वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद में 8.7 प्रतिशत की भारी वृद्धि

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वर्ष 2021-22 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2020-21 के लिए 135.58 लाख करोड़ रुपये के पहले संशोधित अनुमान, जिसे 31.01.2022 को जारी किया गया था, के मुकाबले 147.36 लाख करोड़ रुपये के स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है

त 31 मई को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद में 8.7 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई। दरअसल, एनएसओ ने राष्ट्रीय आय 2021-22 के अनंतिम अनुमान के साथ-साथ जनवरी-मार्च (क्यू4) 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का तिमाही अनुमान जारी किया।

एनएसओ के अनुसार वर्ष 2021-22 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2020-21 के लिए 135.58 लाख करोड़ रुपये के पहले संशोधित अनुमान, जिसे 31.01.2022 को जारी किया गया था, के मुकाबले 147.36 लाख करोड़ रुपये के स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है। 2020-21 में 6.6 प्रतिशत के संकुचन की तुलना में 2021-22 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

वर्ष 2021-22 के लिए नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद या वर्तमान कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद 2020-21 में 198.01 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 236.65 लाख करोड़ रुपये का स्तर प्राप्त करने का अनुमान है और इस प्रकार इसमें 19.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गयी।

जनवरी-मार्च 2021-22 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीडीपी क्यू4, 2020-21 के 39.18 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 40.78 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है और इस प्रकार इसमें 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गयी।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय आय के अग्रिम और अनंतिम अनुमान बेंचमार्क-संकेतक पद्धति का उपयोग करके संकलित किए जाते हैं, यानी पिछले वर्ष के लिए उपलब्ध अनुमानों को बेंचमार्क वर्ष (इस मामले में 2020-21) के रूप में संदर्भित किया जाता है, जो संबंधित संकेतकों का उपयोग करके क्षेत्रों के प्रदर्शन को दर्शाते हैं।