मार्च, 2022 में 1,42,095 करोड़ रुपये का सर्वाधिक जीएसटी संग्रह हुआ

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वित्त वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में औसत मासिक संग्रह क्रमश: 1.10 लाख करोड़ रुपये, 1.15 लाख करोड़ रुपये और 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा

केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा एक अप्रैल को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार मार्च, 2022 महीने में एकत्र सकल जीएसटी राजस्व 1,42,095 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीजीएसटी 25,830 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 32,378 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 74,470 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 39,131 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 9,417 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 981 करोड़ रुपये सहित) है। मार्च, 2022 में कुल सकल जीएसटी संग्रह जनवरी, 2022 के महीने में एकत्र किए गए 1,40,986 करोड़ रुपये के पूर्व के रिकॉर्ड को तोड़कर अब तक का सबसे अधिक है।

केंद्र सरकार ने नियमित भुगतान के रूप में आईजीएसटी से 29,816 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 25,032 करोड़ रुपये एसजीएसटी का निपटारा किया। इसके अलावा, केन्द्र ने इस महीने में केन्द्र और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बीच 50:50 के अनुपात में तदर्थ आधार पर आईजीएसटी के 20,000 करोड़ रुपये का निपटारा किया है। मार्च, 2022 के महीने में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व नियमित और तदर्थ निपटान के बाद सीजीएसटी के लिए 65,646 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 67,410 करोड़ रुपये है। केन्द्र ने महीने के दौरान राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को 18,252 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा भी जारी किया।

मार्च, 2022 के महीने में राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 15% अधिक और मार्च, 2020 में जीएसटी राजस्व से 46% अधिक है। महीने के दौरान माल के आयात से राजस्व 25% अधिक था और राजस्व घरेलू लेन-देन से (सेवाओं के आयात सहित) पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से राजस्व की तुलना में 11% अधिक है। जनवरी, 2022 (6.88 करोड़) के महीने में ई-वे बिलों की तुलना में छोटा महीना होने के बावजूद फरवरी, 2022 के महीने में ई-वे बिलों की कुल संख्या 6.91 करोड़ है, जो तेज गति से व्यावसायिक गतिविधि की वसूली का संकेत देता है।

वित्त वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में औसत मासिक संग्रह क्रमश: 1.10 लाख करोड़ रुपये, 1.15 लाख करोड़ रुपये और 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा। आर्थिक सुधार के साथ-साथ कर चोरी-रोधी कार्यों, विशेष रूप से फर्जी बिल बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई, जीएसटी को बढ़ाने में योगदान दे रही है। राजस्व में सुधार क्रम बदलने के ढांचे को ठीक करने के लिए परिषद् द्वारा किए गए विभिन्न दर युक्तिकरण उपायों के कारण भी हुआ है।