गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में 21 नवंबर, 2021 को नेवल डॉकयार्ड, मुंबई में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने आईएनएस विशाखापत्तनम को देश की बढ़ती समुद्री शक्ति का प्रतीक और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में एक मील का पत्थर बताया।
श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि नवीनतम प्रणालियों और हथियारों से लैस यह अत्याधुनिक जहाज समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा और राष्ट्र के हितों की रक्षा करेगा। उन्होंने इस जहाज को दुनिया में सबसे तकनीकी रूप से उन्नत गाइडेड मिसाइल विध्वंसक के रूप में परिभाषित किया, जो सशस्त्र बलों और पूरे राष्ट्र की वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
उल्लेखनीय है कि आईएनएस विशाखापत्तनम की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर है और विस्थापन की इसकी क्षमता 7,400 टन है और यह भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है। जहाज को चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित किया जाता है, जो 30 समुद्री मील से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है। जहाज अत्याधुनिक हथियारों और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसे सेंसर से लैस है।
आईएनएस विशाखापत्तनम का लोकार्पण एक गौरवशाली दिवस: नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 नवंबर को स्वदेशी स्तर पर डिजाइन किये गये आईएनएस विशाखापत्तनम के लोकार्पण को गौरवशाली दिवस कहा। श्री मोदी ने यह भी दोहराया कि रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के प्रयास पूरे दम-खम के साथ जारी रहेंगे। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा है कि आज रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर बनने की चेष्टा का गौरवशाली दिवस है। आईएनएस विशाखापत्तनम को भारतीय नौसेना में कमीशन दे दिया गया है। इसे स्वदेशी स्तर पर ही विकसित किया गया है और इससे हमारे सुरक्षा-तंत्र को मजबूती मिलेगी। रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में हमारे प्रयास पूरे दम-खम के साथ जारी रहेंगे।