कर्नाटक विधानसभा चुनाव – 2023 : एक रिपोर्ट

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-राम प्रसाद त्रिपाठी

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 29 मार्च, 2023 को तिथियों की घोषणा की। यह कर्नाटक प्रदेश का पंद्रहवां विधानसभा चुनाव होगा। इन घोषणाओं के अनुसार नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल, 2023 और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 24 अप्रैल, 2023 थी। इस बार कर्नाटक में एक चरण में 10 मई, 2023 को चुनाव होंगे। चुनाव के परिणाम 13 मई, 2023 को घोषित किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 को समाप्त हो जाएगा। कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटे हैं, जो छह अलग-अलग क्षेत्रों— बेंगलुरु, मध्य, तटीय, हैदराबाद-कर्नाटक, मुंबई-कर्नाटक और दक्षिणी कर्नाटक में फैली हुई हैं। मुंबई-कर्नाटक और दक्षिणी कर्नाटक प्रदेश के सबसे बड़े क्षेत्र हैं और इनमें क्रमशः 50 और 51 विधानसभा सीटें हैं। 224 विधानसभा सीटों में से 36 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार प्रदेश में कुल 5.21 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 2.59 महिला मतदाता और 2.62 करोड़ पुरुष मतदाता शामिल हैं। वर्तमान में कुल मतदाताओं में से 80 वर्ष से अधिक आयु के 12.15 लाख और 5.55 लाख विकलांग (पीडब्ल्यूडी) मतदाता हैं। दिलचस्प बात यह है

कि कुल वरिष्ठ नागरिकों में से 16,976 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं। 4,699 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं और 9.17 लाख फर्स्ट टाइम वोटर हैं। प्रदेश में कुल 58,282 मतदान केंद्र हैं और प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की औसत संख्या 883 है।

कर्नाटक पहला दक्षिणी राज्य है जहां भाजपा ने 2008 में प्रचंड जीत दर्ज करके इतिहास रचा और श्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाई। शुरुआत से ही, कर्नाटक में भाजपा सरकार ने सुशासन और विकास पर ध्यान केंद्रित किया है और तब से, कर्नाटक राज्य की राजनीति में भाजपा की ताकत और स्वीकार्यता में काफी वृद्धि हुई है। जनता के प्यार और स्नेह से भाजपा को जीत के बाद जीत मिली। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी, भाजपा 224 सदस्यीय विधानमंडल में 104 सीटें प्राप्त करके

कर्नाटक का यह चुनाव विभिन्न नवीन पहलों के लिए जाना जाएगा

•• पहली बार, चुनाव आयोग ने आगामी चुनावों में 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और विकलांग लोगों के लिए राज्य में घर से वोटिंग का विकल्प उपलब्ध कराया है। चुनाव आयोग की टीम ऐसे लोगों के घर जाकर फॉर्म -12डी के माध्यम से नागरिकों को वोटिंग करने में मदद करेगी और जब भी घर से वोटिंग (वीएफएच) के लिए ऐसा कोई मामला होगा, तो सभी राजनीतिक दलों को सूचित किया जाएगा।

•• संवेदनशील आदिवासी समूहों और ट्रांसजेंडर के लिए विशेष बूथ स्थापित किए जाएंगे।

•• दिव्यांग लोगों के लिए सक्षम नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन शुरू किया गया है।

•• उम्मीदवारों के नामांकन और हलफनामे दाखिल करने के लिए एक और मोबाइल एप्लिकेशन सुविधा शुरू की गई है।

•• उम्मीदवार बैठकों और रैलियों की अनुमति लेने के लिए सुविधा पोर्टल का भी उपयोग कर सकते हैं।

•• चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए ‘नो योर कैंडिडेट’ (KNOW YOUR CANDIDATE) नामक एक अभियान भी शुरू किया है। चुनाव आयोग के अनुसार, ‘राजनीतिक दलों को मतदाताओं को अपने पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सूचित करना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को क्यों चुना और चुनाव लड़ने के लिए क्यों टिकट दिया।’

•• आयोग ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायत दर्ज कराने के लिए ई-विजिल मोबाइल एप्लिकेशन पेश किया है। जिसमें प्रतिक्रिया समय 100 मिनट होगा।

सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई थी। इसके विपरीत, कांग्रेस को 80 सीटें मिलीं और जनता दल (सेक्युलर) को 37 सीटें मिलीं। जबकि 29 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी की सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन में और सुधार किया और 28 में से 26 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की, पार्टी को 40 प्रतिशत वोट हासिल हुए।

कार्यक्रम की घोषणा और नामांकन दाखिल करने के साथ ही कर्नाटक का राजनीतिक माहौल चुनावी रैलियों, प्रचार और रोड शो से सराबोर हो गया है। भाजपा ने 19 अप्रैल को अपने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी है। शिगगांव से मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई और अन्य उम्मीदवार अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से पहले ही अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कर्नाटक में इस बार भाजपा, कांग्रेस और जद (एस) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। हालांकि, ऐसा लगता है कि राज्य में हर जगह भाजपा की अभूतपूर्व लहर है और जद (एस) अपने अस्तित्व को बचाने के लिए चुनाव लड़ रही है।

पिछले पांच वर्षों में श्री बीएस येदियुरप्पा और बाद में श्री बसवराज बोम्मई के कार्यकाल में राज्य ने सभी मोर्चों पर उल्लेखनीय वृद्धि और विकास देखा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में डबल इंजन भाजपा सरकार ने तुमकुर में बहुप्रतीक्षित औद्योगिक गलियारा, तुमकुर में एशिया का सबसे बड़ा हेलीकॉप्टर निर्माण उद्योग, कर्नाटक में विमान निर्माण केंद्र, वंदे भारत ट्रेन, मेट्रो नेटवर्क का विस्तार और बेंगलुरु में नया केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट टर्मिनल, बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे आदि जैसी महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं को पूरा किया है। हजारों किलोमीटर नए राष्ट्रीय राजमार्ग, नए आईआईटी, नए हवाई अड्डे, दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म आदि का भी हाल ही में प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया, यह भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास परियोजनाओं की लंबी सूची में से कुछ परियोजनाएं हैं। आज कर्नाटक एफडीआई, इनोवेशन इंडेक्स, स्टार्टअप इकोसिस्टम और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे विकास के विभिन्न मानकों में अन्य राज्यों से बहुत आगे है। यही विकास का एजेंडा है जिसे भाजपा सरकार ने प्रदेश में लागू किया है।

गुजरात और हाल ही में पूर्ण हुए तीन उत्तर-पूर्व राज्यों में जीत हासिल कर और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे के साथ इस बार भाजपा आगामी कर्नाटक चुनाव में एक शानदार जीत हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक की अपनी सातवीं यात्रा कर सत्तारूढ़ भाजपा की वापसी के लिए पहले ही एक मजबूत आधार बना दिया है, इस दौरान जनता द्वारा प्रधानमंत्री श्री मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं के चुनावी कार्यक्रमों, रोड शो, रैलियों और सभाओं में बड़े पैमाने पर लोगो की मौजूदगी भाजपा की चुनावी जीत को सुनिश्चित कर रही है। पिछली बार भाजपा का प्रदर्शन काफी सराहनीय रहा है और इस बार भी वह स्पष्ट जीत की ओर बढ़ रही है।