केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को दी मंजूरी

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इस नीति का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाना, वैश्विक मानकों को हासिल करना, लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भारत की रैंकिंग में सुधार लाना तथा वैश्विक व्यापार में बड़ी हिस्सेदारी प्राप्त करने में सहायता करना है

त 21 सितंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को मंजूरी दे दी। इस नीति में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिये विषयगत, विभिन्न सेक्टरों, विभिन्न क्षेत्राधिकार वाले तथा व्यापक नीतिगत प्रारूप को चाक-चौबंद बनाने के उपाय किये गये हैं। यह नीति पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की पूरक है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का लक्ष्य समेकित अवसंरचना का विकास करना है, वहीं राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के तहत लॉजिस्टक्स सेवाओं में कुशलता लाना, कौशल विकास, उच्च शिक्षा में लॉजिस्टिक्स को दुरुस्त करना तथा समुचित प्रौद्योगिकियों को अपनाना शामिल है।

इसकी परिकल्पना में तेज और समावेशी वृद्धि के लिये प्रौद्योगिकी आधारित क्षमता एकीकृत, सस्ते, हर स्थिति में उपयोगी, सतत तथा विश्वसनीय लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम का विकास करना शामिल है।
इस नीति के तहत लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और इसमें उन लक्ष्यों को हासिल करने की विस्तृत कार्य-योजना को शामिल किया है। लक्ष्य इस प्रकार हैं:

i. वर्ष 2030 तक विश्व मानकों की तुलना मे भारत में लॉजिस्टिक्स की लागत में कटौती करना

ii. वर्ष 2030 तक 25 शीर्ष देशों में लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक रैंकिंग में सुधार लाना

iii. प्रभावी लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम के लिये डाटा आधारित निर्णय समर्थन की संरचना करना

यह नीति सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा, कृषि और सम्बन्धित सेक्टरों, द्रुतगामी उपभोक्ता माल और इलेक्ट्रॉनिक्स को समर्थन देती है। इसके बारे में पूर्वानुमान लगाना बहुत आसान होगा, इसकी पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी, आपूर्ति शृंखला में बर्बादी तथा बड़ी मात्रा में स्टॉक की जरूरत में कमी आयेगी।