जनवरी, 2018 में औद्योगिक विकास दर 7.5 फीसदी

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जनवरी, 2018 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 132.3 अंक रहा, जो जनवरी, 2017 के मुकाबले 7.5 फीसदी ज्यादा है। इसका मतलब यह है कि जनवरी, 2018 में औद्योगिक विकास दर 7.5 फीसदी रही। इसी तरह अप्रैल-जनवरी, 2017-18 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 4.1 फीसदी आंकी गई।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जनवरी, 2018 के लिए जारी किये गये औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के त्वरित आकलन (आधार वर्ष 2011-12=100) से उपर्युक्त जानकारी मिली है। दरअसल, 14 स्रोत एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आईआईपी का आकलन किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उर्वरक विभाग भी इन एजेंसियों में शामिल हैं।

जनवरी, 2018 में खनन, विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि दर जनवरी, 2017 के मुकाबले क्रमश: 0.1 फीसदी, 8.7 फीसदी तथा 7.6 फीसदी रही। इसी तरह अप्रैल-जनवरी 2017-18 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्टरों की उत्पादन वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 2.5, 4.3 तथा 5.3 फीसदी आंकी गई।

उपयोग आधारित वर्गीकरण के अनुसार जनवरी, 2018 में प्राथमिक वस्तुओं (प्राइमरी गुड्स), पूंजीगत सामान, मध्यवर्ती वस्तुओं एवं बुनियादी ढांचागत/निर्माण वस्तुओं की उत्पादन वृद्धि दर जनवरी, 2017 की तुलना में क्रमश: 5.8 फीसदी, 14.6 फीसदी, 4.9 फीसदी और 6.8 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्ता सामान का सवाल है, इनकी उत्पादन वृद्धि दर जनवरी, 2018 में 8.0 फीसदी रही है। वहीं, गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामान की उत्पादन वृद्धि दर जनवरी, 2018 में 10.5 फीसदी रही।

इस दौरान उच्च उत्पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं में ट्रकों की बॉडी, लॉरी एवं ट्रेलर (267.5%), स्टेनलेस स्टील के बर्तन (89.2%), चीनी (40.9%), दोपहिया वाहन (मोटरसाइकिल/स्कूटर) (37.7 प्रतिशत), पाचन एंजाइम और एंटासिड (पीपीआई ड्रग्स सहित) (31.7%), वाणिज्यिक वाहन (29.8 प्रतिशत) और सीमेंट-सभी प्रकार (21.5 प्रतिशत) शामिल हैं।