सरकार मजबूत, सुरक्षित और समावेशी भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

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राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 20 जून को सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि सरकार ने किसान, व्यापारियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिये कई अहम फैसले किये और उन पर अमल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत, सुरक्षित और समावेशी भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। यहां प्रस्तुत है उनके अभिभाषण की प्रमुख बातें:

देश के 61 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान कर, एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और दुनिया में भारत के लोकतंत्र की साख बढ़ाई है।

इस बार, महिलाओं ने पहले की तुलना में अधिक मतदान किया है और उनकी भागीदारी पुरुषों के लगभग बराबर रही है। करोड़ों युवाओं ने पहली बार मतदान करके भारत के भविष्य निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस लोकसभा में लगभग आधे सांसद पहली बार निर्वाचित हुए हैं। लोकसभा के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या में, 78 महिला सांसदों का चुना जाना नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है।

इस चुनाव में देश की जनता ने बहुत ही स्पष्ट जनादेश दिया है। सरकार के पहले कार्यकाल के मूल्यांकन के बाद, देशवासियों ने दूसरी बार और भी मजबूत समर्थन दिया है। ऐसा करके देशवासियों ने वर्ष 2014 से चल रही विकास यात्रा को अबाधित, और तेज गति से आगे बढ़ाने का जनादेश दिया है।

वर्ष 2014 से पहले देश में जो वातावरण था, उससे सभी देशवासी भली-भांति परिचित हैं। निराशा और अस्थिरता के माहौल से देश को बाहर निकालने के लिए देशवासियों ने तीन दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी थी। उस जनादेश को सर्वोच्च मान देते हुए मेरी सरकार ने ‘सबका साथ – सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए, बिना भेदभाव के काम करते हुए, एक नए भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना शुरू किया।

मैंने, इसी वर्ष 31 जनवरी को इसी सेंट्रल हॉल में कहा था कि मेरी सरकार पहले दिन से ही सभी देशवासियों का जीवन सुधारने, कुशासन से पैदा हुई उनकी मुसीबतें दूर करने और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सभी जरुरी सुविधाएं पहुंचाने के लक्ष्य के प्रति समर्पित है।

देश के लोगों ने, जीवन की मूलभूत सुविधाओं के लिए लंबे समय तक इंतजार किया, लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। मेरी सरकार जन-साधारण को इतना सजग, समर्थ, सुविधा-युक्त और बंधन-मुक्त बनाना चाहती है कि अपने सामान्य जीवन में उसे सरकार का ‘दबाव, प्रभाव या अभाव’ न महसूस हो। देश के प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त करना मेरी सरकार का मुख्य ध्येय है।

मेरी सरकार राष्ट्र-निर्माण की उस सोच के प्रति संकल्पित है, जिसकी नींव वर्ष 2014 में रखी गई थी। देशवासियों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करते हुए, अब सरकार उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप एक सशक्त, सुरक्षित, समृद्ध और सर्वसमावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह यात्रा ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना से प्रेरित है।

तीन सप्ताह पहले, 30 मई को शपथ लेते ही सरकार नए भारत के निर्माण में और तेज़ी के साथ जुट गई। एक ऐसा नया भारत :

– जहां हर व्यक्ति को आगे बढ़ने के समान अवसर उपलब्ध हों;
– जहां प्रत्येक देशवासी का जीवन बेहतर बने और उसका आत्म-सम्मान बढ़े;
– जहां बंधुता और समरसता सभी देशवासियों को एक दूसरे से जोड़ती हो;
– जहां आदर्शों और मूल्यों की हमारी बुनियाद और भी मजबूत बने; और
– जहां विकास का लाभ हर क्षेत्र में एवं समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचे।

हर भारतवासी के लिए यह गौरव का विषय है कि जब वर्ष 2022 में हमारा देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेगा तब हम नए भारत के निर्माण के अनेक राष्ट्रीय लक्ष्य हासिल कर चुके होंगे। नए भारत के स्वर्णिम भविष्य के पथ को प्रशस्त करना, मेरी सरकार का संकल्प है:

– नए भारत के इस पथ पर ग्रामीण भारत मजबूत होगा और शहरी भारत भी सशक्त बनेगा;

– नए भारत के इस पथ पर उद्यमी भारत को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और युवा भारत के सपने भी पूरे होंगे;

– नए भारत के इस पथ पर सभी व्यवस्थाएं पारदर्शी होंगी और ईमानदार देशवासी की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी;

– नए भारत के इस पथ पर 21वीं सदी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होंगे और शक्तिशाली भारत के निर्माण के सभी संसाधन जुटाए जाएंगे।

इन्हीं संकल्पों के परिप्रेक्ष्य में, 21 दिन के अल्प समय में ही मेरी सरकार ने तेज़ी से किसानों, जवानों, विद्यार्थियों, उद्यमियों, महिलाओं तथा समाज के अन्य वर्गों के कल्याण हेतु कई फैसले लिए हैं और उन पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। साथ ही, कई नए कानून बनाने की दिशा में भी पहल की गई है।

जो किसान हमारा अन्नदाता है, उसकी सम्मान-राशि की पहुंच बढ़ाते हुए, अब ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ को, देश के प्रत्येक किसान के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। अपने खेत में दिन-रात काम करने वाले किसान भाई-बहन 60 वर्ष की आयु के बाद भी सम्मानजनक जीवन बिता सकें, इसे ध्यान में रखते हुए किसानों से जुड़ी ‘पेंशन योजना’ को भी स्वीकृति दी जा चुकी है।

पशुधन, किसानों के लिए बहुमूल्य है। जानवरों से जुड़ी बीमारी के इलाज में उनका बहुत पैसा खर्च होता है। इस खर्च को कम करने के लिए मेरी सरकार ने 13 हज़ार करोड़ रुपए की राशि से एक विशेष योजना शुरू करने का भी फैसला लिया है।

पहली बार किसी सरकार ने छोटे दुकानदार भाई-बहनों की आर्थिक सुरक्षा पर ध्यान दिया है। कैबिनेट की पहली बैठक में ही छोटे दुकानदारों और रीटेल ट्रेडर्स के लिए एक अलग ‘पेंशन योजना’ को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना का लाभ देश के लगभग 3 करोड़ छोटे दुकानदारों को मिलेगा।

अपनी हर खुशी, हर सुख, हर त्योहार को त्याग करके, देशवासियों की सुरक्षा के लिए स्वयं को समर्पित करने वाले जवानों के प्रति हम सभी कृतज्ञ हैं। वह जवान, जो सीमा पर डटा रहता है, जिसकी वजह से सभी देशवासी निश्चिंत रहते हैं, उसके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना भी हमारा दायित्व है। इसी भावना से प्रेरित होकर ‘नेशनल डिफेंस फंड’ से वीर जवानों के बच्चों को मिलने वाली स्कॉलरशिप की राशि बढ़ा दी गई है। इसमें पहली बार राज्य पुलिस के जवानों के बेटे-बेटियों को भी शामिल किया गया है।

21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- बढ़ता हुआ जल-संकट। हमारे देश में जल संरक्षण की परंपरागत और प्रभावी व्यवस्थाएं समय के साथ लुप्त होती जा रही हैं। तालाबों और झीलों पर घर बन गए और जल-स्रोतों के लुप्त होने से गरीबों के लिए पानी का संकट बढ़ता गया। क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रभावों के कारण आने वाले समय में, जल संकट के और गहराने की आशंका है। आज समय की मांग है कि जिस तरह देश ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को लेकर गंभीरता दिखाई है, वैसी ही गंभीरता ‘जल संरक्षण एवं प्रबंधन’ के विषय में भी दिखानी होगी।

मजबूत ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के आधार पर ही सशक्त राष्ट्रीय अर्थ-व्यवस्था का निर्माण संभव है। हमारे किसान, ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के आधार स्तंभ हैं। राज्यों को कृषि विकास में पूरी मदद मिले, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। कृषि क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आने वाले वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपए का और निवेश किया जाएगा।

वर्ष 2022 तक देश के किसान की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए पिछले 5 वर्षों में अनेक कदम उठाए गए हैं। MSP में बढ़ोतरी का फैसला हो, या फूड प्रोसेसिंग में 100 प्रतिशत FDI को मंजूरी; दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का काम हो या फिर ‘फसल बीमा योजना’ का विस्तार; ‘सॉयल हेल्थ कार्ड’ हो या फिर यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग; मेरी सरकार ने किसानों की ऐसी छोटी-बड़ी आवश्यकताओं को समझते हुए अनेक फैसले लिए हैं। सरकार ने कृषि नीति को उत्पादन-केंद्रित रखने के साथ-साथ आय-केंद्रित भी बनाया है।

इन्हीं प्रयासों की एक महत्वपूर्ण कड़ी है – ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि।’ इसके माध्यम से सिर्फ तीन महीने में ही 12 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों के पास पहुंचाई जा चुकी है। हर किसान को इस योजना के दायरे में लाए जाने के बाद, अब इस योजना पर प्रतिवर्ष लगभग 90 हज़ार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

कृषि क्षेत्र में सहकारिता का लाभ, डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों को मिल रहा है। कृषि के अन्य क्षेत्रों में भी, किसानों को लाभान्वित करने के लिए, 10 हज़ार नए ‘किसान उत्पादक संघ’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

आज भारत मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। हमारे देश में प्रथम स्थान पाने की क्षमता है। समुद्री मछली उद्योग तथा आंतरिक मत्स्य पालन द्वारा किसानों की आय में वृद्धि की अपार संभावना है। इसीलिए सरकार, ‘ब्लू रिवोल्यूशन’ यानी ‘नीली क्रांति’ के लिए प्रतिबद्ध है। मछली पालन के समग्र विकास के लिए एक अलग विभाग गठित किया गया है। इसी प्रकार, मत्स्य उद्योग से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए एक विशेष फंड बनाया गया है।

देश के निर्धन परिवारों को गरीबी से मुक्ति दिलाकर ही हम अपने संवैधानिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में किसानों, मजदूरों, दिव्यांगजनों, आदिवासियों और महिलाओं के हित में लागू की गई योजनाओं में व्यापक स्तर पर सफलता मिली है। गरीबों को सशक्त बनाकर ही उन्हें गरीबी के कुचक्र से बाहर निकाला जा सकता है। इसीलिए सरकार ने गरीब, वंचित और कमजोर वर्गों को आवास, स्वास्थ्य, जीवन की आवश्यक सुविधाओं, आर्थिक समावेश, शिक्षा, कौशल तथा स्वरोजगार के जरिए उन्हें सशक्त करने का मार्ग अपनाया है। यही दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय का कार्यरूप है।

देश के 112 ‘आकांक्षी जिलों’ यानी ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ के विकास के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हो रहा है। इन जिलों में देश के सबसे पिछड़े 1 लाख 15 हज़ार गांव हैं। इन गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से करोड़ों गरीब परिवारों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

‘जनधन योजना’ के रूप में विश्व के सबसे बड़े आर्थिक समावेशन के अभियान की सफलता के बाद मेरी सरकार बैंकिंग सेवाओं को देशवासियों के द्वार तक पहुंचाने का काम भी कर रही है। देश के गांव-गांव में और नॉर्थ-ईस्ट के दुर्गम क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाएं आसानी से उपलब्ध हों, इसके लिए तेज़ी से काम हो रहा है। ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक’ के माध्यम से देश के लगभग डेढ़ लाख डाकघरों को बैंकिंग सेवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हमारे डाकिया-साथी ही चलते-फिरते बैंक बनकर, बैंकिंग सेवाएं घर-घर तक पहुंचाएं।

इलाज के खर्च से गरीब परिवार आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। उन्हें इस संकट से बचाने के लिए, 50 करोड़ गरीबों को ‘स्वास्थ्य-सुरक्षा-कवच’ प्रदान करने वाली विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम ‘आयुष्मान भारत योजना’ लागू की गई है। इसके तहत, अब तक लगभग 26 लाख गरीब मरीजों को अस्पताल में इलाज की सुविधा दी जा चुकी है। सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए 5,300 ‘जन औषधि केंद्र’ भी खोले जा चुके हैं। हमारा प्रयास है कि दूर-सुदूर इलाकों में भी लोगों को जन औषधि केंद्रों से सस्ती दरों पर दवाइयां मिल सकें।

वर्ष 2022 तक सभी ग्रामीण अंचलों में लगभग डेढ़ लाख ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ स्थापित किए जाने का लक्ष्य है। अब तक लगभग 18 हज़ार ऐसे सेंटर शुरू किए जा चुके हैं।

महिला सशक्तीकरण, मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। नारी का सबल होना तथा समाज और अर्थ-व्यवस्था में उनकी प्रभावी भागीदारी, एक विकसित समाज की कसौटी होती है। सरकार की यह सोच है कि न केवल महिलाओं का विकास हो, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास हो।

महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, राज्यों के सहयोग से अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के दंड अधिक सख्त बनाए गए हैं और नए दंड प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ अभियान से भ्रूण हत्या में कमी आई है और देश के अनेक जिलों में सेक्स-रेशियो में सुधार हुआ है।

‘उज्ज्वला योजना’ द्वारा धुएं से मुक्ति, ‘मिशन इंद्रधनुष’ के माध्यम से टीकाकरण, ‘सौभाग्य’ योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन, इन सभी का सर्वाधिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला है। ग्रामीण क्षेत्र में ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत बने घरों की रजिस्ट्री में भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इस योजना में अगले तीन वर्षों के दौरान गांवों में लगभग 2 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे।

असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों के लिए भी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। ‘दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ‘राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के तहत ग्रामीण अंचलों की 3 करोड़ महिलाओं को अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया जा चुका है।

बीते पांच वर्षों में, युवाओं के कौशल विकास से लेकर उन्हें स्टार्ट-अप एवं स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद देने और उच्च-शिक्षा के लिए पर्याप्त सीटें उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। साथ ही स्कॉलरशिप की राशि में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इससे उन्हें नियुक्ति तथा शिक्षा के क्षेत्र में और अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

समाज के हर वर्ग का युवा अपने सपने पूरे कर सके, इसके लिए समय पर वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने पर बल दिया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ का प्रभाव व्यापक स्तर पर महसूस किया गया है। इस योजना के तहत, स्वरोजगार के लिए लगभग 19 करोड़ ऋण दिए गए हैं। इस योजना का विस्तार करते हुए अब 30 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

उद्यमियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपए तक के ऋण की योजना भी लाई जाएगी। इसके अलावा अर्थ-व्यवस्था को गति प्रदान करने वाले क्षेत्रों में समुचित नीतियों के माध्यम से, रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए जाएंगे।

स्कूली स्तर पर ही बच्चों में टेक्नॉलॉजी के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। ‘अटल इनोवेशन मिशन’ के माध्यम से देशभर के लगभग 9 हज़ार स्कूलों में ‘अटल टिंकरिंग लैब’ की स्थापना का कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। इसी प्रकार, 102 विश्वविद्यालयों तथा अन्य संस्थानों में ‘अटल इंक्यूबेशन सेंटर’ बनाए जा रहे हैं।

देश के खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के साथ ही उसका विस्तार भी किया जाएगा। यह आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं सुविधाएं खिलाड़ियों को उपलब्ध हों, इसके लिए नई व्यवस्था विकसित की जा रही है। हमारा प्रयास है कि खेल-जगत में उच्च स्थान प्राप्त करके हमारे खिलाड़ी देश का गौरव बढ़ाएं।

देशवासियों का जीवन बेहतर बनाने में आर्थिक विकास की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज भारत विश्व की सबसे तेज़ी से विकसित हो रही अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है। महंगाई दर कम है, फिस्कल डेफ़िसिट नियंत्रण में है, विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ रहा है तथा मेक इन इंिडया का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

अब भारत, GDP की दृष्टि से दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। विकास दर को उच्च स्तर पर बनाए रखने के लिए सुधारों की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2024 तक, भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनॉमी बने।

भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए तेज़ी से काम हो रहा है। इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए, जल्द ही नई औद्योगिक नीति की घोषणा की जाएगी। ‘Ease of Doing Business’ की रैंकिंग में वर्ष 2014 में भारत 142वें स्थान पर था।

पिछले 5 वर्षों में 65 रैंक ऊपर आकर हम 77वें स्थान पर पहुंच गए हैं। अब विश्व के शीर्ष 50 देशों की सूची में आना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर नियमों को सरल बनाने की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। इसी कड़ी में कंपनी कानून में भी आवश्यक बदलाव लाए जा रहे हैं।

अप्रत्यक्ष कर-व्यवस्था को भी आसान और प्रभावी बनाया जा रहा है। GST के लागू होने से ‘एक देश, एक टैक्स, एक बाजार’ की सोच साकार हुई है। GST को और सरल बनाने के प्रयास जारी रहेंगे।

छोटे व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मेरी सरकार ने उनके लिए नई पेंशन योजना शुरू की है। अब जल्द ही ‘राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड’ का गठन किया जाएगा और खुदरा कारोबार में बढ़ोतरी के लिए ‘राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति’ भी बनाई जाएगी। GST के तहत रजिस्टर्ड, सभी व्यापारियों को, 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी उपलब्ध कराया जाएगा।

MSME सेक्टर, देश की अर्थ-व्यवस्था का मजबूत आधार है। रोजगार सृजन में इस सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका होती है। छोटे उद्यमियों के व्यापार में कैश-फ्लो बना रहे, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। MSME सेक्टर से जुड़े उद्यमियों को ऋण लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज का दायरा एक लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।

काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। पिछले 2 वर्ष में, 4 लाख 25 हज़ार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और 3 लाख 50 हज़ार संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।

रियल एस्टेट सेक्टर में काले धन के लेनदेन को रोकने और ग्राहकों के हित की रक्षा में ‘रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट’ यानी रेरा का प्रभाव दिखाई दे रहा है। इससे मध्यम वर्ग के परिवारों को बहुत राहत मिल रही है।

‘Insolvency and Bankruptcy Code’ देश के सबसे बड़े और सबसे प्रभावी आर्थिक सुधारों में से एक है। इस कोड के अमल में आने के बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि का निपटारा हुआ है। इस कोड ने बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों से लिया हुआ कर्ज न चुकाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया है।

‘Direct Benefit Transfer’ के तहत आज 400 से अधिक योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में जा रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान, 7 लाख 30 हज़ार करोड़ रुपए DBT के माध्यम से ट्रांसफर किए गए हैं।

DBT की वजह से अब तक 1 लाख 41 हज़ार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। इतना ही नहीं, लगभग 8 करोड़ गलत लाभार्थियों के नाम हटा दिए गए हैं। आने वाले समय में DBT का और विस्तार किया जाएगा। मैं राज्य सरकारों से आग्रह करूंगा कि वे भी ज्यादा से ज्यादा योजनाओं में DBT का इस्तेमाल करें।

मेरी सरकार का सतत प्रयास है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण इको-फ्रेंडली हो। हाईवे और एक्सप्रेसवे की परियोजनाओं में कंक्रीट के साथ, हरियाली का भी समावेश किया जा रहा है। बिजली की आपूर्ति के लिए, सौर ऊर्जा के अधिक से अधिक उपयोग पर बल दिया जा रहा है। घरों और उद्योगों से निकले वेस्ट का उपयोग भी सड़क निर्माण में हो रहा है।

‘भारतमाला परियोजना’ के तहत वर्ष 2022 तक लगभग 35 हज़ार किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण या अपग्रेडेशन किया जाना है। साथ ही, ‘सागरमाला परियोजना’ के द्वारा देश के तटीय क्षेत्रों में और बंदरगाहों के आसपास, बेहतर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है।

सरकार हाईवे के साथ-साथ रेलवे, एयरवे और इनलैंड वॉटरवे के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर काम कर रही है। ‘उड़ान योजना’ के तहत, देश के छोटे शहरों को, हवाई यातायात से जोड़ने का काम तेज़ी से चल रहा है।

मेरी सरकार, गंगा की धारा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए समर्पित भाव से जुटी हुई है। हाल ही में, जगह-जगह से गंगा में जलीय जीवन के लौटने के जो प्रमाण मिले हैं, वे काफी उत्साहवर्धक हैं। इस वर्ष प्रयागराज में अर्धकुंभ के दौरान गंगा की स्वच्छता और श्रद्धालुओं को मिली सुविधा की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है। मेरी सरकार ने अर्धकुंभ के सफल आयोजन में योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सम्मानित करके उनका आत्म-गौरव बढ़ाया है।

मेरी सरकार ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत गंगा नदी में गिरने वाले गंदे नालों को बंद करने के अभियान में और तेज़ी लाएगी। सरकार का प्रयास रहेगा कि गंगा की तरह ही कावेरी, पेरियार, नर्मदा,यमुना, महानदी और गोदावरी जैसी अन्य नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त किया जाए।

मेरी सरकार का प्रयास है कि अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग मानव कल्याण के लिए किया जाए। सड़कें हों, गरीबों का घर हो, खेती हो, मछुआरों के लिए उपयोगी उपकरण हों, ऐसी अनेक सुविधाओं को अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी से जोड़ा गया है।

लोकसभा चुनाव के दौरान, देश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। हालांकि इसकी उतनी चर्चा नहीं हो पाई, जितनी होनी चाहिए थी। ‘मिशन शक्ति’ के सफल परीक्षण से भारत की अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की क्षमता और देश की सुरक्षा-तैयारियों में नया आयाम जुड़ा है। इसके लिए आज मैं, अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को फिर से बधाई देता हूं।

सुरक्षा के क्षेत्र में टेक्नॉलॉजी की भूमिका निरंतर बढ़ रही है। इस पर ध्यान देते हुए स्पेस, साइबर और स्पेशल फोर्सेस के लिए तीन ज्वाइंट सर्विस एजेंसियों के गठन पर काम चल रहा है। इन साझा प्रयासों से देश की सुरक्षा मजबूत होगी।

नया भारत, विश्व समुदाय में अपना उचित स्थान पाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। आज पूरे विश्व में भारत की एक नई पहचान बनी है तथा अन्य देशों के साथ हमारे संबंध और मजबूत हुए हैं। यह प्रसन्नता की बात है कि वर्ष 2022 में भारत G-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।

21 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किए जाने के भारत के प्रस्ताव को विश्व समुदाय ने व्यापक और उत्साहपूर्ण समर्थन दिया। इस समय विश्व के अनेक देशों में बड़े उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं।

सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर, पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक करके भारत ने अपने इरादों और क्षमताओं को प्रदर्शित किया है। भविष्य में भी अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए विदेशी, आतंरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। इससे देश के अनेक क्षेत्रों में सामाजिक असंतुलन की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। इसके साथ ही आजीविका के अवसरों पर भी भारी दबाव अनुभव किया जा रहा है। मेरी सरकार ने यह तय किया है कि घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे क्षेत्रों में ‘नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स’ की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर अमल में लाया जाएगा। घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर सुरक्षा को और सशक्त किया जाएगा।

सरकार जहां घुसपैठियों की पहचान कर रही है, वहीं आस्था के आधार पर उत्पीड़न का शिकार हुए परिवारों की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसके लिए भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को उचित संरक्षण देते हुए नागरिकता कानून में संशोधन का प्रयास किया जाएगा।

मेरी सरकार जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल देने के लिए, पूरी निष्ठा के साथ प्रयास कर रही है। वहां पर स्थानीय निकायों के शांतिपूर्ण चुनाव और हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से हमारे इन प्रयासों को बल मिला है। मेरी सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आवश्यक हर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मेरी सरकार देश को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने पर भी संकल्प-बद्ध होकर काम कर रही है। इस दिशा में पिछले 5 वर्ष में काफी सफलता मिली है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दायरा निरंतर घट रहा है। आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों में विकास के कार्यक्रमों में और तेज़ी लाई जाएगी जिससे वहां रहने वाले आदिवासी भाई-बहन लाभान्वित होंगे।

मेरी सरकार, सेना और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के काम को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। निकट भविष्य में ही भारत को पहला ‘रफाएल’ लड़ाकू विमान और ‘अपाचे’ हेलीकॉप्टर भी मिलने जा रहे हैं।

सैनिकों और शहीदों का सम्मान करने से सैनिकों में आत्म-गौरव और उत्साह बढ़ता है तथा हमारी सैन्य क्षमता मजबूत होती है। इसीलिए सैनिकों और उनके परिवार-जनों का ध्यान रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है। ‘वन रैंक वन पेंशन’ के माध्यम से पूर्व सैनिकों की पेंशन में बढ़ोतरी करके तथा उनकी स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करके उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

आजादी के सात दशक के बाद, मेरी सरकार द्वारा दिल्ली में इंडिया गेट के समीप बनाया गया ‘नेशनल वॉर मेमोरियल’ शहीदों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की विनम्र श्रद्धांजलि है। इसी तरह देश की सुरक्षा में शहीद होने वाले हमारे पुलिस बल के जवानों की स्मृति में मेरी सरकार ने ‘नेशनल पुलिस मेमोरियल’ का निर्माण किया है।

राष्ट्र निर्माण के पथ पर, इतिहास से मिली प्रेरणा, भविष्य का हमारा मार्ग और प्रशस्त करती है। इसके लिए, राष्ट्र-निर्माताओं की स्मृति को कृतज्ञता-पूर्वक सँजोना भी हमारा दायित्व है। पिछले पांच वर्षों में देश में अनेक ऐसे कार्य हुए हैं। पूज्य बापू और ऐतिहासिक दांडी मार्च के सम्मान में ‘दांडी म्यूजियम’ का निर्माण किया गया है।

लौहपुरुष सरदार पटेल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की स्थापना की गई है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज के अन्य सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए दिल्ली के लाल किले में ‘क्रांति मंदिर’ का निर्माण किया गया है। बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण स्थल, दिल्ली के 26 अलीपुर रोड को नेशनल मेमोरियल का स्वरूप दिया गया है। देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को सम्मान देते हुए दिल्ली में एक म्यूजियम का निर्माण भी किया जा रहा है।

आज हमारे देश के पास स्वतंत्रता के बाद के लगभग 72 वर्ष की यात्रा के संचित अनुभव हैं। उन अनुभवों से सीख लेते हुए ही देश आगे बढ़ रहा है। हम सभी को इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है कि वर्ष 2022 में जब हम स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मनाएं तब नए भारत की हमारी परिकल्पना साकार रूप ले चुकी होगी। इस प्रकार, आजादी के 75वें साल के नए भारत में:

– किसान की आय दोगुनी होगी;

– हर गरीब के सिर पर पक्की छत होगी;

– हर गरीब के पास स्वच्छ ईंधन की सुविधा होगी;

– हर गरीब के पास बिजली का कनेक्शन होगा;

– हर गरीब खुले में शौच की मजबूरी से मुक्त हो चुका होगा;

– हर गरीब की पहुंच में मेडिकल सुविधाएं होंगी;

– देश का हर गांव, सड़क संपर्क से जुड़ा होगा;

– गंगा की धारा अविरल और निर्मल होगी;

– राज्यों के सहयोग से, हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनने के लक्ष्य के निकट होंगे;

– हम, विश्व की तीन सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल होने की तरफ अग्रसर होंगे;

– भारतीय संसाधनों के बल पर कोई देशवासी अंतरिक्ष में तिरंगा लहराएगा; और

– हम, एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ विश्व के विकास को नेतृत्व देने के लिए कदम बढ़ाएंगे।

जनता और सरकार के बीच की दूरी कम करते हुए, जन-भागीदारी पर जोर दिया जाए तो सरकार की योजनाओं को देशवासी जन-आंदोलन का रूप दे देते हैं। बड़े राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने का यही तरीका है। इसी मार्ग पर चलने से ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ योजना से लेकर ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने जन-आंदोलनों का रूप प्राप्त किया। जन-भागीदारी की इसी शक्ति से हम नए भारत के लक्ष्यों को भी प्राप्त करेंगे।

इसी वर्ष, हमारे संविधान को अंगीकृत किए जाने के 70 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। सांसद के रूप में आप सभी ने भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की शपथ ली है। हम सभी के लिए संविधान ही सर्वोपरि है। हमारे संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि देश के सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए संविधान-सम्मत तरीके ही उपयोग में लाने चाहिए।