गुरु नानक देव जी समाज और व्यवस्था में सुधारों के बहुत बड़े प्रतीक: नरेन्द्र मोदी

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             देव दीपावली महोत्सव, वाराणसी (उ.प्र.)

प्रधानमंत्री ने प्राचीन शहर की महिमा का वर्णन किया और कहा कि काशी ने युगों-युगों से दुनिया का मार्गदर्शन किया है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 नवंबर को वाराणसी में देव दीपावली महोत्सव में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस आयोजन को संबोधित करते हुए कहा कि यह काशी के लिए एक और विशेष अवसर है। श्री मोदी ने कहा कि माता अन्नपूर्णा की मूर्ति जो 100 साल से अधिक पहले काशी से चुराई गई थी, अब फिर से वापस आ रही है। यह काशी के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि हमारे देवी-देवताओं की ये प्राचीन मूर्तियां हमारी आस्था के साथ-साथ हमारी अमूल्य धरोहर हैं।

उन्होंने ने कहा कि अगर ऐसा प्रयास पहले किया गया होता, तो देश को ऐसी कई प्रतिमाएं मिल जातीं। श्री मोदी ने कहा कि हमारे लिए विरासत का मतलब देश की विरासत है, जबकि कुछ लोगों के लिए इसका मतलब है उनका परिवार और उनके परिवार का नाम। उन्होंने कहा कि हमारे लिए विरासत का अर्थ है हमारी संस्कृति, हमारा विश्वास, हमारे मूल्य, जबकि दूसरों के लिए इसका मतलब हो सकता है उनकी मूर्तियां और उनकी पारिवारिक तस्वीरें।

श्री मोदी ने गुरु नानक देव जी को समाज और व्यवस्था में सुधारों का बहुत बड़ा प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जब भी समाज और राष्ट्र हित में बदलाव होते हैं, तो विरोध के लिए अकारण आवाज उठती है। लेकिन जब उन सुधारों का महत्व स्पष्ट हो जाता है, तो सब कुछ ठीक हो जाता है। उन्होंने इसे गुरु नानक देवजी के जीवन से प्राप्त पाठ के रूप में उद्धृत किया।

उन्होंने कहा कि जब काशी के लिए विकास कार्य शुरू हुए तो प्रदर्शनकारियों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब काशी ने तय किया था कि विश्वनाथ कॉरिडोर बाबा के दरबार तक बनाया जाएगा, तो प्रदर्शनकारियों ने उसकी भी आलोचना की थी, लेकिन आज बाबा की कृपा से काशी का गौरव फिर से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा के दरबार और मां गंगा के बीच सदियों से सीधा संबंध फिर से स्थापित हो रहा है।

श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान काशी विश्वनाथ की कृपा से उन्हें काशी में प्रकाशोत्सव में भाग लेने का अवसर मिला। उन्होंने प्राचीन शहर की महिमा का वर्णन किया और कहा कि काशी ने युगों-युगों से दुनिया का मार्गदर्शन किया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना प्रतिबंधों के कारण वह शहर में नहीं आ सके, जो उनका निर्वाचन क्षेत्र भी है। श्री मोदी ने कहा कि बहुत बार और उत्सुकता से इसके द्वारा बनाए गए शून्य को उन्होंने महसूस किया। श्री मोदी कहा कि वे इस दौरान अपने लोगों से कभी दूर नहीं रहे और महामारी के समय व्यवस्थाओं पर नजर रखते थे। प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान काशी के लोगों द्वारा प्रदर्शित सार्वजनिक सेवा की भावना की प्रशंसा भी की।