीनों को जमीन देने का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे मामले तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और बिहार से संबंधित है।
ग्रामीण आवास कार्यक्रम से न सिर्फ गरीबों को आवास मिलता है, बल्कि उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 90/95 दिनों का रोजगार भी प्राप्त होता है। इन आवासों को सौभाग्य योजना के तहत विद्युत आपूर्ति की जाती है तथा उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन दिए जाते हैं।
इन आवासों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण किया जाता है। 1.37 करोड़ ग्रामीण आवासों के लाभान्वितों के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना– राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं। पीएमएवाई-जी योजना के तहत निर्धनतम लोगों के चयन के लिए त्रिस्तरीय प्रक्रिया अपनाई जाती है– सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011, ग्राम सभा और ज्यो–टैगिंग।