घरेलू यात्रियों की संख्या 2014 में 60 मिलियन से दोगुनी से अधिक बढ़कर 2020 में 143 मिलियन हो गई: श्री सिंधिया

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मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज नई दिल्ली में नागर विमानन मंत्रालय की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विमानन क्षेत्र, जो कुछ ही लोगों तक सीमित था, अब आम आदमी की पहुंच के दायरे में है।”

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है। घरेलू यात्रियों की कुल संख्या 2014 में 60 मिलियन थी जो कोविड-19 से पहले 2020 में दोगुनी से अधिक बढ़कर 143 मिलियन हो गई थी। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 43 मिलियन से बढ़कर 64 मिलियन (लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि) हो गई है। विमान के संदर्भ में, कोविड-19 के प्रभाव के बावजूद विमानों की संख्या 2014 में लगभग 400 से बढ़कर 2023 में 723 हो गई है।

वर्ष 2014 तक, देश में केवल 74 हवाईअड्डों में कामकाज हो रहा था। मार्च 2023 तक, सरकार ने 74 अन्य हवाईअड्डों/हेलीकॉप्टरों/वाटर एयरोड्रोमों में कामकाज शुरू कर दिया और भारत सरकार का लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर 220 तक ले जाना है।

पिछले 9 वर्षों के दौरान, 11 और ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों में कामकाज शुरू किया गया है। उड़ान योजना के तहत, देश में आरसीएस उड़ानों के संचालन के लिए 25 वाटर एयरोड्रोम और 40 हेलीपैड सहित 180 आरसीएस हवाईअड्डों की पहचान की गई है। अब तक, 1152 वैध आवंटित आरसीएस मार्गों में से, 475 आरसीएस मार्गों पर आवागमन शुरू हो गया है जो 9 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित 74 हवाईअड्डों को जोड़ते हैं।

आरसीएस उड़ान योजना के तहत 121.67 लाख यात्रियों ने यात्रा की है और आरसीएस उड़ान के उड़ानों के संचालन के लिए चुने हुए एयरलाइन ऑपरेटरों को 11 अप्रैल 2023 तक लगभग 2585.25 करोड़ रुपये की वीजीएफ राशि जारी की गई है। हाल ही में, उड़ान 5.1 का शुभारंभ विशेष रूप से हेलीकॉप्टर मार्गों के लिए किया गया है।

जून 2016 में उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) की संख्या 29 थी। आज की तारीख में 54 बेस के साथ यह संख्या बढ़कर 35 हो गई है। दिसंबर, 2023 तक, 9 और बेस जोड़े जाने की संभावना है, जिससे बेस की संख्या 63 हो जाएगी। वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर 2019-20 तक, 5.66 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ 24 एएआई प्रबंधित हवाईअड्डों और 6 जेवी/पीपीपी हवाईअड्डों पर उपलब्ध कार्गो सुविधाओं के जरिए ढुलाई किया गया कुल कार्गो 25.27 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 33.28 लाख मीट्रिक टन हो गया।

घरेलू उड़ानों के यात्रियों के लिए “डिजी यात्रा” का शुभारंभ किया गया है। डिजी यात्रा हवाईअड्डों पर एक सहज, परेशानी मुक्त और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से मुक्त यात्री प्रक्रिया के लिए एक नया वैश्विक मानदंड स्थापित कर रही है। इसे तीन हवाईअड्डों यानी दिल्ली, बंगलुरु और वाराणसी में 1 दिसंबर, 2022 को और चार अन्य हवाईअड्डों – हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा में मार्च, 2023 में प्रांरभ किया गया था। इसके बाद, इसे देश के विभिन्न हवाईअड्डों में लागू किया जाएगा।

हवाई किराए के विषय पर पूछे गए सवाल के जवाब में, केन्द्रीय मंत्री ने दो दिन पहले एयरलाइन ऑपरेटरों के साथ हुई अपनी बैठक के बारे में जानकारी दी, जिसके परिणामस्वरूप किराए में कमी आई है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा,  “दुर्भाग्यपूर्ण ओडिशा त्रासदी के मामले में, एयरलाइंस को यह सलाह दी गई है कि वे मृतकों के परिवारों को निशुल्क कैरिज (कार्गो) सेवाएं प्रदान करें।”

केन्द्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि नागर विमानन मंत्रालय की भूमिका एक नियामक की नहीं, बल्कि एक सुविधाप्रदाता की है।