आज़ादी के अमृत काल के दौरान देश के पूर्वी क्षेत्र का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 17 दिसंबर को कोलकाता में 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पश्चिम बंगाल और झारखंड के मुख्यमंत्रियों, बिहार के उपमुख्यमंत्री और ओडिशा के मंत्रियों सहित केन्द्रीय गृह मंत्रालय और परिषद् के अंतर्गत आने वाले राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

अपने उद्घाटन संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 8 वर्षों में क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में 1000 से अधिक विषयों पर चर्चा हुई और उनमें से 93 प्रतिशत मुद्दों को सुलझा लिया गया, जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से 2013 तक 8 वर्षों में क्षेत्रीय परिषदों की कुल 6 बैठकें हुईं (औसतन प्रति वर्ष एक बैठक से भी कम), लेकिन 2014 से अब तक 8 वर्षों में कोविड-19 महामारी के बावजूद भी कुल 23 बैठकें (आज की बैठक सहित) हो चुकी हैं (औसतन 3 बैठकें प्रति वर्ष)।

श्री शाह ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने विगत वर्षों में पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में काफी काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गतिशक्ति योजना की परिकल्पना में बड़ा हिस्सा पूर्वी क्षेत्र के राज्यों का है, क्योंकि मोदी जी ने हमेशा इस क्षेत्र के विकास पर थ्रस्ट दिया है।

श्री शाह ने कहा कि अगले 25 वर्षों में आज़ादी के अमृत काल के दौरान देश के पूर्वी क्षेत्र का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् बैठक अच्छे और सकारात्मक माहौल में हुई, कई मुद्दों पर सहमति बनी और बाकी बचे मुद्दों को भी विचार-विमर्श द्वारा सुलझा लिया जाएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के पूर्वी क्षेत्र में वामपंथी उग्रवाद लगभग समाप्त हो गया है और इस निर्णायक वर्चस्व को बनाए करने के प्रयास निरंतर रहने चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए कि वामपंथी उग्रवाद-मुक्त राज्यों में ये दोबारा ना पनपे और ये राज्य देश के अन्य हिस्सों के बराबर विकास करें।