पिछले दो दशकों में गुजरात ने राज्य में शिक्षा प्रणाली को बदला : नरेन्द्र मोदी

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गुजरात के त्रिमंदिर, अडालज में मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए पीएम-श्री स्कूल मॉडल स्कूल होंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 19 अक्टूबर को गुजरात के त्रिमंदिर, अडालज में उत्कृष्ट मिशन स्कूलों (मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस) का शुभारंभ किया। त्रिमंदिर में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग 4260 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से गुजरात ने पूरे देश में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की टीम को बधाई दी।

श्री मोदी ने रेखांकित किया कि इन दो दशकों में गुजरात के लोगों ने अपने राज्य में शिक्षा प्रणाली में बदलाव दिखाया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इन दो दशकों में गुजरात में 1.25 लाख से अधिक नए क्लासरूम बनाए गए और 2 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई।

श्री मोदी ने बताया कि एक दशक पहले भी गुजरात के 15,000 स्कूलों में टीवी, 20 हजार से अधिक स्कूलों में कंप्यूटर की सहायता से अध्ययन की व्यवस्था हो चुकी थी और इस तरह की अनेक प्रणालियां कई वर्षों से गुजरात के स्कूलों का अभिन्न अंग बन गई हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात में 1 करोड़ से अधिक छात्र और 4 लाख से अधिक शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उन्होंने बताया कि आज गुजरात में 20 हजार स्कूल शिक्षा के 5जी युग में प्रवेश करने जा रहे हैं।

मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस
मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस की परिकल्पना कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ की गई है। यह मिशन गुजरात में नई कक्षाओं, स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना और राज्य में स्कूलों के बुनियादी ढांचे के समग्र आधुनिकीकरण से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा।

श्री मोदी ने मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के तहत शामिल परियोजनाओं पर प्रकाश डाला और बताया कि इन स्कूलों में 50 हजार नए क्लासरूम और एक लाख से अधिक स्मार्ट क्लासरूम बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में न केवल आधुनिक, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचा होगा, बल्कि यह बच्चों के जीवन और उनकी शिक्षा में बड़ा बदलाव लाने का अभियान भी है। श्री मोदी ने कहा कि यहां बच्चों की क्षमता बढ़ाने के लिए हर पहलू पर काम किया जाएगा।

आज गुजरात में 1 करोड़ से अधिक छात्र और 4 लाख से अधिक शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उन्होंने बताया कि आज गुजरात में 20 हजार स्कूल शिक्षा के 5जी युग में प्रवेश करने जा रहे हैं

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इन सभी उपायों से 5जी के आने से काफी फायदा होगा। चूंकि यह सुदूरवर्ती क्षेत्रों सहित सभी के लिए सर्वोत्तम सामग्री, शिक्षाशास्त्र और शिक्षक उपलब्ध कराने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि शैक्षिक विकल्पों की विविधता और लचीलापन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर तक पहुंचाएगा। प्रधानमंत्री ने आगामी 14.5 हजार पीएमश्री स्कूलों की चर्चा की, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए मॉडल स्कूल होंगे। इस योजना पर 27 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ‘किसी को पीछे नहीं छोड़ना’ की भावना को भी दोहराया, क्योंकि यह एक विकसित भारत के लिए ‘सबका प्रयास’ का समय है।

संबोधन के समापन में श्री मोदी ने दुनिया में एक महान ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत की अपार क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया, “21वीं सदी में मुझे यह दावा करने में कोई संकोच नहीं है कि विज्ञान से संबंधित अधिकांश नवाचार, प्रौद्योगिकी से संबंधित अधिकांश नवाचार भारत में होंगे।
श्री मोदी ने यह भी बताया कि गुजरात के लिए एक बड़ा अवसर खुलने वाला है। उन्होंने कहा कि अभी तक गुजरात को व्यापार और कारोबार के लिए जाना जाता है, यह विनिर्माण के लिए है। लेकिन 21वीं सदी में गुजरात देश के ज्ञान केंद्र, नवोन्मेष केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। मुझे विश्वास है कि उत्कृष्ट मिशन स्कूल इस भावना को बढाएंगे।