देश पहली बार 100वें नंबर पर

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केंद्र की मोदी सरकार के सुशासन और ऐतिहासिक आर्थिक सुधार लागू करने से भारत पहली बार विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में 100वें नंबर पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि कारोबारी सुगमता के मामले में पिछले साल भारत 130वें नंबर पर था। एक साल में देश की रैंकिंग में अभूतपूर्व 30 अंक का उछाल आया है। खास बात यह है कि विश्व बैंक ने भारत को इस साल सबसे ज्यादा सुधार करने वाले दुनिया के शीर्ष 10 देशों की सूची में शामिल किया है। भारत इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाला दक्षिण एशिया और ब्रिक्स समूह का इकलौता देश है। सच तो यह कि विश्व बैंक की ताजा रैंकिंग, विकास की बीते तीन साल की कहानी को बयान करती है। यह रिपोर्ट 31 अक्टूबर को वाशिंगटन में जारी की गई।

चहुंमुखी और विविध क्षेत्रों में सुधार का परिणाम है यह छलांग: नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व बैंक की बिजनेस रिपोर्ट 2018 में भारत की 30 अंक की ऐतिहासिक छलांग की सराहना की। प्रधानमंत्री ने रैंकिंग में इस सुधार को ऐतिहासिक की संज्ञा देते हुए कहा कि यह छलांग टीम इंडिया के चहुंमुखी और विविध क्षेत्रों में सुधार का परिणाम है। इस सरल कारोबारी वातावरण के चलते हमारे उद्यमियों, विशेषकर एमएसएमई क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक अवसर उपलब्ध है और ये कही ज्यादा समृद्धि ला रहे है। पिछले तीन वर्षों में राज्यों के बीच व्यवसाय को सरल बनाने की सकारात्मक प्रतिस्पर्धा देखने में आई है। यह स्थिति लाभदायक रही है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत में कारोबार करना कभी आसान नही रहा है। भारत दुनिया को आर्थिक अवसर प्रदान करने के लिए उन्हें आमंत्रित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र से मार्गदर्शित होकर हम अपनी रैंकिंग में और सुधार और बड़े पैमाने पर आर्थिक विकास करने के लिए दृढ़ निश्चय रखते हैं।

वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि रैंकिंग में यह उछाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में असाधारण गति से हुए आर्थिक सुधारों का ही परिणाम है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि रैंकिंग में सुधार का श्रेय पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। यह साबित करता है कि किस तरह विभिन्न सुधारों और जनता के जीवन स्तर में बेहतरी की प्रधानमंत्री की नीति कारगर है।

दस मापदंडों में से छह पर भारत की रैंकिंग में भारी सुधार

विश्व बैंक की ‘डूइंग बिजनेस-2018’ रिपोर्ट में दस मापदंडों के आधार पर सभी देशों को कारोबारी सुगमता के मामले में रैंकिंग दी गई है। दस मापदंडों में से छह पर भारत की रैंकिंग में सुधार आया है। माइनॉरिटी शेयरधारकों की सुरक्षा के मामले में भारत दुनिया भर में टॉप-5 में शुमार है। इस पैमाने पर देश की रैंक चार है, जबकि पिछले साल 13 थी। आसानी से कर्ज प्राप्त करने और बिजली कनेक्शन मिलने के मामले में भारत दुनिया के 30 शीर्ष देशों में शामिल है। कर्ज पाने के मामले में देश की रैंकिंग पिछले साल के 44वें नंबर से सुधरकर इस साल 29 हो गई है। टैक्स भुगतान के मामले में पिछले साल देश की रैकिंग 172 थी, जो अब 119 हो गई है। दिवालियापन के मामले सुलझाने में रैंकिंग 136वें स्थान से 103 पर पहुंच गई है। मोदी सरकार ने संसद में अटके बैंक्रप्सी विधेयक को पारित कराकर लागू किया है। नतीजतन इस मापदंड पर देश की स्थिति में सुधार आया है।