‘मदन लाल खुरानाजी ने दिल्ली के विकास के लिए कई कार्य किये’

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प्रथम मदन लाल खुराना मेमोरियल व्याख्यान

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 15 अक्टूबर, 2022 को नई दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय मदन लाल खुराना जी की जन्मजयंती के अवसर पर नेहरू मेमोरियल ऑडिटोरियम में प्रथम मदन लाल खुराना मेमोरियल व्याख्यान को संबोधित किया और दिल्ली के विकास में आदरणीय मदन लाल खुराना जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें दिल्ली में विकास का अग्रदूत बताया। कार्यक्रम में श्रीमती खुराना, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री रामबीर सिंह बिधूड़ी के साथ-साथ पार्टी के कई सांसद, विधायक, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

श्री नड्डा ने कहा कि मदन लाल खुराना जी ने कभी भी यह नहीं सोचा कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बनेंगे, क्योंकि उस समय तो हम अपनी जमानत बचने पर खुश हो जाया करते थे। हम सब आदरणीय मदन लाल खुराना जी के प्रारंभिक जीवन से परिचित हैं कि किस तरह उन्होंने दिल्ली, इलाहाबाद और श्रीनगर में अपनी शिक्षा ग्रहण की और फिर एक एक्टिविस्ट के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से भी जुड़े थे। 11 में से 10 चुनाव उन्होंने जीते। वे तीन बार सांसद रहे। वे दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। बाद में वे राजस्थान के राज्यपाल भी बने।

उन्होंने कहा कि आदरणीय मदन लाल खुराना जी उन लोगों में से थे, जिन्होंने आपातकाल के दौरान देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया और 19 महीनों तक जेल में भी बंद रहे।

श्री नड्डा ने कहा कि आदरणीय मदन लाल खुराना जी के पास संघर्ष की शक्ति थी, तो समस्याओं का समाधान भी था। चाहे गरीबों को राशन कार्ड देना हो, जल निगम को स्थापित करना हो या यमुना पार को मुख्यधारा में लाना हो, उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए कई कार्य किये। उन्होंने तब मेट्रो की बात की, जब मेट्रो के बारे में लोगों की समझ भी विकसित नहीं हुई थी। उन्होंने दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कई कार्य किये। उनके भाषणों में मेट्रो का जिक्र अवश्य होता था। मदन लाल खुरानाजी लोगों के नेता थे। दिल्ली उनके दिल में बसी हुई थी। सच्चे अर्थों में कहें तो वे दिल्ली को जीते थे। उनके अथक प्रयासों से दिल्ली में 10 कॉलेज खुले और रिकॉर्ड समय में बनकर इनका संचालन भी शुरू हुआ। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी भी बनाई।