पिछले 8 वर्षों में केंद्र सरकार 228 विरासत वस्तुएं देश वापस लाई

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केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तरी पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने एक जून, 2022 को बताया कि पिछले 8 वर्षों में केंद्र सरकार 228 विरासत वस्तुओं को देश वापस लाई, जबकि स्वतंत्रता प्राप्ति और 2013 के बीच केवल 13 पुरावशेषों को ही भारत वापस लाया गया था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निरंतर प्रयास और 2014 से अब तक 228 पुरावशेषों को वापस लाए जाने से अब इनकी कुल संख्या 241 हो गई है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 157 पुरावशेषों को भारत वापस लाया गया, जो भारत को अब तक मिला सबसे बड़ा एकल संग्रह है।

केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने उपर्युक्त बातें ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका से प्राप्त दस पुरातन वस्तुएं (मूर्तियां) को नई दिल्ली में तमिलनाडु सरकार को सौंपने के अवसर पर कहीं। तमिलनाडु सरकार को सौंपे गए पुरावशेषों के संग्रह में द्वारपाल, नटराज, कनकलामूर्ति कदयम, नदीकेश्वर कदयम, चतुर्भुज विष्णु, श्री देवी, शिव और पार्वती, खड़े हुए बाल संबंदर और बाल सांभर नाम की मूर्तियां शामिल हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमारी प्राचीन सभ्यता के लोकाचार को संरक्षित करने, हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की रक्षा करने और भारतीय ज्ञान प्रणालियों और विश्व भर में परम्पराओं का प्रचार करने के लिए कई कदम उठाए हैं। अपने देव विग्रहों को वापिस लाना अर्थात् ‘ब्रिंग आवर गॉड्स होम’ एक ऐसी ही पहल है जो हमारी विरासत को संरक्षित, बढ़ावा और प्रचारित करने में निहित है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्रीजी के व्यक्तिगत संबंधों और इन देशों के विश्व नेताओं के साथ मधुर संबंधों ने संबंधित देशों को चोरी से ले जाए गए पुरावशेषों की तेजी से पहचान करने और उनकी वापसी तक निरंतर सहयोग करने के लिए प्रेरित किया है। इसलिए सारा श्रेय हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंने न केवल इन पुरावशेषों को पुनः प्राप्त करने में मदद करने के प्रयास किए हैं, बल्कि विदेश में अपने आधिकारिक दौरों के दौरान व्यक्तिगत रूप से उन्हें अपने साथ वापस भी लेकर आए हैं।