करतारपुर गलियारा राष्ट्र को समर्पित

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 15 एकड़ जमीन पर शानदार यात्री टर्मिनल भवन का निर्माण

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 9 नवंबर को गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे और यात्री टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। यात्री टर्मिनल को एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) भी कहा जाएगा। तीर्थयात्री 4.5 किलोमीटर लंबे नवनिर्मित गलियारे (करतारपुर कॉरिडोर) से जाने के लिए यहीं से मंजूरी प्राप्त करेंगे, जो भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगा।

करतारपुर गलियारे की चैक पोस्ट के शुरू हो जाने से पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहेब जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।

उल्लेखनीय है कि डेरा बाबा नानक के निकट अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित जीरो-प्वॉइंट पर करतारपुर साहेब गलियारा तैयार करने के लिए भारत ने 24 अक्टूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ समझौता किया था। स्मरण रहे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में और पूरी दुनिया में श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक 550वें प्रकाश पर्व को भव्य रूप में मनाने के लिए 22 नवम्बर, 2018 को प्रस्ताव पारित किया था।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर साहेब गलियारे के निर्माण और विकास को मंजूरी दी थी, ताकि पूरे वर्ष गुरुद्वारा दरबार साहेब करतारपुर जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को सुविधा प्राप्त हो सके।

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं

डेरा बाबा नानक को अमृतसर-गुरदासपुर राजमार्ग से जोड़ने के लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन वाला 4.2 किलोमीटर लम्बा राजमार्ग बनाया गया।

15 एकड़ जमीन पर शानदार यात्री टर्मिनल भवन बनाया गया है, यह भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसका निर्माण हवाई अड्डे की तरह किया गया है। यहां 50 आव्रजन काउंटर हैं, जो प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को सेवा प्रदान करेंगे।

मुख्य इमारत में शौचालय, सहायता केंद्र, बच्चों के लिए सुविधा, प्राथमिक उपचार सुविधा, प्रार्थना कक्ष, अल्पाहार काउंटर आदि मौजूद हैं।

मजबूत सुरक्षा के लिए सीसीटीवी द्वारा निगरानी की व्यवस्था है तथा जन सूचना प्रणाली लगाई गई है।

अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 300 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है।

समझौते की मुख्य विशेषताएं

सभी धर्मों को मानने वाले भारतीय और भारतीय मूल के श्रद्धालु गलियारे का उपयोग कर सकते हैं।

यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है।

श्रद्धालुओं के पास केवल वैधानिक पासपोर्ट होना चाहिए।

भारतीय मूल के लोगों के लिए अपने देश के पासपोर्ट के साथ ओसीआई कार्ड रखना आवश्यक होगा।

गलियारा सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहेगा। सुबह जाने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन वापस लौटना होगा।

केवल अधिसूचित दिनों को छोड़कर गलियारा पूरे साल खुला रहेगा, जिसकी सूचना अग्रिम रूप से दे दी जाएगी।

श्रद्धालुओं को अकेले या समूह में अथवा पैदल जाने की छूट होगी।

यात्रा तिथि के 10 दिन पहले भारत श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को सौंपेगा। यात्रा तिथि के 4 दिन पहले श्रद्धालुओं को यात्रा की पुष्टि की सूचना प्राप्त हो जाएगी।

पाकिस्तान पक्ष ने भारत को आश्वासन दिया है कि ‘लंगर’ और ‘प्रसाद’ का पर्याप्त प्रबंध किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने गुरुद्वारा बेर साहिब में मत्था टेका

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से 9 नवंबर को सुलतानपुर लोधी स्थित गुरुद्वारा बेर साहिब में मत्था टेका। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के राज्यपाल श्री बी पी सिंह बदनौर तथा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी प्रधानमंत्री के साथ थे।
गुरुद्वारे के मुख्य परिसर में प्रधानमंत्री ने प्रार्थना की। गुरुद्वारे के ग्रंथियों ने प्रधानमंत्री को एक शॉल भेंट किया। इसके बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने परिसर का भ्रमण किया। उन्होंने उस बेर पेड़ को भी देखा, जिसके नीचे श्री गुरू नानक देव जी ने 14 वर्षों तक ध्यान लगाया था।