पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ राष्ट्र को समर्पित

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‘आईएनएस विक्रांत’ भारत के सामुद्रिक इतिहास का सबसे विशाल निर्मित पोत है और यह अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है। आईएनएस विक्रांत का निर्माण उन स्वदेशी उपकरणों और मशीनों के उपयोग से किया गया है, जिनकी आपूर्ति भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों तथा 100 से अधिक सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों ने की है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दो सितंबर को केरल स्थित कोच्चि में पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया। इस कार्यक्रम के दौरान औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के अनुरूप प्रधानमंत्री ने नौसेना के नये ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया।

उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नये भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। आईएनएस विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है।

उन्होंने कहा कि आज हम सब स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को सच होता देख रहे हैं, जिसमें उन्होंने सक्षम और शक्तिशाली भारत की परिकल्पना की थी। श्री मोदी ने कहा कि विक्रांत विशाल, विराट और विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यदि लक्ष्य दूरंत हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनन्त हैं, तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। ‘आत्मनिर्भर’ होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।

राष्ट्र के नये माहौल पर टिप्पणी करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के भारत के लिये कोई भी चुनौती मुश्किल नहीं रही। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करते हैं। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नये विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।

श्री मोदी ने नौसेना, कोचीन शिपयार्ड के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और खासतौर से उन कामगारों के योगदान की सराहना की, जिन्होंने इस परियोजना पर काम किया है। उन्होंने कहा कि ओणम के आनन्ददायी और पवित्र अवसर ने आज के इस अवसर को और अधिक आनन्ददायी बना दिया है।

आईएनएस विक्रांत
‘आईएनएस विक्रांत’ का डिजाइन भारतीय नौसेना की अपनी संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है तथा इसका निर्माण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। विक्रांत का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है।
स्वदेशी वायुयान वाहक का नाम उसके विख्यात पूर्ववर्ती और भारत के पहले विमान वाहक पोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह पोत तमाम स्वदेशी उपकरणों और यंत्रों से लैस है, जिनके निर्माण में देश के प्रमुख औद्योगिक घराने तथा 100 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संलग्न थे। विक्रांत के लोकार्पण के साथ भारत के पास दो सक्रिय विमान वाहक पोत हो जायेंगे, जिनसे देश की समुद्री सुरक्षा को बहुत बल मिलेगा।

उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। उन्होंने कहा कि यह स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो इस्पात लगा है, वह इस्पात भी स्वदेशी है, जिसे डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है तथा भारतीय कंपनियों ने निर्मित किया है।

साथ ही, श्री मोदी ने कहा कि आज 2 सितंबर, 2022 वह ऐतिहासिक तारीख है, जब भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। उन्होंने कहा कि अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी, लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहरायेगा।
इस अवसर पर केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मुहम्मद खान, मुख्यमंत्री श्री पिनराई विजयन, केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्री सर्बानन्द सोनोवाल, श्री वी. मुरलीधरन, श्री अजय भट्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार तथा अन्य उपस्थित थे।

कोच्चि में भारतीय रेलवे और कोच्चि मेट्रो की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक सितंबर को कोच्चि में कोच्चि मेट्रो और भारतीय रेलवे की 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं के लिए सभी को बधाई दी, जो जीवनयापन की आसानी और व्यवसाय सुगमता को और सुविधाजनक बनाते हैं। श्री मोदी ने कहा कि इस शुभ अवसर पर केरल को 4600 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं का उपहार दिया जा रहा है।

अभी 1 लाख करोड़ रुपये की विभिन्न
अवसंरचना परियोजनाओं पर काम
चल रहा है। कृषि से लेकर उद्योगों
तक, यह आधुनिक अवसंरचना केरल
में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी।
केंद्र सरकार केरल की कनेक्टिविटी पर
काफी जोर दे रही है। हमारी सरकार
केरल की जीवन रेखा कहे जाने वाले
राष्ट्रीय राजमार्ग 66 को भी 6 लेन में बदल रही है

आजादी के अमृत काल के बारे में श्री मोदी ने कहा कि भारतीयों ने आने वाले 25 वर्षों में विकसित भारत के निर्माण के लिए एक विशाल संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के इस रोडमैप में आधुनिक अवसंरचना की बड़ी भूमिका है।

श्री मोदी ने याद किया कि 2017 में उन्हें कोच्चि मेट्रो का उद्घाटन करने का सम्मान मिला था। आज कोच्चि मेट्रो के पहले चरण के विस्तार का उद्घाटन किया जा रहा है और कोच्चि मेट्रो के दूसरे चरण की आधारशिला भी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोच्चि मेट्रो का दूसरा चरण युवाओं और पेशेवरों के लिए वरदान साबित होने वाला है।

श्री मोदी ने कहा कि जब परिवहन और शहरी विकास की बात आती है तो पूरे देश में तेजी से विकास हो रहा है और इस कार्य को प्रोत्साहन देते हुए गति दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने मेट्रो को शहरी परिवहन का सबसे प्रमुख साधन बनाने के लिए निरंतर काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के अन्य बड़े शहरों में भी मेट्रो का विस्तार किया है और यह सेवा केवल राजधानी तक ही सीमित नहीं रह गयी है।

श्री मोदी ने बताया कि देश में पहली मेट्रो लगभग 40 साल पहले चली थी और बाद के 30 वर्षों में केवल 250 किमी मेट्रो मार्ग जोड़े गए थे। पिछले 8 वर्षों के कार्यों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 500 किमी से अधिक मेट्रो मार्ग का निर्माण किया गया है और 1000 किमी से अधिक के नए मार्गों पर तेजी से काम चल रहा है।

लाखों भक्तों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश और दुनिया भर के सबरीमाला भक्तों के लिए, जो मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं, एक खुशी का अवसर है। श्री मोदी ने कहा कि एट्टूमानूर-चिंगवनम-कोट्टायम लाइन के दोहरीकरण से भगवान अयप्पा के दर्शन में काफी सुविधा होगी।

केरल में चल रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी 1 लाख करोड़ रुपये की विभिन्न अवसंरचना परियोजनाओं पर काम चल रहा है। श्री मोदी ने कहा कि कृषि से लेकर उद्योगों तक, यह आधुनिक अवसंरचना केरल में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। केंद्र सरकार केरल की कनेक्टिविटी पर काफी जोर दे रही है। हमारी सरकार केरल की जीवन रेखा कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 66 को भी 6 लेन में बदल रही है। इस पर 55 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं।