नए भारत का ‘आत्मनिर्भर बजट’

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केन्द्रीय बजट 2022-23 शक्तिशाली नए भारत का ‘आत्मनिर्भर बजट’ है। यह विकासोन्मुख, रोजगारपरक, अर्थव्यवस्था को गति देने वाला, वित्तीय समावेशन व वित्तीय स्थिरता प्रदान करने वाला तथा गरीब-किसान-मजदूर-युवा व महिलाओं को सशक्त करने वाला बजट है। बजट में लोगों को आवास, बिजली, रसोई गैस तथा हर घर जल सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 प्रस्तुत करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्त बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है। कोविड महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से उभरकर देश की अर्थव्यवस्था जिस तरह से समग्र रूप से बड़ी तेजी के साथ रिकवर कर रही है, वह हमारे देश की दमदार मजबूती को दर्शाती है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है और इसके साथ ही हमारा देश अब ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर गया है जो भारत@100 तक पहुंचने में 25 वर्षों की लंबी अवधि को दर्शाता है। सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उल्लेख किए गए विजन को साकार करने का लक्ष्य रखा है और ये निम्नलिखित हैं:

 वृहद-अर्थव्यवस्था स्तर के विकास पर फोकस करने के साथ-साथ सूक्ष्म-अर्थव्यवस्था स्तर के समावेशी कल्याण पर फोकस करना
 डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं फिनटेक, प्रौद्योगिकी आधारित विकास, ऊर्जा संबंधी बदलाव और जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देना, और
 निजी निवेश से शुरू होने वाले लाभप्रद आर्थिक चक्र पर भरोसा करना और इसके साथ ही सार्वजनिक पूंजीगत निवेश के बल पर निजी निवेश जुटाने में मदद मिलना

वर्ष 2014 से ही सरकार देश के नागरिकों, विशेषकर गरीबों एवं हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केन्द्रित करती रही है और इसके साथ ही लोगों को आवास, बिजली, रसोई गैस मुहैया कराने तथा जल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। यही नहीं, सरकार ने वित्तीय समावेश एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सुनिश्चित करने के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए हैं और इसके साथ ही सरकार ने समस्त अवसरों का उपयोग करने में गरीबों की क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी ठोस प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

वित्त मंत्री ने बताया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन को साकार करने के लिए 14 सेक्टरों में दिए जा रहे उत्पादकता आधारित प्रोत्साहन पर व्यापक अनुकूल प्रतिक्रिया हुई है जिनमें 60 लाख नए रोजगारों को सृजित करने के साथ-साथ अगले पांच वर्षों के दौरान 30 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त उत्पादन करने की क्षमता है। नई सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति के कार्यान्वयन के मुद्दे पर विस्तार से बताते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एयर इंडिया के स्वामित्व के रणनीतिक हस्तांतरण का कार्य पूरा हो गया है, एनआईएनएल (नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड) के रणनीतिक साझेदार का चयन हो चुका है, एलआईसी का सार्वजनिक निर्गम जल्द ही आने की आशा है और अन्य संबंधित प्रस्ताव भी वर्ष 2022-23 के लिए प्रक्रियाधीन हैं।

पीएम गतिशक्ति

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकास को निरंतर नई गति दे रहा है इसमें इस समानांतर पथ का उल्लेख किया गया है: (1) अमृत काल के लिए ब्लू प्रिंट, जो अत्याधुनिक एवं समावेशी है और जिससे हमारे युवा, महिलाएं, किसान, अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां सीधे तौर पर लाभान्वित होंगी, और (2) अत्याधुनिक अवसंरचना के लिए व्यापक सार्वजनिक निवेश, भारत@100 के लिए तैयार होना और इसका मार्गदर्शन ‘पीएम गतिशक्ति’ द्वारा किया जाएगा और यह बहु-विध दृष्टिकोण में सामंजस्य से लाभान्वित होगा। इस समानांतर पथ पर आगे बढ़ते हुए वित्त मंत्री ने निम्नलिखित चार प्राथमिकताओं को रेखांकित किया:

 पीएम गतिशक्ति
 समावेशी विकास
 उत्पादकता बढ़ाना एवं निवेश, उभरते अवसर, ऊर्जा के स्वरूप में बदलाव और जलवायु कार्रवाई
 निवेश का वित्तपोषण करना

साथ ही, श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा और सार्वजनिक संसाधनों के पूरक के तौर पर वित्तपोषण के अभिनव तरीकों के जरिए 20,000 करोड़ रुपये जुटाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड के जरिए चार स्थानों पर मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क बनाने के लिए वर्ष 2022-23 में ठेके दिए जाएंगे।
रेलवे

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि रेलवे में ‘एक स्टेशन-एक उत्पाद’ अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा, ताकि स्थानीय व्यवसायों और आपूर्ति शृंखलाओं को आवश्यक मदद मिले सके। इसके अलावा, ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत वर्ष 2022-23 में 2,000 किलोमीटर लंबे नेटवर्क को ‘कवच’ के अंतर्गत लाया जाएगा जो सुरक्षा और क्षमता वर्धन के लिए स्वेदशी विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले तीन वर्षों में बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव दिलाने वाली नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार की जाएंगी और इसके साथ ही मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे।

कृषि

वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि देश भर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके तहत प्रथम चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े कॉरिडोर में स्थित किसानों की भूमि पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। फसल आकलन, भूमि रिकॉर्डों के डिजिटलीकरण और कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि तिलहन आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एक तर्कसंगत एवं व्यापक योजना लागू की जाएगी, ताकि देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाया जा सके।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि 44,605 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली केन-बेतवा संपर्क परियोजना को कार्यान्वित किया जाएगा जिसका उद्देश्य किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधाएं, 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति, 103 मेगावाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्ध कराना है। इस परियोजना के लिए संशोधित बजट अनुमान 2021-22 में 4,300 करोड़ रुपये और वर्ष 2022-23 में 1,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

इसके अलावा, पांच नदी संपर्कों यथा दमनगंगा-पिनजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी की मसौदा डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया गया है और लाभार्थी राज्यों के बीच आम सहमति होने के साथ ही केन्द्र सरकार इसके कार्यान्वयन के लिए आवश्यक सहायता दे देगी।

एमएसएमई

वित्त मंत्री ने यह बात रेखांकित की कि आपातकालीन ऋण लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 130 लाख से भी अधिक एमएसएमई को अत्यंत आवश्यक अतिरिक्त ऋण मुहैया कराया गया है, जिससे उन्हें महामारी के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि विशेषकर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों द्वारा मुहैया कराए जाने वाली आतिथ्य एवं संबंधित सेवाओं का कुल कारोबार अभी तक अपने महामारी-पूर्व स्तर पर नहीं पहुंच पाया है। इन पहलुओं पर विचार करने के बाद ईसीएलजीएस की अवधि मार्च, 2023 तक बढ़ा दी जाएगी।

श्रीमती सीतारमण ने बताया कि इसके गारंटी कवर को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर कुल मिलाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। इसके तहत अतिरिक्त राशि को विशेषकर आतिथ्य एवं संबंधित उद्यमों के लिए निर्दिष्ट किया जा रहा है।

कौशल विकास एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

‘कौशल विकास एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ विषय के बारे में विस्तार से बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न अनुप्रयोगों के जरिए ‘ड्रोन शक्ति’ को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ ‘एक सेवा के रूप में ड्रोन (डीआरएएएस)’ के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी राज्यों में स्थित चुनिंदा आईटीआई में कौशल बढ़ाने के लिए आवश्यक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में आवश्यक चिंतन-मनन को बढ़ावा देने वाले आवश्यक कौशल को प्रोत्साहन देने, रचनात्मकता की गुंजाइश के लिए विज्ञान एवं गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाएं और उन्नत शिक्षण माहौल के लिए 75 कौशल ई-लैब वर्ष 2022-23 में स्थापित की जाएंगी।

देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर व्यक्तिगत तौर पर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। यह विभिन्न भारतीय भाषाओं और आईसीटी फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाएगा। यह विश्वविद्यालय नेटवर्क आधारित हब-स्पोक मॉडल पर बनाया जाएगा, जिसमें हब भवन अत्याधुनिक आईसीटी विशेषज्ञता से युक्त होंगे। देश के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक विश्वविद्यालय और संस्थान हब-स्पोक के नेटवर्क के रूप में सहयोग करेंगे।

स्वास्थ्य

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम’ के लिए एक ओपन प्लेटफार्म चालू किया जाएगा। इसमें चिकित्साकर्मी एवं स्वास्थ्य सुविधाओं, अद्वितीय स्वास्थ्य पहचान, कंसेंट फ्रेमवर्क और सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता को डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि हर घर, नल से जल के लिए 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए 60,000 करोड़ रुपए आवंटित किए जा रहे हैं। इस समय 8.7 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया है और इसमें से 5.5 करोड़ परिवारों को पिछले 2 वर्षों में नल का पानी उपलब्ध करा दिया गया है।

इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के चिन्हित एवं पात्र लाभार्थियों के लिए 80 लाख मकान बनाए जाएंगे। इसके लिए 48,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

उत्तर-पूर्व प्रधानमंत्री विकास पहल

उत्तर-पूर्व परिषद् के माध्यम से ‘उत्तर-पूर्व प्रधानमंत्री विकास पहल’ नामक एक नई योजना चलाई जाएगी। इससे पीएम गतिशक्ति की भावना के अनुरूप उत्तर-पूर्व की जरूरतों के मुताबिक बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक विकास की परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण किया जा सकेगा। इसके लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन किया जा रहा है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में कमियों की भरपाई करते हुए युवाओं एवं महिलाओं के लिए आजीविका से जुड़ी गतिविधियों चलाई जाएंगी।

वित्तीय समावेशन (1.5 लाख डाक घरों में कोर बैंकिंग सिस्टम)

2022 में शत-प्रतिशत 1.5 लाख डाक घरों में कोर बैंकिंग सिस्टम चालू हो जाएगा, जिससे ‘वित्तीय समावेशन’ संभव होगा और 11 नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम के माध्यम से अपना खाता देखा जा सकेगा और डाक घर के खाते से बैंक खाते के बीच धन का ऑनलाइन अंतरण भी हो सकेगा। इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसानों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘इंटर-ऑपरेबिलिटी और वित्तीय समावेशन’ की सुविधा उपलब्ध होगी।

देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष का उत्सव मनाने के लिए सरकार ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के द्वारा देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिटों की स्थापना का प्रस्ताव किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ता तक अनुकूल तरीके से देश के सभी हिस्सों में डिजिटल बैंकिंग की पहुंच कायम हो।

5जी प्रौद्योगिकी

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि सामान्य रूप से दूर संचार और विशेष रूप से 5जी प्रौद्योगिकी, प्रगति और रोजगार के अवसर प्रदान करने में समर्थ बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपेक्षित स्पैक्ट्रम नीलामियों को निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा 2022-23 के भीतर 5जी मोबाइल सेवाओं के आरंभ को आसान बनाने के लिए 2022 में निष्पादित किया जाएगा।

रक्षा

रक्षा के मोर्चे पर हमारी सरकार निर्यातों को कम करने और सशस्त्र बलों के लिए उपकरणों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। पूंजीगत खरीद बजट के 2021-22 में 58 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए 68 प्रतिशत तक धनराशि का प्रावधान किया जाएगा। रक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के कार्यों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट के 25 प्रतिशत हिस्से को उद्योग, स्टार्ट-अप और शिक्षा जगत के लिए खोल दिया जाएगा।

पूंजीगत व्यय में 35.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी (2022-23 में 7.5 लाख करोड़ रुपये का व्यय)

वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि सार्वजनिक निवेश को आगे बने रहने की जरूरत है और 2022-23 में निजी निवेश और मांग को बढ़ाना भी जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए एक बार फिर केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के लिए परिव्यय में तेजी से बढ़ोतरी की गई है। अभी यह चालू वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 35.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके 2022-23 में 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 2019-20 के व्यय से 2.2 गुना से भी अधिक बढ़ गया है और 2022-23 में यह परिव्यय जीडीपी का 2.9 प्रतिशत होगा। इस निवेश के साथ केंद्र सरकार का ‘कारगर पूंजीगत व्यय’ 2022-23 में अनुमानत: 10.68 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा, जो कि जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत होगा।

सहकारी संघवाद (राज्यों की मदद के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन)

सहकारी संघवाद की सच्ची भावना को जाहिर करते हुए केंद्र सरकार ने ‘राज्यों को वित्तीय सहायता के लिए पूंजी निवेश योजना’ के परिव्यय को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालू वर्ष के संशोधित अनुमान में 15,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अलावा 2022-23 के लिए अर्थव्यवस्था में सभी निवेशों को प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्यों की मदद के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। ये 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण राज्यों को दिए जाने वाले सामान्य कर्ज के अलावा हैं। इस प्रकार के आवंटन का इस्तेमाल पीएम गतिशक्ति से जुड़े निवेशों और राज्यों की अन्य उत्पादक पूंजी निवेश में किया जाएगा।

राजकोषीय घाटे में कमी

अपने बजट भाषण के भाग ए को समाप्त करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वर्ष में संशोधित वित्तीय घाटा जीडीपी का अनुमानत: 6.9 प्रतिशत है, जबकि बजट अनुमान में यह 6.8 प्रतिशत है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का अनुमानत: 6.4 प्रतिशत है, जो कि राजकोषीय मजबूती के उस मार्ग के अनुरूप भी है। जिसकी पिछले वर्ष घोषणा की गई थी कि 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से निचले स्तर पर लाया जाएगा। 2022-23 के राजकोषीय घाटे के स्तर को निर्धारित करते समय उन्होंने मजबूती और टिकाऊपन के लिए सार्वजनिक निवेश के माध्यम से प्रगति के पोषण का आह्वान किया।

प्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर के बारे में यह बजट करदाताओं को त्रुटियों में सुधार के लिए दो वर्ष के भीतर अपडेट की हुई आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देता है। यह दिव्यांगजनों के लिए भी कर राहत प्रदान करता है। यह बजट सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर दर और अधिभार में भी कमी लाने का प्रस्ताव करता है। स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहन के तौर पर पात्र स्टार्ट-अप की शुरुआत की अवधि को एक अतिरिक्त वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।

बजट में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच समानता लाने के उद्देश्य से एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर की कटौती की सीमा को बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया गया है। नई विनिर्माण इकाइयों को भी रियायती कर प्रणाली के तहत प्रोत्साहित किया जाएगा। वर्चुअल संसाधनों के अंतरण से प्राप्त आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर वसूल किया जाएगा।

अप्रत्यक्ष कर

अप्रत्यक्ष कर के मामले में केन्द्रीय बजट के अनुसार विशेष आर्थिक क्षेत्रों में सीमा-शुल्क प्रशासन को पूरी तरह से सूचना प्रौद्योगिकी से सक्षम बनाया जाएगा। यह पूंजीगत वस्तुओं एवं परियोजनागत आयातों में रियायती दरों को क्रमिक रूप से हटाने और 7.5 प्रतिशत का साधारण प्रशुल्क प्रदान करता है। बजट में सीमा-शुल्क छूट और प्रशुल्क सरलीकरण की समीक्षा का उल्लेख किया गया है और इसमें 350 से अधिक छूट प्रविष्टियों को धीरे-धीरे हटाए जाने का प्रस्ताव है।

बजट ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन देगा: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को एक बेहतरीन केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन देगा, मांग को बढ़ावा देगा और एक मजबूत, समृद्ध एवं आत्मविश्वास से भरे भारत के लिए क्षमता का निर्माण करेगा।
रक्षा मंत्री ने एक फरवरी को सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि बजट ‘आत्मनिर्भरता’ और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकास तथा जन-हितैषी सुधारों पर सरकार के फोकस को रेखांकित करता है। उन्होंने इसे विकासोन्मुखी बजट कहा, जिसमें न्यू इंडिया की ऊर्जा का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत स्टार्टअप और निजी संस्थाओं के लिए आरक्षित करने के प्रस्ताव को एक उत्कृष्ट कदम बताया।

रक्षा मंत्री ने इस तथ्य की सराहना करते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट में प्रभावी पूंजीगत व्यय के लिए कुल परिव्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 10.6 लाख करोड़ से अधिक कर दिया है, जिसमें से अधिकांश धन का उपयोग देश में सामाजिक और अवसंरचना विकास के लिए किया जायेगा।

घरेलू खरीद के लिए रक्षा खरीद बजट के 68 प्रतिशत आवंटन पर श्री सिंह ने कहा कि यह ‘वोकल फॉर लोकल’ के अनुरूप है और निश्चित रूप से घरेलू रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देगा।

भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनायेगा यह बजट: अमित शाह

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आम बजट को दूरगामी बताते हुए कहा कि यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था में आमूल परिवर्तन लाने वाला साबित होगा। शृंखलाबद्ध ट्वीटों में श्री शाह ने एक फरवरी को कहा कि मोदी सरकार का यह बजट भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनायेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिये मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को बधाई देता हूं।
गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि बजट का आकार बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ रुपये करना, कोविड-19 महामारी के दौरान भी भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत करना बहुत बड़ी उपलब्धि है।

श्री शाह ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता क्षेत्र में एएमटी (वैकल्पिक न्यूनतम कर) दर को 18.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत और सरचार्ज को 12 प्रतिशत से सात प्रतिशत घटाकर दशकों तक सहकारिता क्षेत्र के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करके उसे बाकी क्षेत्रों के बराबर लाने का काम किया है। यह श्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के संकल्प को सिद्ध करने में सहायक होगा।

उन्होंने कहा कि पूंजीगत निवेश को 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये करने के लिये मैं श्री नरेन्द्र मोदी का अभिनन्दन करता हूं।