‘नया भारत’ न केवल बड़े सपने देखता है, बल्कि लक्ष्य तक पहुंचने का साहस भी दिखाता है : नरेन्द्र मोदी

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एक समय में भारत से निर्यात का आंकड़ा कभी 100 बिलियन (अरब), कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 सौ बिलियन डॉलर तक हुआ करता था। अब आज, भारत 400 बिलियन डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है

त 27 मार्च को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 400 बिलियन (अरब) डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपये मूल्य के वस्तुओं के निर्यात का लक्ष्य पहली बार हासिल करने और केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों की ऑनलाइन खरीद के पोर्टल ‘गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस’ (जीईएम) से वित्त वर्ष 2021-22 में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के माल एवं सेवाओं की खरीद का उल्लेख करते हुए कहा कि यही तो ‘नया भारत’ है जो न केवल बड़े सपने देखता है, बल्कि उस लक्ष्य तक पहुंचने का साहस भी दिखाता है।
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 87वीं कड़ी में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि इसी साहस के दम पर सभी भारतीय मिलकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना भी जरुर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि एक समय में भारत से निर्यात का आंकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 सौ बिलियन डॉलर तक हुआ करता था। अब आज, भारत 400 बिलियन डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

श्री मोदी ने कहा कि आज देश के कोने-कोने से नए-नए उत्पाद विदेश जा रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने असम के हैलाकांडी के चमड़ों के उत्पाद, उस्मानाबाद के हैंडलूम के उत्पाद, बीजापुर की फल-सब्जियों, चंदौली के काले चावल और त्रिपुरा के कटहल का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका निर्यात तेजी से बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि नए-नए उत्पाद नए-नए देशों को भेजे जा रहे हैं। अब आप दूसरे देशों में जाएंगे, तो ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद पहले की तुलना में कहीं ज्यादा नज़र आएंगे। श्री मोदी ने कहा कि विदेशों में निर्यात किए जा रहे उत्पादों की सूची बहुत लंबी है और जितनी लम्बी यह सूची है, उतनी ही बड़ी ‘मेक इन इंडिया’ की ताकत है और उतना ही विराट भारत का सामर्थ्य है।

उन्होंने कहा कि भारत के लोगों का ये सामर्थ्य अब दुनिया के कोने-कोने में, नए बाजारों में पहुंच रहा है। श्री मोदी ने स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बनाने और भारतीय उत्पादों की प्रतिष्ठा बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि जब एक-एक भारतवासी ‘लोकल के लिए वोकल’ (स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने वाला) होता है, तब स्थानीय उत्पादों को वैश्विक होते देर नहीं लगती है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में जीईएम पोर्टल के जरिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चीजें खरीदी हैं और देश के कोने-कोने से करीब-करीब सवा-लाख लघु उद्यमियों और छोटे दुकानदारों ने अपना सामान सरकार को सीधे बेचा है। श्री मोदी ने कहा कि एक ज़माना था जब बड़ी कम्पनियां ही सरकार को सामान बेच पाती थीं, लेकिन अब देश बदल रहा है और पुरानी व्यवस्थाएं भी बदल रही हैं।

उन्होंने कहा कि अब छोटे से छोटा दुकानदार भी जीईएम पोर्टल पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है। यही तो नया भारत है। ये न केवल बड़े सपने देखता है बल्कि उस लक्ष्य तक पहुंचने का साहस भी दिखाता है, जहां पहले कोई नहीं पहुंचा हो। इसी साहस के दम पर हम सभी भारतीय मिलकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना भी जरुर पूरा करेंगे।

‘मन की बात’ के दौरान श्री मोदी ने यह भी कहा कि आज पूरे विश्व में हेल्थ को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। अभी आपने देखा होगा कि पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। इसी तरह से आयुष इंडस्ट्री का बाजार भी लगातार बड़ा हो रहा है। 6 साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपए के आसपास का था। आज आयुष मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुंच रही है, यानी इस क्षेत्र में संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। स्टार्ट-अप वर्ल्ड में भी आयुष; आकर्षण का विषय बनता जा रहा है।