दीदी ने बीते दस सालों में विकास के नाम पर बंगाल के साथ विश्वासघात किया है: नरेन्द्र मोदी

| Published on:

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 17 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के आसनसोल और गंगारामपुर में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और राज्य की जनता से बंगाल को बर्बाद कर रख देने वाली ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार को जड़ से ख़त्म कर प्रदेश की गौरवशाली संस्कृति को पुनर्प्रतिष्ठित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत सरकार बनाने की अपील की।

श्री मोदी ने कहा कि दीदी ने बीते दस सालों में विकास के नाम पर आपके साथ विश्वासघात किया है। विकास के हर काम के आगे दीदी, दीवार बनकर खड़ी हो गई हैं। 

  • केंद्र सरकार ने 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की आयुष्मान भारत योजना की सुविधा दी, तो दीदी दीवार बन गईं। 
  • केंद्र सरकार ने शरणार्थियों की मदद के लिए कानून बनाया, तो दीदी इसका भी विरोध करने लगीं। 
  • केंद्र सरकार ने मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति के लिए कानून बनाया, तो दीदी फिर आग बबूला हो गईं। 
  • केंद्र सरकार ने किसानों को बिचौलियों से मुक्त करने वाले कानून बनाए, तो दीदी विरोध में उतर आईं।
  • केंद्र सरकार ने किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर करने शुरू किए, तो दीदी ने इससे भी किसानों को वंचित रखा। 

बंगाल को विकास रोकने वाली नहीं, डबल इंजन की सरकार चाहिए। बंगाल की भाजपा सरकार जनता की भलाई के लिए हर उस योजना को लागू करेगी जिसे दीदी की सरकार ने रोका हुआ है।

माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि कूच बिहार में जो हुआ, उस पर कल एक ऑडियो टेप आपने सुना होगा। 5 लोगों की दुखद मृत्यु के बाद दीदी किस तरह राजनीति कर रही हैं, ये इस ऑडियो से सामने आता है। इस ऑडियो में कूचबिहार के टीएमसी नेता को कहा जा रहा है कि मारे गए लोगों के शवों के साथ रैली करो। दीदी, वोटबैंक के लिए कहां तक जाएंगी आप? सच्चाई ये है कि दीदी ने कूचबिहार में मारे गए लोगों की मृत्यु से भी अपना सियासी फायदा करने की सोची। शवों पर राजनीति करने की दीदी को बहुत पुरानी आदत है।

श्री मोदी ने कहा कि दीदी की सरकार ने पश्चिम बंगाल के हर युवा बेटे-बेटी की आकांक्षाओं का दमन किया है। दीदी ने भाइपो की आकांक्षाओं के लिए, भाइपों के करियर के लिए, बंगाल के लाखों युवाओं का भविष्य दांव पर लगा दिया। आज जब हम बड़े-बड़े प्लॉट की बात सुनते हैं, बड़ी-बड़ी गाड़ियों की बात सुनते हैं, हर महीने करोड़ों रुपए की काली कमाई की बात सुनते हैं, तो पता चलता है कि दीदी ने किस तरह अपना सारा ध्यान भाइपो के ही विकास पर लगाया। जब इस गलत नीति के विरुद्ध मैं सवाल उठाता हूं तो दीदी मुझे अपशब्द कहती हैं। कहती हैं, मोदी से कान पकड़वाकर उठक-बैठक करवाएंगी। दीदी, आपने बंगाल की गरीब जनता को लूटने वाले तोलाबाज़ों के कान मरोड़े होते, अपने सबसे प्रिय भाइपो से उठक-बैठक कराई होती तो आज ये दिन ना देखने पड़ते। 

आदरणीय प्रधानमंत्री ने कहा कि 19 मार्च को दीदी ने कहा कि वह मोदी का चेहरा नहीं देखना चाहती। फिर दीदी ने देश के प्रधानमंत्री की तुलना लुटेरे, दंगाई, दुर्योधन, दुशासन से कर दी। 20 मार्च को दीदी ने मुझे श्रमिकों का हत्यारा बताया, दंगा करने वाला बताया। 25 मार्च को दीदी ने जो कहा, वो बताने से पहले बंगाल के संस्कारी लोगों से माफी मांगता हूं। दीदी ने मुझे जो मुझे अपशब्द कहे, मैं उसे मजबूरी में दोहरा रहा हूं। 25 मार्च को दीदी ने कहा – तुम साला खूनी का राजा, खूनी का जमींदार। तुमने सारे पैसे लूट लिए। 26 मार्च को दीदी बोलीं- देश में सिर्फ मोदी की दाढ़ी बढ़ती जा रही है। मोदी के दिमाग के साथ कुछ दिक्कत है, ऐसा लगता है मोदी का कोई स्क्रू ढीला है। 4 अप्रैल को दीदी इस बात पर भड़क गई कि बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि क्या मोदी भगवान हैं और सुपर ह्यूमन हैं। 12 अप्रैल को दीदी ने कहा – जहां मैं जाता हूं, वहां दंगे होने लगते हैं। 13 अप्रैल को दीदी ने फिर से मुझे सबसे बड़ा झूठा कहा, मंदबुद्धि कहा। ये लिस्ट बहुत लंबी है, मैंने कुछ ही अपशब्द आपके सामने प्रस्तुत किये हैं। दीदी के अपशब्दों से मुझे कोई दिक्कत नहीं है। दीदी, आप मुझे जितना कोसना है कोसिए, जितना अपशब्द देना हो, दीजिए लेकिन कम से कम बंगाल की संस्कृति को तो मत भूलिए। देश की जनता बंगाल की समृद्ध विरासत और यहां के लोगों की वाणी-वर्तन पर गर्व करती है। बंगाल की जनता ने पूरी दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया है। इसलिए दीदी के इन अपशब्दों ने मोदी का अपमान किया हो, ऐसा नहीं है। दीदी ने इन अपशब्दों से बंगाल की संस्कृति और यहां की मिठास भरी भाषा को शर्मसार किया है।

श्री मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दीदी के करीबी ने एससी वर्ग के लिए ‘भिखारी’ शब्द का उपयोग किया है। ये बाबा साहेब अंबेडकर, श्री श्री हरिचंद ठाकुर, जोगिंद्रनाथ मंडल जैसी पुण्य आत्माओं के जीवन संघर्ष का बहुत बड़ा अपमान है। भारतीय जनता पार्टी हर बहन-बेटी, चाहे वो किसी भी मत-संप्रदाय की हो, सबकी सुरक्षा, सबका सम्मान और सबको अवसर देने के लिए काम करती है। 

माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने अहंकार में दीदी इतनी बड़ी हो गई हैं कि हर कोई उन्हें अपने आगे छोटा दिखता है। केंद्र सरकार ने अनेक बार अनेक विषयों पर बात करने के लिए बैठकें बुलाई हैं, लेकिन दीदी कोई न कोई कारण बताकर इन बैठकों में नहीं आतीं। जैसे कोरोना पर पिछली दो बैठकों में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आई। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आई। मां गंगा की सफाई के लिए देश में इतना बड़ा अभियान शुरू हुआ, लेकिन दीदी इससे जुड़ी बैठक में भी नहीं आई। एक-दो बार न आने का तो समझ में आता है, लेकिन दीदी ने यही तरीका बना लिया है। दीदी बंगाल के लोगों के लिए कुछ देर का समय नहीं निकाल पातीं। ये उन्हें समय की बर्बादी लगता है। दीदी को कभी आपके विकास की, इस क्षेत्र के विकास की चिंता नहीं रही है। दीदी राजनीतिक विरोध के लिए केंद्र की हर घर जल योजना में भी रोड़े अटकाती हैं। जब दीदी के तोलाबाज, कोरोना के दौरान भेजे गए राशन को लूटते हैं, तो वो उन्हें खुली छूट देती हैं। केंद्रीय टीमें चाहे सहयोग के लिए आएं या फिर करप्शन की जांच के लिए, दीदी उनको रोकने के लिए सारे संसाधन लगा देती हैं। दीदी केंद्रीय वाहिनी ही नहीं, सेना तक को बदनाम करती हैं, राजनीति के लिए झूठे आरोप लगाती हैं।

श्री मोदी ने कहा कि 2018 के पंचायत चुनाव, पश्चिम बंगाल कभी नहीं भूल सकता। बर्धमान से लेकर बांकुरा, बीरभूम और मुर्शीदाबाद के लोगों को आज भी याद है कैसे उनके अधिकारों को छीना गया। आप सोचिए, बंगाल में 20 हजार से ज्यादा पंचायतों में सीधे दीदी के तोलाबाजों को निर्वाचित कर दिया गया। दीदी ने इतना आतंक फैलाया कि एक तिहाई से भी ज्यादा पंचायतों में कैंडिडेट पर्चा तक नहीं भर पाए। हमले के डर से व्हाट्सअप (WhatsApp) तक पर नॉमिनेशन फाइल करने पड़े। जीत के बाद भी जनप्रतिनिधियों को पड़ोसी राज्यों में शरण लेनी पड़ी। लोकतंत्र के इस अपमान से, लोकतंत्र को इस तरह कमजोर किए जाने से सुप्रीम कोर्ट तक ने नाराजगी जताई। लेकिन दीदी ने लोकतंत्र का सम्मान नहीं किया, लोकतंत्र की परवाह नहीं की। दीदी, आप जितनी चाहे साजिशें कर लीजिए, जितनी चाहे कोशिशें कर लीजिए। इस बार आपकी साजिश बंगाल के लोग खुद ही नाकाम कर रहे हैं। इस बार बंगाल के लोगों ने ही आपके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसी की दुखद मृत्यु पर, दीदी की संवेदना भी वोटबैंक का फिल्टर लगाकर ही प्रकट होती है। दीदी, पश्चिम बंगाल आपकी गलत नीतियों से ही परेशान नहीं है बल्कि बंगाल को आपकी नीयत पर भी शक है।

आदरणीय प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 साल तक दीदी ने बंगाल को भेदभाव और पक्षपात वाली सरकार दी है। हालात तो ये है कि स्पोर्ट्स क्लबों, खिलाड़ियों तक की मदद में भी दीदी ने भेदभाव किया। जो स्पोर्ट्स क्लब दीदी का गुण गाए, उसे पैसा। जो खेल पर अपना ध्यान दे, वो स्पोर्ट्स क्लब यहां पैसे के लिए तरसता है। जो विकास पर विरोध को, विश्वास पर प्रतिशोध को, सुशासन पर राजनीति को, प्राथमिकता देती है, ऐसी सरकार पश्चिम बंगाल का भला नहीं कर सकती। इसलिए बंगाल को ‘असोल पोरिबोर्तन’ चाहिए। यही स्थिति यहां के कुटीर उद्योग, यहां के हस्तशिल्प, बुनकरों को, यहां के ‘मुख शिल्प’ की है जिसकी दीदी ने सुध तक नहीं ली। बीजेपी के लिए ये आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े स्रोत हैं, लेकिन टीएमसी के तोलाबाज़ किसी को नहीं छोड़ते।

श्री मोदी ने कहा कि दिनाजपुर का ‘कटारी भोग चाल’ और ‘तुलाईपंजी चाल’, यहां की शान है। लेकिन दीदी के राज में धान उगाने वाला कृषक मंडी के लिए परेशान है, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज सिंडिकेट से, बिचौलियों से, तोलाबाजों से परेशान है। मां गंगा ने अपने विशाल आंचल में हर तरफ बीजेपी को आशीर्वाद दिया है। 2 मई के बाद इसमें पश्चिम बंगाल भी जुड़ने वाला है। साइकिल से लेकर रेल तक, पेपर से लेकर स्टील तक, एल्यूमिनियम से लेकर ग्लास तक, ऐसे अनेक कारखानों में, यहां की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए पूरे देश से लोग यहां आते रहे। लेकिन बंगाल में जो सरकारें रहीं, उनके कुशासन ने आसनसोल को कहां से कहां पहुंचा दिया। जहां लोग चाकरी के लिए आते थे वहां से पलायन कर रहे हैं। मां-माटी-मानुष की बात करने वाली दीदी ने यहां हर तरफ माफिया राज फैला दिया है। आसनसोल की प्राकृतिक संपदा को लूटने के लिए कोयला माफिया। नदियों की बालू को लूटने के लिए अवैध खनन माफिया। सरकारी जमीन पर कब्जे के लिए भूमाफिया। यहां सालनपुर, बाराबनी, जमुरिया रानीगंज, उखड़ा, बल्लालपुर से लेकर बांकुड़ा बॉर्डर तक अवैध कोयला खनन का साम्राज्य फैला हुआ है। यहां का कोयला, रेत और दूसरे खनिजों का काला माल कहां तक पहुंचता है, किस-किस तक पहुंचता है, ये हर कोई जानता है। 02 मई को बंगाल में विकास के नए सूरज का उदय होने वाला है।