मोदी सरकार की ज्यादातर योजनाएं ‘अंत्योदय’ पर आधारित हैं

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गणेश सिंह                                                                                         मोदी स्टोरी

सांसद, सतना, मध्य प्रदेश

मोदी सरकार की एक पहचान नवोन्मेषी योजनाओं को विकसित करना और उनके माध्यम से परिणामों को प्राप्त करने के लिए योजनाओं का त्वरित कार्यान्वयन करना है। साथ ही, इनमें से अधिकांश योजनाएं ‘अंत्योदय’ की आवधारणा पर आधारित हैं, जो अंतिम व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए प्रेरित करती है।

मध्य प्रदेश की सतना विधानसभा से सांसद श्री गणेश सिंह एक ऐसी ही योजना के शुभारंभ की घटना बताते हैं, जहां योजना उनके पहुंचने से पहले ही उनके निर्वाचन क्षेत्र के गांव में पहुंच गई थी।

अधिकांश योजनाएं ‘अंत्योदय’ की
आवधारणापर आधारित हैं, जो अंतिम
व्यक्ति तक योजना  का लाभ पहुंचाने के
लिए प्रेरित करती है

एक बार संसद के सत्र के दौरान, एक सरकारी योजना के कार्यान्वयन के लिए आकांक्षी जिलों की सूची की घोषणा की गई थी। इन जिलों में सांसद गणेश सिंह के निर्वाचन क्षेत्र के कुछ गांव भी शामिल किये गये थे और प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने और योजना के कार्यान्वयन को देखने के लिए कहा।

श्री गणेश सिंह शुक्रवार की रात को अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए ट्रेन से रवाना हुए और शनिवार की सुबह गांव रजरवारा पहुंचे। गांव पहुंचने पर उन्होंने पाया कि योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक अपर सचिव वहां पहले से ही मौजूद थे, जिसे देखकर उन्हें काफी आश्चर्य हुआ।

जब श्री गणेश सिंह ने अधिकारी से पूछा कि वह वहां कैसे पहुंचा, तो अधिकारी ने जवाब दिया कि ये गांव उसके अधीन थे इसलिए वह गांवों का दौरा करने आये है। श्री सिंह मप्र सरकार के कामकाज की गति देखकर हैरान रह गये, क्योंकि 48 घंटे पहले ही इस योजना की घोषणा की गई थी।

इस योजना की घोषणा को केवल 48 घंटे ही बीते थे और सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंचे, फिर भी योजना के उचित कार्यान्वयन के लिए एक सरकारी अधिकारी गांव में मौजूद था।

इससे सांसद को प्रधानमंत्री श्री मोदी की गतिशील विचार प्रक्रिया और योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का एहसास हुआ। उन्हें यह भी आश्चर्य हुआ कि सांसद के गांव पहुंचने से पहले ही एक सरकारी अधिकारी वहां पहुंच जाता है, सभी आंकड़े एकत्र करता है और वहां पहुंचने पर सांसद से मिलता है।

श्री गणेश सिंह कहते हैं कि वे 2004 से सांसद हैं, लेकिन किसी योजना के क्रियान्वयन के लिए ऐसी प्रतिबद्धता कभी नहीं देखी।