चौपालों और समाधान शिविरों के जरिये जनता से सीधा संवाद

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आम जनता के साथ सीधे संवाद और योजनाओं के सोशल आडिट के लिए अनोखा ‘लोक सुराज अभियान’ छत्तीसगढ़ में प्रदेशवासियों की सक्रिय भागीदारी से उत्साह के साथ चल रहा है। इस वर्ष लगभग ढाई महीने पहले शुरू हुए राज्य सरकार के इस वार्षिक अभियान के तहत मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का प्रदेशव्यापी तूफानी दौरा अब भी जारी है। यह अभियान राज्य सरकार और जनता के बीच अपनेपन से परिपूर्ण भावनात्मक रिश्तों का पर्याय बन गया है, जहां चौपालों और समाधान शिविरों में लोग सरकार के नुमाइंदों से खुलकर बातचीत करते हुए अपना दुःख दर्द बता रहे हैं और उन्हें राहत भी मिल रही है। रमन सरकार इस अभियान के जरिये प्रदेश की 10 हजार 971 ग्राम पंचायतों के लगभग 20 हजार गांवों और सभी 168 शहरों में जनता से संवाद कायम कर रही है। चौपाल और समाधान शिविर सरकार और जनता के बीच संवाद सेतु की भूमिका निभा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि अभियान का यह तीसरा चरण है। इसमें मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्री और मुख्य सचिव से लेकर सभी संभागीय कमिश्नर, जिला कलेक्टर और शासन के सभी विभागों के मैदानी अधिकारी और कर्मचारी गांवों का दौरा कर रहे हैं। समाधान शिविरों में लोगों को योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में लोक सुराज अभियान का पहला अध्याय ग्राम सुराज अभियान के रूप में वर्ष 2005 में शुरू हुआ। लगभग सात वर्ष बाद उन्होंने इसमें नगर सुराज अभियान को भी जोड़ा। इसके बाद वर्ष 2015 से ग्राम और नगर दोनों को मिलाकर उनके नेतृत्व में लोक सुराज अभियान की शुरुआत हुई। डॉ. सिंह ने इस बार भी लोक सुराज अभियान में हेलीकॉप्टर से जिलों के आकस्मिक दौरे की शुरुआत राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित बस्तर संभाग के जिलों से की। उन्होंने पहले दिन 11 मार्च को कांकेर जिले के ग्राम बण्डाटोला में आकस्मिक रूप से पहुंचकर चौपाल लगाई और उसी दिन मद्देड़ (जिला बीजापुर) और इंजरम (जिला सुकमा) के समाधान शिविरों में भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने लोक सुराज के सोलहवें दिन बेमेतरा, बालोद, धमतरी और कांकेर जिलों का सघन दौरा किया। इसे मिलाकर डॉ. सिंह ने विगत लगभग एक पखवाड़े से चल रहे तीसरे चरण के अभियान में बस्तर से लेकर सरगुजा तक राज्य के 27 में से 25 जिलों का दौरा कर लिया है।

उल्लेखनीय है कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में इस वर्ष का लोक सुराज अभियान 12 जनवरी से शुरू हुआ है, जो तीन चरणों में 31 मार्च तक चल रहा है। पहले चरण में 12 जनवरी से 14 जनवरी तक ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों से आवेदन संकलित किए गए। दूसरे चरण में 15 जनवरी से 11 मार्च तक उनका निराकरण किया गया और तीसरे चरण में 11 मार्च से 31 मार्च के बीच ग्राम समूहों और शहरी क्षेत्रों में वार्ड समूहों के बीच समाधान शिविर लगाकर लोगों को उनके आवेदनों के निराकरण की स्थिति के बारे में बताया जा रहा है। हितग्राही मूलक योजनाओं में चेक और अनुदान सामग्री का भी वितरण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ देश का पहला और इकलौता राज्य है, जहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शासन और प्रशासन के पदाधिकारी और प्रतिनिधि हर साल लगभग ढाई महीने से तीन माह का समयबद्ध अभियान चलाकर जनता के बीच पहुंचते हैं और लोगों का दुःख दर्द सुनकर उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिए राहत दिलाने का भी प्रयास करते हैं। इसके साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी स्थिति का भी आंकलन आम जनता के बीच बैठकर कर लिया जाता है।