केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘भारतीय डाक भुगतान बैंक की स्थापना’ पर संशोधित लागत अनुमान को स्वीकृति दी
वित्त वर्ष 2020-21 से 2022-23 के लिए 820 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्त पोषण के साथ अब कुल परिव्यय 2,255 करोड़ रुपये
गत 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना के लिए परियोजना परिव्यय को 1,435 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,255 करोड़ रुपये करने की स्वीकृति दे दी। मंत्रिमंडल ने नियामक आवश्यकताओं और तकनीकी उन्नयन को पूरा करने के लिए 500 करोड़ रुपये के भविष्यगत कोष के लिए भी सैद्धांतिक स्वीकृति दी।
इस परियोजना का उद्देश्य आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक की स्थापना; बैंकिंग की सुविधा से वंचित लोगों के लिए बाधाओं को दूर करके और घरों तक बैंकिंग की सुविधा के जरिए बैंकिंग की अपेक्षाकृत कम सुविधा पाने वाले लोगों के लिए अवसर संबंधी लागत को कम करके वित्तीय समावेशन के एजेंडे को आगे बढ़ाना है। यह परियोजना भारत सरकार के ‘कम नकदी’ वाली अर्थव्यवस्था से संबंधित दृष्टिकोण के पूरक है और साथ ही, आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन दोनों को बढ़ावा देती है।
भारतीय डाक भुगतान बैंक का 1 सितंबर, 2018 को 650 शाखाओं/नियंत्रण कार्यालयों के साथ देश भर में एक साथ शुभारंभ किया गया था। आईपीपीबी ने 1.36 लाख डाकघरों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया और लगभग 1.89 लाख डाकियों व ग्रामीण डाक सेवकों को स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के साथ घरों तक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार किया है।
आईपीपीबी के शुभारंभ के बाद से इसमें 82 करोड़ के कुल वित्तीय लेन-देन के साथ 5.25 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं, जिसमें 1,61,811 करोड़ रुपये के साथ 21,343 करोड़ रुपये के 765 लाख एईपीएस लेन-देन शामिल हैं। 5 करोड़ खातों में से 77 प्रतिशत खाते ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए हैं, 48 प्रतिशत महिला ग्राहक हैं जिनके इन खातों में लगभग 1000 करोड़ रुपये जमा हैं। लगभग 40 लाख महिला ग्राहकों को उनके खातों में 2500 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्राप्त हुआ। स्कूली छात्रों के लिए 7.8 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं।
आकांक्षी जिलों में आईपीपीबी ने 19,487 करोड़ रुपये के कुल 602 लाख लेन-देन वाले 95.71 लाख खाते खोले हैं। वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित जिलों में आईपीपीबी द्वारा 67.20 लाख खाते खोले गए हैं, जिसमें कुल 426 लाख के लेन-देन के साथ 13,460 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
प्रस्ताव के तहत शामिल कुल वित्तीय व्यय 820 करोड़ रुपये है। इस निर्णय से भारतीय डाक भुगतान बैंक को डाक विभाग के समूचे नेटवर्क का लाभ उठाते हुए पूरे भारत में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के अपने उद्देश्य को पूरा करने में सहायता मिलेगी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लिथुआनिया में भारतीय मिशन खोलने की मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2022 में लिथुआनिया में एक नए भारतीय मिशन को खोलने की मंजूरी दी। लिथुआनिया में भारतीय मिशन के खुलने से भारत की राजनयिक उपस्थिति का विस्तार करने; राजनीतिक संबंधों और रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करने; द्विपक्षीय व्यापार, निवेश व आर्थिक संपर्क में वृद्धि को सक्षम करने; लोगों के बीच परस्पर संपर्क को और मज़बूत करने के लिए सुविधा प्रदान करने; बहुपक्षीय मंचों पर राजनीतिक आउटरीच को अधिक निरंतरता प्रदान करने की अनुमति देने तथा भारतीय विदेश नीति के उद्देश्यों के लिए समर्थन जुटाने में मदद मिलेगी। लिथुआनिया में भारतीय मिशन भारतीय समुदाय की बेहतर सहायता करेगा और उनके हितों की रक्षा करेगा।
लिथुआनिया में एक नया भारतीय मिशन खोलने का निर्णय, विकास की हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता व ‘सबका साथ सबका विकास’ की दिशा में एक अग्रगामी कदम है। भारत की राजनयिक उपस्थिति को बढ़ाने, अन्य बातों के साथ-साथ, भारतीय कंपनियों के लिए बाजार तक पहुंच प्रदान करेगी और वस्तुओं व सेवाओं के भारतीय निर्यात को बढ़ावा देगी। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे लक्ष्य के अनुरूप घरेलू उत्पादन और रोजगार को बढ़ाने में इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा।