बीते 8 साल में 200 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज देश में बनाए गए : नरेन्द्र मोदी

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होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अगस्त को साहिबजादा अजीत सिंह नगर, मोहाली में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान, केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम देश की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के लोगों को सेवा प्रदान करेगा।

भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के बारे में लाल किले की प्राचीर से की गई अपनी उद्घोषणा के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत को विकसित बनाने के लिए उसकी स्वास्थ्य सेवाओं का भी विकसित होना उतना ही जरूरी है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत के लोगों को इलाज के लिए आधुनिक अस्पताल मिलेंगे, आधुनिक सुविधाएं मिलेंगीं, तो वो और जल्दी स्वस्थ होंगे, उनकी ऊर्जा सही दिशा में लगेगी। श्री मोदी ने कैंसर के इलाज के लिए सुविधाएं सृजित करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि टाटा मेमोरियल सेंटर अब हर साल 1.5 लाख नए मरीजों के इलाज के लिए सुसज्जित है। श्री मोदी ने कहा कि बिलासपुर में नए अस्पताल और एम्स से पीजीआई चंडीगढ़ पर बोझ कम होगा और मरीजों और उनके परिवारों को काफी राहत मिलेगी।

केंद्र सरकार देश के हर जिले में कम से कम एक
मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य पर काम कर रही है

श्री मोदी ने कहा कि आज एक नहीं, दो नहीं, छह मोर्चों पर एक साथ काम करके देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारा जा रहा है। सभी छह मोर्चों पर विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहला मोर्चा है— प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को बढ़ावा देने का। दूसरा मोर्चा है— गांव-गांव में छोटे और आधुनिक अस्पताल खोलने का, तीसरा मोर्चा है— शहरों में मेडिकल कॉलेज और मेडिकल रिसर्च वाले बड़े संस्थान खोलने का। चौथा मोर्चा है— देशभर में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाने का। पांचवा मोर्चा है— मरीजों को सस्ती दवाइयां, सस्ते उपकरण उपलब्ध कराने का और छठा मोर्चा है— टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके मरीजों को होने वाली मुश्किलें कम करने का।

प्रिवेंटिव अप्रोच के बारे में बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि 1.5 लाख से अधिक हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। जिनमें से 1.25 लाख की स्थापना हो चुकी है। पंजाब में करीब 3000 केंद्र काम कर रहे हैं। पूरे देश में 22 करोड़ से ज्यादा लोगों की कैंसर की जांच की जा चुकी है, जिसमें से 60 लाख स्क्रीनिंग पंजाब में हुई।

श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य पर काम कर रही है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत आयुष्मान भारत योजना 64 हजार करोड़ रुपये की लागत से जिला स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण कर रही है। प्रधानमंत्री ने दोहराते हुए कहा कि एक समय में देश में केवल 7 एम्स थे, लेकिन अब यह संख्या 21 हो गई है। सरकार ने देश भर में लगभग 40 विशिष्ट कैंसर संस्थानों को मंजूरी दी है, जिनमें से कई अस्पतालों ने पहले ही सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अस्पताल बनाना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी पर्याप्त संख्या में अच्छे डॉक्टरों का होना, दूसरे पैरामेडिक्स का उपलब्ध होना भी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भी आज देश में मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा, “2014 से पहले देश में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे। यानी 70 साल में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज। वहीं बीते 8 साल में 200 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज देश में बनाए गए हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने 5 लाख से अधिक आयुष डॉक्टरों को एलोपैथिक डॉक्टरों के समान में मान्यता दी है और इससे भारत में डॉक्टर और रोगी के अनुपात में सुधार लाने में मदद मिली है। आयुष्मान भारत ने गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया है और इसके परिणामस्वरूप अब तक 3.5 करोड़ मरीजों का इलाज हो चुका है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि इन 3.5 करोड़ रोगियों में से कई कैंसर रोगी थे। आयुष्मान भारत योजना से मरीजों के करीब 40 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज के लिए 500 से अधिक दवाओं की कीमत में 90 प्रतिशत तक की कमी देखी गई, जिससे एक हजार करोड़ रुपये तक की बचत हुई।