आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को कुचलने के प्रयास किए गए : नरेन्द्र मोदी

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आपातकाल के दौरान सभी अधिकार छीन लिए गए थे। इन अधिकारों में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार शामिल था। उस समय भारत में लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतों, सभी संवैधानिक संस्थाओं, प्रेस, सबको नियंत्रण में ले लिया गया था

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 26 जून को कहा कि भारत में 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान ‘लोकतंत्र को कुचलने’ का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई और उदाहरण खोजना मुश्किल है, जहां लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से ‘तानाशाही मानसिकता’ को हराया।

रेडियो पर प्रसारित अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में श्री मोदी ने श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के दिनों को याद किया और कहा कि उस दौरान सभी अधिकार ‘छीन’ लिए गए थे।

गौरतलब है कि देश में 25 जून, 1975 को आपातकाल लागू करने की घोषणा की गई थी, जब श्रीमती इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।

श्री मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान सभी अधिकार छीन लिए गए थे। इन अधिकारों में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार शामिल था। उस समय भारत में लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतों, सभी संवैधानिक संस्थाओं, प्रेस, सबको नियंत्रण में ले लिया गया था।

आपातकाल के दौरान मुझे भी देशवासियों के संघर्ष का साक्षी बनने और उसमें योगदान देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्षों का जश्न मना रहा है, तब हमें आपातकाल के काले दौर को नहीं भूलना चाहिए

उन्होंने कहा कि सेंसरशिप इतनी सख्त थी कि बिना मंजूरी के कुछ भी प्रकाशित नहीं किया जा सकता था। श्री मोदी ने कहा कि मुझे याद है, जब प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की तारीफ करने से इनकार कर दिया था, तब उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया था, उन्हें रेडियो पर आने की अनुमति नहीं थी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि कई प्रयासों, हजारों गिरफ्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बावजूद लोकतंत्र में भारतीयों का विश्वास नहीं डगमगाया। श्री मोदी ने कहा कि सदियों से हमारे भीतर बसे लोकतांत्रिक मूल्यों, हमारी रगों में बहने वाली लोकतंत्र की भावना की आखिरकार जीत हुई।

उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से आपातकाल से छुटकारा पाया और लोकतंत्र को बहाल कराया। श्री मोदी ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीकों से तानाशाही मानसिकता को हराने का दुनिया में ऐसा उदाहरण मिलना मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान मुझे भी देशवासियों के संघर्ष का साक्षी बनने और उसमें योगदान देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्षों का जश्न मना रहा है, तब हमें आपातकाल के काले दौर को नहीं भूलना चाहिए। आने वाली पीढ़ियां भी इसे न भूलें।

लोग समय पर कोविड-19 टीके की एहतियाती खुराक लें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से अपने परिवार के सदस्यों, खासतौर पर बुजुर्गों के साथ कोविड-19 के टीके की एहतियाती खुराक समय पर लगवाने तथा हाथ स्वच्छ रखने और मास्क पहनने जैसे आवश्यक एहतियाती उपाय करने का आग्रह किया। ‘मन की बात’ के दौरान श्री मोदी ने कहा कि यह संतोष की बात है कि आज देश के पास टीके का एक व्यापक सुरक्षा कवच मौजूद है।

उन्होंने कहा कि हम 200 करोड़ टीके की खुराक के करीब पहुंच गए हैं। देश में तेजी से एहतियाती खुराक भी लगाई जा रही है। अगर आपकी दूसरी खुराक के बाद एहतियाती खुराक लगाने का समय हो गया है, तो आप यह तीसरी खुराक जरूर लें। अपने परिवार के लोगों को, ख़ासकर बुजुर्गों को भी एहतियाती खुराक लगवाएं। हमें हाथों को स्वच्छ रखने और मास्क पहनने जैसी जरूरी सावधानी भी बरतनी है। प्रधानमंत्री ने लोगों से बारिश में होने वाली बीमारियों से भी सतर्क रहने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हमें बारिश के मौसम में आस-पास गन्दगी से होने वाली बीमारियों से भी आगाह रहना है। आप सब सजग रहिए, स्वस्थ रहिए और ऐसी ही ऊर्जा से आगे बढ़ते रहिए।