अब बनी मजबूत भारत की असीम संभावनाएं

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भारत अपनी छाप पूरे विश्व पर छोड़ रहा है। सुशासन एवं विकास के लगभग हर मानदंड पर भारत ने अपने प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में पूरा विश्व भारत की तरफ आशा एवं आकांक्षा से देख रहा है। वे दिन चले गये जब भारत को नीतिगत पंगुता, भ्रष्टाचार एवं कुशासन से ग्रस्त स्व–केंद्रित राजनीतिज्ञों द्वारा शासित एक देश के रूप में देखा जाता था। कांग्रेस नीत यूपीए के शासनकाल में भारत की छवि को गहरा धक्का लगा था और इसके भविष्य के प्रति एक निराशाजनक वातावरण बन गया था। यह छवि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब पूरी तरह बदल चुकी है। भारत न केवल विश्व में सबसे तेज विकास दर वाला देश बन गया है, बल्कि इसे विश्व अर्थव्यवस्था का एक चमकता सितारा के रूप में देखा जा रहा है। भारत की शक्ति को अब पूरे विश्व में स्वीकार किया जाने लगा है और अधिकतर वैश्विक एजेंसियां एक उभरते हुए मजबूत भारत की संभावनाओं को पहचानने लगी हैं।

पिछले साढ़े चार वर्षों में भारत के उभरने के पीछे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में निरंतर चले अथक एवं गंभीर प्रयास हैं। श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लिये गये अभिनव प्रयासों से देश में व्यापक परिवर्तन का दौर शुरू हुआ है। अर्थव्यवस्था, बाहरी या आंतरिक सुरक्षा, आधारभूत संरचनाएं, ग्रामीण एवं शहरी विकास, कृषि आदि किसी भी क्षेत्र पर नजर डालें, परिवर्तन एवं विकास की बयार बहती मिलेगी। देश अकल्पनीय बदलाव की दौर से गुजर रहा है। चौदहवें वित्त आयोग की अनुशंसाओं को स्वीकार कर, विमुद्रीकरण एवं जीएसटी से भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप पूरी तरह से बदल चुका है। राजनैतिक–इच्छाशक्ति से परिपूर्ण इन निर्णयों से न केवल औपचारिक अर्थव्यवस्था के दायरे में गुणात्मक वृद्धि हुई है, बल्कि कर अदायगी में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है जिससे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लिये पहले से कहीं ज्यादा वित्त उपलब्ध हुआ है। इसका प्रभाव देश के सामाजिक क्षेत्रों में सरकार के सकारात्मक हस्तक्षेप के रूप में दिखाई दे रहा है। देश की अर्थव्यवस्था का विकेंद्रीकरण भी हुआ है और अब राज्यों के पास वित्त की उपलब्धता बढ़ी है। राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य में व्यापक वृद्धि हुई है।

देश को चिरप्रतीक्षित भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने काले धन, घोटाले और विकास कार्यों में लूट के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया है। पहले ही कैबिनेट बैठक में कालेधन पर एसआईटी का गठन कर भ्रष्ट, घोटालेबाज एवं हवाला कारोबारियों को सरकार ने कड़ा संदेश दे दिया था। कालेधन के लिए शरणस्थली बनी अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई कानूनों को बनाकर उन पर लगाम कसी जा चुकी है। इससे बार–बार ठगी और लूटी जा रही आम जनता को भारी राहत मिली है। डीबीटी (सीधा हस्तांत्रण) से गरीबों को अब बिचौलियों से मुक्ति मिल रही है और अब उनका धन सीधे उन्हें अपने खाते में प्राप्त हो रहा है। इन कदमों के साथ–साथ जीएसटी एवं नोटबंदी जैसे बड़े निर्णयों से गरीबी के विरुद्ध लड़ाई तेज हुई है तथा अनेक अभिनव कार्यक्रमों से गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में गुणात्मक सुधार हो रहा है।

इन निरंतर चलते अथक प्रयासों का प्रतिफल भारत की मजबूत होती वैश्विक पहचान में परिलक्षित होती है। विश्व बैंक एवं आइएमएफ के साथ–साथ लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां मात्र साढ़े चार वर्षों की जबरदस्त उपलब्धियों को स्वीकार रही हैं। अब जबकि भारत फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए विश्व का छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह एक ऐसी उपलब्धि है जो 2014 की नौंवी स्थान से छठी तक की एक बड़ी छलांग है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के मानदंडों में अचंभे में डालने वाली छलांग लगाने वाले भारत के स्वच्छ भारत मिशन की असीम संभावनाओं के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन तक भूरि–भूरि प्रशंसा कर रहा है। लगभग हर क्षेत्र में भारत ने अद्भुत उपलब्धियां प्राप्त की हैं तथा अनेक अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम में हर गरीब, किसान, मजदूर, दलित, आदिवासी, पिछड़े, महिला एवं युवा के चेहरे पर मुस्कान लाने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। भारत अब उन ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है जिनके बारे में अभी कुछ वर्ष पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। आने वाले दिन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व में एक नई गाथा लिखने को तत्पर है।
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