गुरुनानकदेव जी का प्रभाव भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में है : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक संबोधन ‘मन की बात’ में 27 अक्टूबर को कहा कि 12 नवंबर, 2019; यह वो दिन है, जिस दिन दुनिया भर में श्री गुरुनानकदेव जी का 550वां प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा। गुरुनानक देव जी का प्रभाव भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व मे है। दुनिया के कई देशों में हमारे सिख भाई-बहन बसे हुए हैं जो गुरुनानकदेव जी के आदर्शों के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हैं।

श्री मोदी ने कहा कि मैं वैंकूवर और तेहरान में गुरुद्वारों की अपनी यात्राओं को कभी नहीं भूल सकता। श्री गुरुनानकदेव जी बारे में ऐसा बहुत कुछ है जिसे मैं आपके साथ साझा कर सकता हूं, लेकिन इसके लिए मन की बात के कई एपिसोड लग जाएंगे। उन्होंने सेवा को हमेशा सर्वोपरि रखा। गुरुनानकदेव जी मानते थे कि नि:स्वार्थ भाव से किए गए सेवा कार्य की कोई क़ीमत नहीं हो सकती। वे छुआछूत जैसे सामाजिक बुराई के खिलाफ मजबूती के साथ खड़े रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री गुरुनानक देव जी ने अपना सन्देश दुनिया में दूर-दूर तक पहुंचाया। वे अपने समय में सबसे अधिक यात्रा करने वालों में से थे। वे कई स्थानों पर गये और जहां भी गये, वहां अपनी सरलता, विनम्रता, सादगी से उन्होंने सबका दिल जीत लिया। गुरुनानक देव जी ने कई महत्वपूर्ण धार्मिक यात्राएं की, जिन्हें ‘उदासी’ कहा जाता है। सद्भावना और समानता का सन्देश लेकर वे उत्तर हो या दक्षिण, पूर्व हो या पश्चिम – हर दिशा में गये, हर जगह लोगों से, संतों और ऋषियों से मिले।

उन्होंने कहा कि माना जाता है कि असम के सुविख्यात सन्त शंकरदेव भी उनसे प्रेरित हुए थे। उन्होंने हरिद्वार की पवित्र भूमि की यात्रा की। काशी में एक पवित्र स्थल, ‘गुरुबाग गुरुद्वारा’ है– ऐसा कहा जाता है कि श्री गुरुनानक देव जी वहां रुके थे। वे बौद्ध धर्म से जुड़ी ‘राजगीर’ और ‘गया’ जैसे धार्मिक स्थानों पर भी गए थे। दक्षिण में गुरुनानक देव जी श्रीलंका तक की यात्रा की। कर्नाटक में बिदर की यात्रा के दौरान गुरुनानक देव जी ने ही वहां पानी की समस्या का समाधान किया था।

श्री मोदी ने कहा कि बिदर में ‘गुरुनानक जीरा साहब’ नाम का एक प्रसिद्ध स्थल है जो गुरुनानक देव जी की हमें याद भी दिलाता है, उन्हीं को ये समर्पित है। एक उदासी के दौरान गुरुनानक जी ने उत्तर में, कश्मीर और उसके आसपास के इलाके की भी यात्रा की। इसे सिख अनुयायियों और कश्मीर के बीच काफी मजबूत सम्बन्ध स्थापित हुआ।

उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव जी तिब्बत भी गये, जहां के लोगों ने उन्हें ‘गुरु’ माना। वे उज्बेकिस्तान में भी पूजनीय हैं, जहां उन्होनें यात्रा की थी। अपनी एक उदासी के दौरान उन्होंने बड़े पैमाने पर इस्लामिक देशों की भी यात्रा की थी, जिसमें सऊदी अरब, इराक और अफगानिस्तान भी शामिल हैं। वे लाखों लोगों के दिलों में बसे, जिन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ उनके उपदेशों का अनुसरण किया और आज भी कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही करीब 85 देशों के के राजदूत दिल्ली से अमृतसर गये थे। वहां उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के दर्शन किये और ये सब गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशपर्व के निमित्त हुआ था। वहां इन सारे राजदूतों ने स्वर्ण मंदिर के दर्शन तो किये ही, उन्हें सिख परम्परा और संस्कृति के बारे में भी जानने का अवसर मिला। इसके बाद कई राजदूतों ने सोशल मीडिया पर वहां की तस्वीरें साझा की। बड़े गौरवपूर्वक अच्छे अनुभवों को भी लिखा।

उन्होंने कहा कि मेरी कामना है कि गुरु नानक देव जी के 550वां प्रकाश पर्व हमें उनके विचारों और आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की और अधिक प्रेरणा दें। एक बार फिर मैं शीश झुकाकर गुरुनानकदेव जी को नमन करता हूं।