उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह नहीं रहे

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त्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कल्याण सिंह का 21 अगस्त को लखनऊ में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। श्री सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी दलों के नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री सिंह के सम्मान में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।

कल्याण सिंहजी ने समाज के वंचित वर्ग के करोड़ों लोगों को आवाज दी: नरेन्द्र मोदी

PM Modi paid tribute to Kalyan Singh in Lucknow said- Lord Ram give him a  place - India Hindi News - PM मोदी ने लखनऊ में दी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि,  बोले-

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्री कल्याण सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस दु:ख को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। कल्याण सिंह जी…राजनेता, वरिष्ठ प्रशासक, जमीनी नेता और बहुत अच्छे इंसान थे। वह अपने पीछे उत्तर प्रदेश के विकास के लिए एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं। उनके बेटे श्री राजवीर सिंह से बात की और संवेदना व्यक्त की।

श्री मोदी ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक उत्थान में कल्याण सिंहजी के योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनकी आभारी रहेंगी। भारतीय मूल्यों में उनकी गहरी आस्था थी और वह हमारी सदियों पुरानी परंपराओं पर गर्व किया करते थे। श्री मोदी कहा कि कल्याण सिंहजी ने समाज के वंचित वर्ग के करोड़ों लोगों को आवाज दी। उन्होंने किसानों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कई प्रयास किए।

बाद में 22 अगस्त को लखनऊ पहुंचकर श्री मोदी ने श्री कल्याण सिंह का अंतिम दर्शन किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम सबके लिए ये शोक की घड़ी है। कल्याण सिंहजी के माता-पिता ने उनका नाम कल्याण सिंह रखा था। उन्होंने जीवन ऐसे जिया कि अपने माता-पिता द्वारा दिए गए नाम को सार्थक कर दिया। वो जीवन भर जन-कल्याण के लिए जिए, उन्होंने जन-कल्याण को ही अपना जीवन-मंत्र बनाया और भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ, पूरे परिवार को एक विचार के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्होंने समर्पित किया।

श्री मोदी कहा कि कल्याण सिंहजी भारत के कोने-कोने में एक विश्वास का नाम बन गए थे। एक प्रतिबद्ध निर्णयकर्ता का नाम बन चुके थे और जीवन के अधिकतम समय में वे जन-कल्याण के लिए हमेशा प्रयत्नरत रहे। उनको जब भी जो दायित्व मिला, चाहे वो विधायक के रूप में हो, चाहे सरकार में उनका स्थान हो, चाहे गर्वनर की जिम्मेदारी हो, हमेशा हरेक के लिए प्रेरणा का केंद्र बने। जन-सामान्य के विश्वास का प्रतीक बने।

उन्होंने कहा कि देश ने एक मूल्यवान शख्सियत, एक सामर्थ्यवान नेता खोया है। हम उनकी भरपाई के लिए, उनके आदर्शों और उनके संकल्पों को लेकर अधिकतम पुरुषार्थ करें और हम उनके सपनों को पूरा करने में कोई कमी न रखें। मैं भगवान प्रभु श्रीराम को उनके चरणों में प्रार्थना करता हूं कि प्रभु राम कल्याण सिंह जी को अपने चरणों में स्थान दें और प्रभु राम उनके परिवार को इस दु:ख की घड़ी में इस दु:ख को सहन करने की शक्ति दें और देश में भी यहां के मूल्यों, यहां के आदर्शों, यहां की संस्कृति, यहां की परम्पराओं में विश्वास करने वाले हर दु:खी जन को प्रभु राम ढांढस दें, यही प्रार्थना करता हूं।

कल्याण सिंहजी ने अपने कृतित्व और सेवा भाव से एक अमिट छाप छोड़ी : जगत प्रकाश नड्डा

Kalyan Singh Last Tribute: बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने कल्याण सिंह को दी  श्रद्धांजलि, अंतिम संस्‍कार को अलीगढ़ ले जाया जा रहा पार्थिव शरीर – Vedant  Samachar

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने श्री कल्याण सिंह के िनधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, लोकप्रिय जन-प्रतिनिधि और जनसंघ के समय से ही भारतीय जनता पार्टी को मज़बूत बनाने एवं संगठन को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में महती भूमिका निभाने वाले श्री कल्याण सिंहजी के निधन से दु:खी एवं स्तब्ध हूं। वे सच्चे अर्थों में ऐसे जननेता थे जिन्होंने समाज के कल्याण और गरीबों के उत्थान के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया था।

श्री नड्डा ने कहा कि ओजस्वी व्यक्तित्व के धनी श्री कल्याण सिंहजी ने अपने कृतित्व और सेवा भाव से देश के राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में एक अमिट छाप छोड़ी। उनका संपूर्ण जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित रहा। उन्होंने सिद्धांतों से कभी भी समझौता न करते हुए भारतीय जनता पार्टी की मशाल सदैव जलाई रखी और पूरी जिंदगी शोषितों, वंचितों व पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ते रहे।

उन्होंने कहा कि किसान परिवार में जन्म लेने वाले श्री सिंह बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे शिक्षक भी रहे। उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों में जागरुकता पैदा की और उनके हक के लिए लड़ाई लड़ी। उनके निधन से न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में एक राजनीतिक शून्य पैदा हुआ है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। कल्याण सिंहजी का निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है। लाखों कार्यकर्ताओं को पार्टी की सेवा के लिए तैयार करने वाले ‘बाबू जी’ की छवि सदैव हमारे मन-मस्तिष्क में विराजमान रहेगी। यह भारतीय जनता पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते थे।

उन्होंने कहा कि श्री कल्याण सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। वे 1967 से 1980 तक लगातार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इस बीच आपातकाल के समय वे लगभग 21 महीने जेल में भी रहे। आपातकाल समाप्त होने के बाद 1977 में उत्तर प्रदेश में बनी सरकार में वे स्वास्थ्य मंत्री बने। भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद वे उत्तर प्रदेश के संगठन महामंत्री बने। वे 24 जून, 1991 से 6 दिसंबर, 1992 तक और 21 सितंबर, 1997 से 12 नवंबर, 1999 तक, दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री थे। उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभाई। अपने लंबे राजनीतिक और सामाजिक जीवन में उन्होंने जो प्रतिष्ठा अर्जित की वो बहुत ऊंची थी।

भारत के सांस्कृतिक उत्थान में श्री कल्याण सिंहजी के अमूल्य योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनका ऋणी रहेगी। भारत की महान विरासत और परंपराओं में उनकी अथाह श्रद्धा थी। श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय थी। वे किसानों, दलितों, शोषितों, वंचितों, पिछड़ों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास करते रहे।
श्री नड्डा ने कहा िक दुःख की इस घड़ी में मैं स्वयं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से श्रद्धेय कल्याण सिंहजी के शोकाकुल परिवार एवं उनके सहयोगियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। साथ ही भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को धैर्य और साहस प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

वे भारतीय राजनीति के प्रमुख और एक जमीनी नेता थे: लालकृष्ण आडवाणी

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने भी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक संदेश जारी किया। उन्होंने एक प्रेस बयान में कहा कि मुझे अपने करीबी सहयोगी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंहजी के निधन से गहरा दु:ख पहुंचा है। भारतीय राजनीति के प्रमुख और एक जमीनी नेता कल्याण सिंहजी उत्तर प्रदेश की पहली भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अथक परिश्रम कर स्वयं को एक लोकप्रिय जननेता के तौर पर स्थापित किया और राज्य की समग्र प्रगति में अपना योगदान दिया।

कल्याण सिंह ‘श्रीराम जन्मभूमि’ आंदोलन के एक बड़े नेता थे: अमित शाह

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि श्री कल्याण सिंह का निधन उनकी पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके जाने से हमारी पार्टी ने अपना एक दिग्गज और हमेशा संघर्षरत रहने वाला नेता खोया है और देशभर, विशेषकर उत्तर प्रदेश के गरीबों और पिछड़ों ने अपना एक हितचिंतक गंवाया है।

श्री शाह ने कहा कि श्री कल्याण सिंह ‘श्रीराम जन्मभूमि’ आंदोलन के एक बड़े नेता रहे और इस आंदोलन के लिए सत्ता त्यागने में उन्होंने तनिक भी नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि जब ‘श्रीराम जन्मभूमि’ का शिलान्यास हुआ, उसी दिन उनकी बाबूजी से बात हुई थी और उन्होंने बड़े हर्ष और संतोष के साथ कहा था कि उनके जीवन का लक्ष्य आज पूरा हो गया है। उनका पूरा जीवन उत्तर प्रदेश के विकास व ग़रीबों को समर्पित रहा और वे इस राज्य को देश का सबसे अच्छा प्रदेश बनाने के लिए सदैव कार्यरत रहे।

श्री शाह ने कहा कि कल्याण सिंह जी का एक बहुत ही ग़रीब तबक़े से उठकर इतना बड़ा नेता बनना, विचारधारा के लक्ष्यों के लिए जीवनभर संघर्षरत रहना, समाज के गरीब और पिछड़े वर्ग के लिए हमेशा अपने आप को समर्पित रखना, ये सब हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणादायक रहेगा।

कल्याण सिंह ने देश और समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कई ट्वीट कर कहा कि श्री कल्याण सिंह के निधन से मैंने अपना बड़ा भाई और साथी खोया है। उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असम्भव है। उन्होंने कहा कि जनसंघ के समय से ही उन्होंने भाजपा को मज़बूत बनाने और समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की। ‘श्रीराम जन्मभूमि’ आंदोलन में भी उनकी महती भूमिका के लिए उन्हें यह देश हमेशा याद रखेगा। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है और मेरे लिए तो यह बहुत ही पीड़ादायक क्षण है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि श्री कल्याण सिंह उ.प्र. ही नहीं भारतीय राजनीति की वह क़द्दावर हस्ती थे, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से देश और समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनका लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित रहा। वे उत्तर प्रदेश के अत्यंत लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में जाने गए।

राजनीति में शुचिता, पारदर्शिता व जन सेवा के पर्याय थे कल्याण सिंह : योगी आदित्यनाथ

श्री कल्याण सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनेक ट्वीट कर कहा कि भारतीय राजनीति में शुचिता, पारदर्शिता व जन सेवा के पर्याय, अप्रतिम संगठनकर्ता एवं लोकप्रिय जननेता आदरणीय कल्याण सिंहजी का देहावसान संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है।

उन्होंने कहा कि श्रद्धेय कल्याण सिंहजी को एक राजनीतिक संत कहूं, जिसे पद-प्रतिष्ठा का मोह छू तक न गया हो अथवा दृढ़ संकल्प के प्रतिमूर्ति मानूं, जो लक्ष्य का संधान होने तक अर्जुन की भांति एकनिष्ठ भाव के साथ प्रयत्नशील रहे और अंततः सफलता ने उनका वरण किया…दिवंगत पुण्यात्मा को मेरी शब्दांजलि।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक-संतप्त परिजनों को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। समाज, कल्याण सिंह जी को उनके युगांतरकारी निर्णयों, कर्तव्यनिष्ठा व शुचितापूर्ण जीवन के लिए सदियों तक स्मरण करते हुए प्रेरित होता रहेगा।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को बुलंदशहर जिले के नरोरा गंगा तट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। श्री सिंह के अंतिम संस्कार में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश एवं देश के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

                                            संक्षिप्त जीवन-परिचय

(5 जनवरी, 1932 – 21 अगस्त, 2021)

• श्री कल्याण सिंह का जन्म 1932 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में हुआ था।
• वे स्कूल के दिनों से ही आरएसएस से जुड़े हुए थे।
• श्री सिंह पहली बार 1967 में उत्तर प्रदेश स्थित अलीगढ़ जिले के अतरौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए।
• वे अतरौली विधानसभा क्षेत्र से दस बार विधायक चुने गए।
• उन्होंने 1977 से 1979 तक उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
• उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में 24 जून, 1991 – 6 दिसंबर, 1992 तक पहली बार और 21 सितंबर, 1997 – 12 नवंबर, 1999 तक दूसरी बार प्रदेश की सेवा की।
• वे 2004 में बुलंदशहर और 2009 में एटा से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए।
• वह 2014 में राजस्थान के 21वें राज्यपाल बने और 2019 तक सेवा की।
• श्री सिंह का 21 अगस्त, 2021 को स्वर्गवास हो गया।