भारत को भव्य आदिवासी विरासत से सीखकर अपने भविष्य को आकार देना है : नरेन्द्र मोदी

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                                              ‘जनजातीय गौरव दिवस’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर, 2022 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से राष्ट्र को अपनी शुभकामनाएं दीं। श्री मोदी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और करोड़ों जनजातीय वीरों के सपनों को साकार करने के लिए राष्ट्र ‘पंच प्राण’ की ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से देश की आदिवासी विरासत पर गर्व व्यक्त करना और आदिवासी समुदाय के विकास का संकल्प इसी ऊर्जा का हिस्सा है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने वर्ष 2021 से आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी ‘बिरसा मुंडा’ की जयंती के उपलक्ष्य में 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।

श्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 15 नवंबर आदिवासी परंपरा को मनाने का दिन है, क्योंकि भगवान बिरसा मुंडा न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, बल्कि वह हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा के संवाहक भी थे।

महान स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा

भगवान बिरसा मुंडा एक महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ जनजातीय आंदोलन अर्थात् उलगुलान (विद्रोह) का नेतृत्व किया। उन्हें ‘धरती आबा’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने जनजातीय समुदायों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझने और एकता का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया था। भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को झारखंड में हुआ था और मात्र 25 साल की उम्र में वे मातृ-भूमि के लिए शहीद हो गए।

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय के योगदान को नमन करते हुए प्रमुख आदिवासी आंदोलनों और स्वतंत्रता के लिए लड़े गए युद्धों का स्मरण किया। उन्होंने तिलक मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम, बुद्ध भगत के नेतृत्व में लरका आंदोलन, सिद्धू-कान्हू क्रांति, ताना भगत आंदोलन, वेगड़ा भील आंदोलन, नायकड़ा आंदोलन, संत जोरिया परमेश्वर और रूप सिंह नायक, लिम्दी दाहोद युद्ध, अल्लूरी सीताराम राजू के नेतृत्व में मानगढ़ और रंपा आंदोलन के गोविंद गुरु जी को भी याद किया।

श्री मोदी ने जनजातीय योगदान को स्वीकार करने और उत्सव मनाने के कदमों के बारे में बताया। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में जनजातीय संग्रहालयों और जन धन, गोवर्धन, वन धन, स्वयं सहायता समूहों, स्वच्छ भारत, पीएम आवास योजना, मातृत्व वंदना योजना, ग्रामीण सड़क योजना, मोबाइल कनेक्टिविटी, एकलव्य स्कूल, वन उत्पादों के लिए 90 प्रतिशत तक एमएसपी, सिकल सेल एनीमिया, जनजातीय अनुसंधान संस्थान, निःशुल्क कोरोना वैक्सीन और मिशन इंद्रधनुष जैसी योजनाओं के संदर्भ में भी अपने विचार व्यक्त किए, जिनसे जनजातीय समुदाय को बहुत लाभ मिला है।

श्री मोदी ने आदिवासी समाज की वीरता, सामुदायिक जीवन और समावेश का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत को इस भव्य विरासत से सीखकर अपने भविष्य को आकार देना है। मुझे विश्वास है कि जनजातीय गौरव दिवस इसके लिए एक अवसर और माध्यम बनेगा।

मुख्य बातें

• ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के माध्यम से देश की आदिवासी विरासत पर गर्व व्यक्त करना और आदिवासी समुदाय के विकास के लिए संकल्प ‘पंच प्राण’ की ऊर्जा का हिस्सा है

• ‘भगवान बिरसा मुंडा’ न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, बल्कि हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा के संवाहक भी थे

• भारत को भव्य आदिवासी विरासत से सीखकर अपने भविष्य को आकार देना है; मुझे विश्वास है कि जनजातीय गौरव दिवस इसके लिए एक अवसर और माध्यम बनेगा