यात्रा व पर्यटन सूचकांक में भारत 25 पायदान ऊपर पहुंचा

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भाजपानीत केंद्र की राजग सरकार के सकारात्मक प्रयासों से यात्रा व पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक (टीटीसीआई) 2017 में भारत 2013 की तुलना में 25 पायदान ऊपर पहुंच गया। टीटीसीआई रिपोर्ट 2017 में भारत का स्थान 40वां था, जबकि 2015 में यह 52वें तथा 2013 में 65वें स्थान पर था।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में जनवरी-नवम्बर 2017 में 15.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 90.01 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए। जनवरी-नवम्बर 2015 की तुलना में जनवरी-नवम्बर 2016 के दौरान 9.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 77.83 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए।

पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में जनवरी-नवम्बर 2017 में 58.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9.17 लाख विदेशी पर्यटक ई-पर्यटन वीजा पर भारत आए। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में जनवरी-नवम्बर 2017 के दौरान 16.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1,60,865 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित हुई। 2016 के दौरान घरेलू पर्यटकों की संख्या 1613.6 मीलियन दर्ज की गई। इसमें 2015 की तुलना में 12.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

दरअसल, पर्यटकों को बेहतर पर्यटन अनुभव प्रदान के लिए पर्यटन अवसंरचना के विकास को प्राथमिकता दी गई है। स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत थीम आधारित पर्यटन यात्रा मार्गों को विकसित किया गया है। 2017-18 के दौरान 824.80 करोड़ रुपये की लागत से 11 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत 5648.71 करोड़ रुपये की लागत से कुल 67 परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है।
राष्ट्रीय तीर्थस्थल पुन:स्थापना और आध्यात्मिक, विरासत विकास मिशन (पीआरएएसएचएडी) योजना के अंतर्गत तीर्थस्थलों की पहचान करके समग्र विकास करने के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। 2017-18 के दौरान 98.84 करोड़ रुपये की लागत से कुल 3 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत अब तक 587.29 करोड़ रुपये की लागत से कुल 21 परियोजनाओं को मंजूर किया गया है।

पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन केन्द्रों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के कार्य को प्राथमिकता में रखा है। इसके अन्तर्गत अवसंरचना का विकास, जनसुविधाएं, बहुभाषा केन्द्र तथा कौशल विकास जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। पर्यटन मंत्रालय ने केन्द्र सरकार के अन्य मंत्रालयों, राज्य सरकारों और उद्योग जगत के हितधारकों के साथ मिलकर ‘विरासत गोद लें’ नाम से एक कार्यक्रम लांच किया है।

सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और व्यक्तिगत स्तर पर भी इन स्थलों में सुविधाएं विकसित करने का कार्य किया जा सकता है। ऐसा करने वालों को ‘स्मारक मित्र’ के नाम से जाना जाएगा।

2017-18 के बजट में यह घोषणा की गई थी कि राज्यों के साथ मिलकर विशेष पर्यटन क्षेत्र विकसित किए जायेंगे। राज्य सरकारों और निजी क्षेत्रों के साथ विचार-विमर्श करके पर्यटन मंत्रालय ने इस नई योजना के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। विशेष पर्यटन क्षेत्र के निर्माण से उस क्षेत्र का समग्र विकास होगा जीविका के अवसरों का निर्माण होगा और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि होगी।

गौरतलब है कि अक्तूबर 2017 को 31 राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों में पर्यटन पर्व का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यटन के लाभों को रेखांकित करना था। इसमें देश की सांस्कृतिक विभिन्नता को दर्शाया गया। ‘सभी के लिए पर्यटन’ इस कार्यक्रम की मुख्य अवधारणा थी। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम, फूड फेस्टिवल, पर्यटन प्रदर्शनी, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शन, योग सत्र, पर्यटन व विरासत भ्रमण, छात्रों के लिए पर्यटन आधारित प्रतियोगिता, जागरूकता कार्यक्रम, सेमीनार और कार्यशालाएं शामिल थीं।