लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून सभी के लिए बराबर है : अमित शाह

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राज्य सभा

विशेष संरक्षण ग्रुप (संशोधन) विधेयक, 2019 संसद में 3 दिसंबर को पारित हो गया। यह विधेयक 27 नवंबर को लोक सभा में पारित हुआ था। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राज्य सभा में बोलते हुए कहा कि यह बिल एक परिवार को ध्यान में रखकर नहीं लाया जा रहा है। उनका कहना था कि गांधी परिवार की सुरक्षा और एसपीजी की सुरक्षा के बीच में कोई संबंध नहीं है। उनके लिए पहले ही जेड प्लस (एएसएल, एंबुलेंस की सुविधा के साथ) सुरक्षा उपलब्ध करा दी गई है, जो 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। उनका कहना था कि एसपीजी के बिल में यह पांचवा संशोधन एक परिवार के कारण नहीं है, बल्कि पहले चार परिवर्तन एक परिवार को ध्यान में रखकर किए गए थे।

श्री अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र में बारी-बारी आना जाना पड़ता है उसे स्वीकार भी करना पड़ता है। देश में 130 करोड़ लोग अपना वोट डालते हैं और चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा फिर प्रधानमंत्री तय होता है और आज यह सच है कि श्री नरेन्द्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं।

श्री शाह ने कहा कि केवल गांधी परिवार ही नहीं, गांधी परिवार सहित 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है और उसका निर्वहन करने में हमें कोई आपत्ति नहीं है। किंतु किसी को एसपीजी ही चाहिए यह जिद ठीक नहीं है। उनका कहना था कि एसपीजी का गठन विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को लेकर किया जाता है।

उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि गांधी परिवार के तीनों सुरक्षा प्राप्तकर्ताओं को वही सुरक्षा जवान दिए गए हैं, जो किसी न किसी रूप में एसपीजी में प्रशिक्षण प्राप्त हैं। श्री शाह ने कहा कि एसपीजी को स्टेटस सिंबल न बनाया जाय। गांधी परिवार को देश के नागरिक को मिलने वाली सर्वोच्च सुरक्षा दी गई है जो कि देश के रक्षा मंत्री, गृह मंत्री व अन्य के पास है, लेकिन उनकी ये मांग के उन्हे एसपीजी सुरक्षा ही मिले उचित नहीं है।

श्री अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर की समीक्षा के आधार पर सुरक्षा हटाई गई थी। श्री वीपी सिंह, श्री नरसिम्हा राव, श्री आईके गुजराल और डॉक्टर मनमोहन सिंह की सुरक्षा को हटाकर जेड प्लस सिक्योरिटी से परिवर्तित किया गया, किंतु विपक्ष ने किसी तरह का शोर-शराबा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून सभी के लिए बराबर होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हम परिवार का विरोध नहीं कर रहे हैं, परिवारवाद का विरोध करते हैं। परिवारवाद एक व्यवस्था है और इसका पुरविरोध करते रहेंगे। एक प्रश्न के जवाब में श्री शाह ने जस्टिस वर्मा की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें लिखा था कि राजीव गांधी की हत्या करना इसलिए सरल हुआ, क्योंकि पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई थी।

श्रीमती प्रियंका वाड्रा के घर हाल में ही हुई घटना का जिक्र करते हुए श्री शाह ने कहा कि उस दिन उनके घर आने वाली गाड़ी में कांग्रेस के ही कार्यकर्ता थे। उनका कहना था कि इस पूरी घटना की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं और जिम्मेदार लोगों को सस्पेंड भी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए, बल्कि संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचना दी जा सकती थी।

लोकसभा
बिल लाने का प्रमुख उद्देश्य सुरक्षा कवर को अधिक प्रभावी बनाना है

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने विशेष संरक्षण ग्रुप (संशोधन) विधेयक, 2019 लोकसभा में प्रस्तुत करते हुए 27 नवंबर को कहा कि देश में ऐसा संदेश जा रहा है कि गांधी परिवार की सुरक्षा कम करने के लिए बिल लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है, बल्कि सीआरपीएफ की जेड प्लस ( एएसएल) से बदली गई है और इसमें सुरक्षा बलों की संख्या पहले से अधिक हुई है जिसमें एंबुलेंस सुविधा भी शामिल है।

श्री शाह ने यह भी कहा कि इस परिवार ने अनेक बार बगैर एसपीजी को सूचना दिए बगैर यात्राएं की। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ सेंट्रल एजेंसी है और उसकी सुरक्षा पूरे देश में विद्यमान है और इस बिल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को पांच वर्ष तक एसपीजी सुरक्षा कवर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि विशेष संरक्षण ग्रुप (संशोधन) विधेयक में पहले के बदलाव एक परिवार को ध्यान में रखकर हुए किंतु पहली बार प्रधानमंत्री को ध्यान में रखकर बदलाव किया जा रहा है।

श्री शाह का कहना था कि केवल गांधी परिवार ही नहीं देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। उनका कहना था कि सभी नागरिकों को सुरक्षा देने की मंशा भी है और धारणा भी किंतु सबको एसपीजी की सुरक्षा नहीं दी जा सकती।

उनका कहना था कि पूर्णतया खतरे का आंकलन (थ्रेट असेसमेंट) के आधार पर सुरक्षा में बदलाव किए गए है। एक सदस्य के सवाल के जवाब में श्री शाह का कहना था कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी क्षेत्रों में बड़े और कड़े मापदंड स्थापित किए हैं। श्री शाह का कहना था कि सिक्योरिटी कवर को स्टेटस सिंबल के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

श्री शाह ने कहा कि एसपीजी प्रोटेक्शन का मतलब देश के प्रधानमंत्री को कार्यालय, संचार, आरोग्य तथा सुरक्षा की सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा देने से संख्या बढ़ती जाएगी जिससे प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ेगा। श्री शाह का कहना था कि इस बिल को लाने का प्रमुख उद्देश्य देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा कवर को अधिक प्रभावी बनाना है।