कैबिनेट की प्रथम बैठक में लिए गए कई ऐतिहासिक निर्णय

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 31 मई को एक नई योजना को मंजूरी दी गई। यह ऐतिहासिक निर्णय देश भर के किसानों को सशक्त बनाएगा। यह अग्रणी योजना राष्ट्र को अनाज मुहैया कराने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले हमारे परिश्रमी किसानों को पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब किसानों के लिए पेंशन कवरेज की परिकल्पना की गई।

अनुमान है कि प्रारंभिक तीन वर्षों में पांच करोड़ छोटे और सीमांत किसान इससे लाभांवित होंगे। केन्द्र सरकार इस योजना के अंतर्गत परिकल्पित सामाजिक सुरक्षा कवर मुहैया कराने हेतु तीन वर्ष की अवधि के लिए अपने अंशदान के रूप में 10774.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी।

इस योजना की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं :

यह देश भर के छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) के लिए स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है।

इसमें प्रारंभिक आयु 18 से 40 वर्ष है और 60 वर्ष की आयु होने पर 3000 रुपये की न्यूनतम निर्धारित पेंशन देने का प्रावधान है। उदाहरण के लिए लाभार्थी किसान को 29 वर्ष की प्रवेश आयु में 100 रुपये प्रतिमाह का अंशदान करना अपेक्षित है। केंद्र सरकार भी पात्र किसान द्वारा किए गए अंशदान के बराबर राशि पेंशन निधि में जमा कराएगी।

अंशदानकर्ता की पेंशन लेने के दौरान मृत्यु होने के बाद एसएमएफ लाभार्थी की पत्नी/पति परिवार पेंशन के रूप में लाभार्थी द्वारा प्राप्त की जा रही पेंशन की 50 प्रतिशत पेंशन राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे। बशर्ते कि वे इस योजना के पहले से ही एसएमएफ लाभार्थी न हों। अगर अंशदानकर्ता की मृत्यु अंशदान अवधि को दौरान हो जाती है तो उसके पत्नी/पति के सामने नियमित अंशदान भुगतान द्वारा योजना को जारी रखने का विकल्प खुला होगा।

योजनाओं के बीच सामंजस्य, किसानों के लिए समृद्धि

इस योजना की दिलचस्प बात यह है कि किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना से प्राप्त लाभ से सीधे ही इस योजना में अपना मासिक अंशदान करने का विकल्प चुन सकता है। एक अन्य विकल्प यह भी है कि कोई भी किसान ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ (सीएससी) के माध्यम से पंजीकरण कराकर भी अपने मासिक अंशदान का भुगतान कर सकता है।

मुख्य वायदे पूरे किए, कृषि क्षेत्र को बनाया सशक्त

आजादी के 70 साल बाद तक किसानों को इस तरह की कवरेज प्रदान करने के बारे में कभी विचार तक नहीं किया गया। 2019 के संसदीय चुनाव से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार इस तरह का विचार सामने रखा, जिसकी प्रतिध्वनि देश भर में सुनाई दी। इस योजना का उल्लेख भारतीय जनता पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में किया गया था और नई सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में ही इसे साकार कर दिया गया।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 14.5 करोड़ किसान होंगे लाभान्वित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मई को इस आशय की मंजूरी दी कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के दायरे को व्यापक रूप से बढ़ाया जाएगा। इस निर्णय के साथ ही अब सभी भूमि जोत वाले पात्र किसान परिवार (सामान्य अपवाद मानदंड को छोड़कर) इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे।

संशोधित योजना से लगभग 2 करोड़ और किसानों को कवर किये जाने की आशा है। इससे पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ जाएगा और इसके दायरे में तकरीबन 14.5 करोड़ लाभार्थी आ जायेंगे। वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार द्वारा इस पर अनुमानित 87,217.50 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।

किसानों से किया गया एक प्रमुख वायदा पूरा

पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ाने से संबंधित कैबिनेट निर्णय से आम चुनाव 2019 के दौरान देश की जनता से प्रधानमंत्री द्वारा किया गया एक प्रमुख वायदा पूरा हो गया है। भाजपा के चुनाव संकल्प पत्र में भी इस प्रमुख नीतिगत निर्णय का उल्लेख किया गया था।

उल्लेखनीय है कि झारखंड में अद्यतन भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध न होने और असम, मेघालय एवं जम्मू-कश्मीर में ‘आधार’ की कम उपलब्धता जैसे परिचालन संबंधी कुछ मुद्दों को भी हल कर लिया गया।

पीएम-किसान योजना : किसानों के लिए एक ऐतिहासिक आय सहायता

पीएम-किसान योजना का शुभारंभ वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में ही कर दिया गया। पीएम-किसान योजना के तहत देश भर में 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले छोटे एवं सीमांत भूमिधारक किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की आय सहायता देने का उल्लेख किया गया है (अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है)।

इस योजना के तहत पूरे साल के दौरान प्रत्येक चार महीने में 2,000-2,000 रुपये की तीन किस्तों में यह राशि जारी की जा रही है। यह राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण विधि के माध्यम से लाभार्थियों के निर्दिष्ट बैंक खाते में जमा की जा रही है।

इस योजना का शुभारंभ तीन हफ्तों की रिकॉर्ड अवधि में 24 फरवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किया गया था। इस दौरान निर्धारित पहली किस्त अनेक किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी गई थी। अभी तक 3.11 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में पहली किस्त और 2.66 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में दूसरी किस्त सीधे जमा की जा चुकी है।

नए उत्साह के साथ भारत के अन्नदाताओं की सेवा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारत के किसानों के लिए बार-बार श्रद्धा के साथ उद्गार व्यक्त करते रहे हैं। उन्होंने भारत के किसानों को हमारे अन्नदाता के रूप में वर्णित किया है, जो 1.3 अरब भारतीयों का भरण-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक की अवधि के दौरान अनगिनत कदम उठाए गए। 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में वृद्धि करना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना और बेहतर बाजारों के लिए ई-नाम इत्यादि इन महत्वपूर्ण कदमों में शामिल हैं।

नई पेंशन योजना से 3 करोड़ खुदरा व्यापारी और दुकानदार लाभान्वित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मई को व्यापारिक समुदाय को लाभान्वित करने वाले एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत एक नई योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत व्यापारी समुदाय को पेंशन कवरेज देने की पेशकश की गई। इस योजना के तहत सभी दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों और स्व-रोजगार करने वाले लोगों को 60 वर्ष की आयु हो जाने के बाद 3000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन देना सुनिश्चित किया गया है।

सभी छोटे दुकानदारों एवं स्व-रोजगार वाले लोगों के साथ-साथ ऐसे खुदरा (रिटेल) व्यापारी भी इस योजना के लिए अपना नामांकन करा सकते हैं या इससे जुड़ सकते हैं, जिनका जीएसटी कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से कम है और जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष तक है। इस योजना से 3 करोड़ से भी अधिक छोटे दुकानदार एवं व्यापारी लाभान्वित होंगे।

यह योजना स्व-घोषणा पर आधारित है, क्योंकि ‘आधार’ एवं बैंक खाते को छोड़कर किसी और दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती है। इच्छुक व्यक्ति देश भर में फैले 3,25,000 से भी अधिक साझा सेवा केन्द्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) के जरिये स्वयं का नामांकन करा सकते हैं या इससे जुड़ सकते हैं।

भारत सरकार इस योजना के सदस्य के खाते में समान योगदान देगी। उदाहरण के लिए, यदि 29 साल की उम्र का कोई व्यक्ति प्रति माह 100 रुपये का योगदान करता है, तो केन्द्र सरकार भी प्रत्येक महीने सम्बन्धित सदस्य के खाते में सब्सिडी के रूप में ठीक उतनी ही राशि का योगदान करेगी।