‘‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए देश के विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार करना बहुत आवश्यक’

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मंगलुरु में 3800 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

‘पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत 250 से ज्यादा रेल और
सड़क परियोजनाओं की पहचान की गई है जो निर्बाध बंदरगाह कनेक्टिविटी में मदद करेंगी

त दो सितंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलुरु में तकरीबन 3800 करोड़ रुपये की मशीनीकरण और औद्योगीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से कर्नाटक में जीवन और ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ में बढ़ोतरी होगी। खासकर ‘एक जिला और एक उत्पाद’ योजना यहां मछुआरों, कारीगरों और क्षेत्र के किसानों के उत्पादों के लिए बाजार की उपलब्धता की सुविधा प्रदान करेगी।

पांच प्रणों पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लाल किले की प्राचीर से उन्होंने जिन पांच प्रणों की बात की थी, उनमें से पहला प्रण एक विकसित भारत के निर्माण का है। श्री मोदी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के विनिर्माण क्षेत्र ‘मेक इन इंडिया’ का विस्तार करना बहुत जरूरी है।

बंदरगाह आधारित विकास की दिशा में देश द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर ख़ासा जोर दिया कि ये विकास का एक महत्वपूर्ण मंत्र है। ऐसे प्रयासों के कारण भारत के बंदरगाहों की क्षमता सिर्फ 8 वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है।

पिछले 8 वर्षों में प्राथमिकता वाले बुनियादी ढांचे के विकास पर टिप्पणी करते हुए श्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक को ही इससे अत्यधिक लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक राज्य सागरमाला योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है।

श्री मोदी ने कहा कि इस राज्य में गत आठ वर्षों में 70 हजार करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाएं जोड़ी गई हैं और एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाएं कतार में हैं। कर्नाटक में परियोजनाओं के लिए रेल बजट पिछले 8 वर्षों में चार गुना बढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि जिन लोगों को उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण भुला दिया गया, उनकी अब उपेक्षा न हो। श्री मोदी ने कहा कि छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों, मछुआरों, रेहड़ी-पटरी वालों और ऐसे करोड़ों लोगों को पहली बार देश के विकास का लाभ मिलना शुरू हुआ है।

उन्होंने कहा कि आज डिजिटल भुगतान ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गए हैं और भीम-यूपीआई जैसे हमारे इनोवेशन पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि आज देश के लोग मजबूत कनेक्टिविटी के साथ तेज और सस्ता इंटरनेट चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि आज करीब 6 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 5जी की सुविधा इस क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने वाली है। मुझे खुशी है कि कर्नाटक की डबल इंजन सरकार भी लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को तेजी से पूरा करने के लिए काम कर रही है।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले साल, इतने सारे वैश्विक व्यवधानों के बावजूद भारत का निर्यात कुल 670 बिलियन डॉलर यानी 50 लाख करोड़ रुपये का था। भारत ने हर चुनौती को पार करते हुए 418 अरब डॉलर यानी 31 लाख करोड़ रुपये के व्यापारिक निर्यात का नया रिकॉर्ड बनाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से देश में पिछले कुछ वर्षों में तटीय यातायात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न बंदरगाहों पर बढ़ी हुई सुविधाओं और संसाधनों के कारण अब तटीय आवाजाही आसान हो गई है।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि पोर्ट कनेक्टिविटी बेहतर हो, इस काम में तेजी आए। इसलिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत 250 से ज्यादा रेल और सड़क परियोजनाओं की पहचान की गई है, जो निर्बाध बंदरगाह कनेक्टिविटी में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के करावली क्षेत्र का जिक्र करते हुए अपने संबोधन का समापन किया। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा देशभक्ति की, राष्ट्रीय संकल्प की इस ऊर्जा से बहुत प्रेरित महसूस करता हूं। मंगलुरु में दिखाई देने वाली ये ऊर्जा ऐसे ही विकास के पथ को रोशन करती रहे।