किसानों की आत्महत्या के मामलों में 2016 में 10 फीसदी की कमी

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किसानों द्वारा आत्महत्या करने के मामलों में वर्ष 2016 में 10 फीसदी की कमी आई है। कृषि मंत्रालय की तरफ से 20 मार्च को लोकसभा में पेश रिपार्ट के अनुसार वर्ष 2016 में देशभर में 11,370 किसानों ने आत्महत्या की, जबकि वर्ष 2015 में देश में 12,602 किसानों ने आत्महत्या की थी। इस तरह से एक साल के भीतर किसानों के आत्महत्या के मामलों में 10 फीसदी की कमी आई।

दरअसल, वर्ष 2016 में खरीफ फसलों की पैदावार अच्छी हुई थी, इस वजह से किसानों के आत्महत्या के मामलों में कमी आई। इससे पहले 2014 और 2015 में किसानों को सूखे का संकट झेलना पड़ा था, इस दौरान मानसूनी वर्षा सामान्य से 10 फीसदी कम और कई राज्यों में इससे भी कम हुई थी। जिसका असर खाद्यान्न उत्पादन पर पड़ा, जिससे कई राज्यों के किसानों को आर्थिक घाटा उठाना पड़ा था।

2015 में 4,595 कृषि मजदूरों ने तनाव के चलते मौत को गले लगा लिया, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 5,019 हो गया। हालांकि, आत्महत्या के मामलों में कुल गिरावट किसानों के आत्महत्या में कमी के चलते आई। 2015 में कुल 8,007 किसानों ने अपनी जान दे दी, जबकि 2016 में यह आंकड़ा कम होकर 6,351 हो गया।